मंगलवार को दिल्ली नगर निगम की बैठक में सदन की मंजूरी गए 58 में से 54 प्रस्तावों को मंजूरी दे दी गई। इस दौरान नगर निगम की बैठक में दिल्ली में धार्मिक स्थलों के आसपास मीट की दुकान खोलने को लेकर नीति को मंजूरी दी गई।
नई नीति के तहत यह है दूरी
नई पारित नीति के तहत किसी भी धार्मिक स्थल के 150 मीटर के दायरे में मांस की दुकान खोलने पर प्रतिबंध रहेगा। नई नीति के मुताबिक, मीट की दुकान और धार्मिक स्थल या श्मशान घाट के बीच न्यूनतम दूरी 150 मीटर से कम नहीं होनी चाहिए।
प्रस्ताव में जिक्र किया गया कि अगर लाइसेंस मिलने के बाद पूजा स्थल अस्तित्व में आता है तो एमसीडी दुकान और धार्मिक स्थल के बीच की दूरी पर विचार नहीं करेगी। यदि आवेदक मस्जिद समिति या इमाम से एनओसी प्राप्त करता है, तो यह मस्जिद के आसपास सूअर के मांस को छोड़कर अनुमोदित प्रजातियों की बिक्री करने वाली मांस की दुकान खोलने की अनुमति देता है।
मीट मर्चेंट्स एसोसिएशन ने किया विरोध
इधर दिल्ली मीट मर्चेंट्स एसोसिएशन ने नीति का विरोध करते हुए कहा कि इससे भ्रष्टाचार को बढ़ावा मिलेगा। एसोसिएशन ने कहा कि अगर नीति वापस नहीं ली गई तो वह मामले को अदालत में ले जाएगी और एमसीडी पर प्रदर्शन करने की धमकी दी। नीति के मुताबिक मीट की दुकान और धार्मिक स्थल के बीच की दूरी सार्वजनिक रास्ते या सड़क से ही मापी जाएगी।
एमसीडी के अधिकार क्षेत्र में मांस की दुकानों के लिए नए या नवीनीकृत लाइसेंस देने की नीति पशु चिकित्सा सेवा विभाग द्वारा अधिसूचना जारी होने के बाद लागू होगी और अन्य सभी मौजूदा नीतियों की जगह लेगी। धार्मिक स्थलों पर आने वाले लोगों की भावनाओं को ध्यान में रखते हुए इसे मंजूरी दी गई है।
लाइसेंस के लिए तय की गई फीस
पॉलिसी में पूर्ववर्ती उत्तर, दक्षिण और पूर्वी निगमों में मांस की दुकानों के लिए लाइसेंस जारी करने और नवीनीकरण के लिए दुकानों के लिए 18,000 रुपये और प्रोसेसिंग यूनिट के लिए 1.5 लाख रुपये तक की फीस तय की गई है। लाइसेंस दिए जाने की तारीख से हर तीन वित्तीय वर्षों के बाद सभी शुल्क और जुर्माने में 15 प्रतिशत की बढ़ोतरी की जाएगी।