जम्मू एवं कश्मीर की राजधानी श्रीनगर में स्थित ऐतिहासिक जामिया मस्जिद में एक बार फिर जुमे की नमाज अदा करने की इजाजत नहीं दी गई। रिपोर्ट्स के मुताबिक, गाजा में इजरायली कार्रवाई के खिलाफ विरोध प्रदर्शन की आशंका के बीच पिछले 2 हफ्तों की तरह इस बार भी मस्जिद को आम नमाजियों के लिए नहीं खोला गया। अधिकारियों ने बताया कि शहर के नौहट्टा इलाके में स्थित मस्जिद बंद रही और कानून-व्यवस्था बनाए रखने के चलते सुरक्षाकर्मी इसके आपसपास तैनात रहे।
‘कश्मीर की अवाम फिलिस्तीनियों के साथ खड़ी है’
कश्मीरी अलगाववादी नेता मीरवाइज उमर फारूक के नेतृत्व वाली हुर्रियत कॉन्फ्रेंस ने इस मुद्दे पर बात करते हुए कहा कि ऐतिहासिक जामिया मस्जिद को बार-बार बंद किया जाना और मीरजवाइज की ‘नजरबंदी’ यह याद दिलाती है कि जम्मू-कश्मीर में हालात सामान्य नहीं हैं। हुर्रियत कॉन्फ्रेंस ने कहा कि कश्मीर के लोग प्रतिबंधों और खुद पर लगी पाबंदियों के बावजूद फिलिस्तीनी लोगों के साथ खड़े हैं। हुर्रियत ने कहा कि युद्ध से कभी शांति कायम नहीं हो सकती और यह केवल तबाही की ओर ले जाता है, इससे अधिक अविश्वास, असुरक्षा और बर्बरता जन्म लेती है।
‘इंसानियत पर धब्बा है फिलिस्तीनियों के खिलाफ जंग’
हुर्रियत ने कहा, ‘गाजा में बमबारी करके हजारों बच्चों को मार डाला गया, अस्पतालों और घरों को जमींदोज किया जा रहा है, फिलिस्तीनियों के खिलाफ जंग इंसानियत पर एक धब्बा है। यह बेरोकटोक जारी है और जो लोग मानवाधिकारों तथा स्वतंत्रता के पैरोकार होने का दावा करते हैं वे इसका समर्थन कर रहे हैं या चुप हैं।’ बता दें कि 7 अक्टूबर को आतंकी संगठन हमास ने इजरायल पर एक दुस्साहसी हमला किया था जिसमें 1400 से ज्यादा लोग मारे गए थे। इसके अलावा हमास ने गाजा में 220 से ज्यादा लोगों को बंधक बना रखा है। इजरायल ने गाजा में जवाबी हमले शुरू किए, जिसमें हजारों लोगों की मौत हो चुकी है।