इजराइल और हमास के बीच जंग जारी है। मुंबई आतंकी हमले यानी 26/11 के हमले के 15 साल बाद इजराइल ने लश्कर ए तैयबा को आतंकी संगठन घोषित किया है। इजराइल ने यह कदम ऐसे समय उठाया है, जब मुंबई आतंकी हमलों को 5 दिन बाद 15 साल पूरे होने वाले हैं। इजराइल ने लश्कर को आतंकी संगठन इसलिए भी घोषित किया है क्योंकि वह चाहता है कि भारत भी हमास को आतंकी संगठन घोषित करे। इसके लिए वह पहले भी मांग कर चुका है। बता दें कि भारत ने अभी तक हमास को आतंकी संगठन का दर्जा नहीं दिया है।
लश्कर के खिलाफ यह एक्शन लेने के बाद इजराइल की सरकार ने एक स्टेटमेंट भी जारी किया। इसमें कहा गया है कि भारत सरकार ने इजराइल से ऐसा करने का अनुरोध नहीं किया। इसके बाद भी इजरायल ने अपनी तरफ से सभी प्रक्रियाएं पूरी कर लीं और लश्कर-ए-तैयबा को आतंकवादी संगठन की सूची में डाल दिया।
इजरायल की लिस्ट में कौन से हैं आतंकी संगठन?
इजराइल की ओर से जारी बयान में कहा गया कि नियमों के मुताबिक इजराइल उन आतंकी संगठनों को ही अपनी टेरर लिस्ट में शामिल करता है, जो इजरायल की सीमा के अंदर या उसके आसपास एक्टिव होकर इजराइल के खिलाफ काम कर रहे हैं। ऐसा ही भारत के मामले में भी है। इसके अलावा वैश्विक स्तर पर यूएनएससी या अमेरिकी राज्य विभाग के द्वारा घोषित किए गए आतंकी संगठनों को भी इजरायल अपनी टेरर लिस्ट में शामिल करता है।
भारत से क्या चाहता है इजराइल?
दरअसल, इजराइल पर जब से हमास की ओर से 7 अक्टूबर को बड़ा हमला किया गया। तभी से वह अमेरिका के साथ ही भारत जैसे देशों से भी हर तरह की मदद मांग रहा है। इजराइल चाहता है कि यूएन हो या कोई और प्लेटफॉर्म भारत खुलेआम अमेरिका की तरह आए और इजराइल का खुलकर समर्थन करे। वहीं भारत की यह नीति रही है कि वह इजराइल पर हमले का जोरदार विरोध करता है, हालांकि गाजा में मारे जा रहे निर्दोष लोगों के प्रति भी सहानुभूति और संवेदना जताता है। साथ ही वह मानवीय सहायता भी मिस्र के रास्ते गाजा में भेज रहा है।