मध्य प्रदेश के एक पुलिसकर्मी का वीडियो वायरल हो रहा है। इसमें पुलिसकर्मी को साँप को अपने हाथ में उठाकर कान से सटाते और मुँह पकड़कर साँस देते देखा जा सकता है। पुलिसकर्मी का दावा है कि साँप कीटनाशक वाले पानी से बेहोश हो गया था। उसने सीपीआर देकर उसकी जान बचा दी।
वीडियो में दिख रहे पुलिसकर्मी की पहचान अतुल शर्मा के तौर पर बताई जा रही है। वह नर्मदापुरम के हरचंद सेमरी चौकी में बतौर कॉन्स्टेबल तैनात हैं। बताया जाता है कि उन्हें तवा कॉलोनी में एक साँप के मिलने की सूचना मिली थी। मौके पर पहुँचकर पाया कि साँप बेसुध था। वह चलने फिरने में भी अक्षम था। अतुल शर्मा ने बताया कि साँप के शरीर में गन्दा पानी चला गया था, जिसमें कीटनाशक मिला हुआ था।
A police constable in Madhya Pradesh is giving CPR to a snake that had fallen unconscious after being exposed to pesticide-laced water. The constable, Atul Sharma, used mouth-to-mouth resuscitation to revive the snake, which was later released safely.#Viral #Snake #CPR pic.twitter.com/2uwV957jTf
— AH Siddiqui (@anwar0262) October 26, 2023
अतुल शर्मा लम्बे समय से वन्यजीवन संरक्षक का काम कर रहे हैं। उन्होंने मीडिया को बताया कि वे 2008 से लेकर अब तक 500 से ज्यादा साँपों का जीवन बचा चुके हैं। लेकिन यह पहला मौका था जब उन्होंने साँप को सीपीआर दी है। वायरल वीडियो में दिखता है कि सीपीआर देने के कुछ समय बाद साँप हरकत करने लगता है। साँप के सही होने के बाद मौके पर मौजूद लोगों ने ‘राधे-राधे’ का उद्घोष भी किया।
बताया गया कि लोगों ने साँप को निकालने के लिए घर में कीटनाशक मिला हुआ पानी भर दिया था जो कि साँप ने पी लिया। अतुल शर्मा ने साँप के पेट से पानी भी निकाला और उसे साफ़ पानी दिया। साँप के सही हालत में आने के बाद उन्होंने उसे जंगल में छोड़ दिया।
हालाँकि, पशु चिकित्सकों का कहना है कि साँप को इस तरीके से सीपीआर देना संभव नहीं है। साँप ने वातावरण के अनुसार अपने आप को ढाल लिया होगा, इसलिए वह वापस सही हालत में आ गया होगा।
अतुल शर्मा ने मीडिया को बताया है कि जिस साँप को उन्होंने सीपीआर दी है, वह धामन प्रजाति का था और इसमें जहर नहीं होता। इसे रैट स्नेक भी कहा जाता है। अतुल साँप की प्रजाति पहचान गए थे इसलिए उन्होंने उसे बिना डरे सीपीआर दिया।
अतुल शर्मा मध्य प्रदेश के छिंदवाड़ा जिले के रहने वाले हैं। उन्हें साँप पकड़ने में दक्षता हासिल है, वह यह काम 12वीं कक्षा से करते आ रहे हैं। पुलिस में भर्ती होने के बाद भी वह रेस्क्यू करते हैं।