उत्तरकाशी की सुरंग में मजदूरों को फंसे आज 10 दिन हो गए हैं. फंसे हुए मजदूरों को निकालने के लिए हर संभव प्रयास किए जा रहे हैं. मंगलवार सुबह एक अच्छी खबर मिली और 10 दिनों में पहली बार वॉकी-टाकी के जरिए मजदूरों से बात करने की कोशिश की गई. पहली बार अंदर फंसे मजदूरों का वीडियो भी सामने आया, जहां सभी कुशल मंगल दिखे. वर्टिकल ड्रिलिंग के लिए मशीन भी पहुंच गई है और अब रेस्क्यू के लिए दूसरे छोर से सुरंग निर्माण का काम किया जा रहा है. इस बीच टीवी9 भारतवर्ष ने बात की सुरंग में फंसे गब्बर सिंह नेगी (52) के परिवार से, जो अंदर फंसे लोगों का हौसला बढ़ा रहे हैं. वो यहां सुपरवाइजर के तौर पर काम करते हैं.
बता दें कि गब्बर सिंह नेगी के बेटे आकाश सिंह नेगी पहले ही दिन से वहां पर थे. आकाश सिंह नेगी ने टीवी9 भारतवर्ष को बताया कि वो कोटद्वार के रहने वाले हैं. बीते रविवार को ही उत्तरकाशी से घर लौटे हैं. वह सुरंग के पास ही थे और रोजाना पिता से बातचीत करते थे. आकाश ने बताया कि उनके पिता गब्बर सिंह ने कहा कि वो लोगों को हौंसला दे रहे हैं. सभी से कह रहे हैं कि धबराने की जरूरत नहीं है. कंपनी हम सभी को निकालने में जोर-शोर से लगी हुई है. उनका यही हौंसला वहां मौजूद अन्य मजदूरों की हिम्मत बढ़ाए हुए है.
आकाश सिंह नेगी ने बताया कि उनके पिता गब्बर सिंह ने बताया कि फिलहाल सभी लोग सकुशल हैं. उन तक खाना-पीना भी रोज पहुंच रहा है. जब आकाश से ये पूछा गया कि अचानक आप उत्तरकाशी से कोटद्वार वापस क्यों आ गए तो आकश ने कहा कि मैं कपड़े नहीं ले गया था तो वापस आना पड़ा. मैं वहां शुरुआत से था. मेरे पापा पांच साल से उत्तरकाशी में हैं.
गब्बर सिंह नेगी की पत्नी ने टीवी9 भारतवर्ष से बातचीत में कहा कि मेरे पति 12 तारीख से सुरंग में फंसे हुए हैं. इस कंपनी से 23 साल से जुड़े हैं. एक बार और पहले भी फंसे थे, लेकिन उन्होंने कभी इस बात को परिवार को बताया नहीं था. तब सात दिन में निकल आए थे. कंपनी के जरिए हमें बाद में इस बात की जानकारी दी गई थी. उनकी मां को इस बारे में कुछ नहीं बताया, क्योंकि वो बहुत बूढ़ी हैं.
गब्बर सिंह नेगी की पत्नी और दोनों बेटों ने अपील की है कि सरकार जल्द से जल्द गब्बर सिंह को सकुशल बाहर निकालेय. वहीं सुरंग में फंसे गबर सिंह नेगी की प्रशासन ने वॉकी टॉकी के जरिए उनके भाई से भी बात कराई. जिस पर उन्होंने कहा कि यहां सब ठीक-ठाक है. कोई चिंता न करे. हम सब जल्द ही बाहर आ जाएंगे. मैं इन सभी 40 लोगों का ध्यान रख रहा हूं और बस अब जल्दी बाहर आ जाएंगे. घर में सबको कहना कोई चिंता न करे, जल्दी मिलते हैं.