विपक्षी नेताओं के एपल फोन में कथित रूप से जासूसी से जुड़ा नोटिफिकेशन आने के बाद सियासत तेज है. कांग्रेस, आम आदमी पार्टी, समाजवादी पार्टी, शिवसेना के नेताओं के फोन में इस तरह के नोटिफिकेशन आए थे. आरोप-प्रत्यारोप के बीच एपल ने भी सफाई पेश की लेकिन इसके बाद केंद्र सरकार ने मामले में जांच के आदेश दिए हैं. आईटी सेक्रेटरी एस कृष्णन ने बताया कि इंडियन कंप्यूटर इमरजेंसी रिस्पॉन्स टीम मामले की जांच कर रही है और इसके बाद ही कुछ स्पष्ट हो पाएगाा. CERT कुछ हफ्ते के अंदर अपनी रिपोर्ट दे सकता है.
विपक्षी नेताओं ने आरोप तब लगाया जब उनके iPhone में एक नोटिफिकेशन आया कि, “राज्य प्रायोजित अटैकर आपके फोन के साथ ऑनलाइन माध्यम से छेड़छाड़ कर सकते हैं.” यह नोटिफिकेशन कांग्रेस नेता शशी थरूर, समाजवादी पार्टी के चीफ अखिलेश यादव, टीएमसी सांसद महुआ मोइत्रा और उद्ध ठाकरे की अगुवाई वाली शिवसेना की सांसद प्रियंका चतुर्वेदी के फोन में आए थे.
आईटी मंत्री अश्विनी वैष्णव ने दिए जांच के आदेश
मामल की जांच शुरू करते हुए CERT ने एपल को भी नोटिस भेजा है. एपल को भी जांच में सहयोग करने का निर्देश दिया गया है. CERT कुछ हफ्तों के अंदर अपनी रिपोर्ट सौंप सकता है जिसके बाद ही विपक्षी नेताओं के दावों पर कुछ स्पष्ट होगा. मंगलवार को आईटी मंत्री अश्विनी वैष्णव ने जांच करने के निर्देश दिए थे. पार्लियामेंट्री स्टैंडिंग कमेटी भी मामले की पड़ताल करेगी. जल्द ही एपल और CERT के अधिकारियों को आईटी मंत्रालय समन भी भेज सकता है.
Apple has also claimed that Apple IDs are securely encrypted on devices, making it extremely difficult to access or identify them without the user's explicit permission. This encryption safeguards the user's Apple ID and ensures that it remains private and protected.(3/5)
— Ashwini Vaishnaw (@AshwiniVaishnaw) October 31, 2023
2021 में सामने आया था पेगासस केस
भारत में जासूसी से संबंधित ये आरोप पहली बार नहीं है. 2021 में, रिपोर्टें सामने आईं कि भारत सरकार ने राहुल गांधी सहित पत्रकारों, कार्यकर्ताओं और राजनेताओं की निगरानी के लिए इजराइल के एनएसओ समूह द्वारा बनाए गए पेगासस स्पाइवेयर का इस्तेमाल किया था. हालांकि, सरकार ने इन दावों की न तो पुष्टि की है और न ही खंडन किया है.