उत्तर प्रदेश के गोमतीनगर थाना क्षेत्र में मंगलवार को हुए भीषण सड़क हादसे पर पुलिस ने जानकारी साझा की है. पुलिस के मुताबिक 21 नवंबर को सुबह एडिशनल एसपी श्वेता श्रीवास्तव के बेटे की दुर्घटना में मौत के मामले में दो लोगों को गिरफ्तार किया गया है. पुलिस ने दोनों आरोपियों से गाड़ी भी बरामद की है. आरोपियों ने पूछताछ में बताया कि देवश्री वर्मा के चाचा ने एक नई एक्सयूवी 700 दो महीने पहले खरीदी और उसके चाचा लखनऊ में एक कार्यक्रम में शामिल होने आए थे.
डीसीपी ईस्ट आशीष श्रीवास्तव ने बताया कि देवश्री ने पूछताछ में इस बात को कबूल किया कि वह और उसका साथी दोनों ही गाड़ी को तेज रफ्तार के साथ चलाना चाहते थे इसलिए रात को उसने अपने चाचा से गाड़ी की चाबी चुरा ली. देवश्री वर्मा और उसका साथी सार्थक सिंह शर्त लगाकर गाड़ी चला रहे थे. दोनों आरोपियों में से सार्थक के पास ही लर्निंग लायसेंस है. वह दोनों गाड़ी लेकर जी20 रोड पर पहुंचे. देवश्री वर्मा गाड़ी चला रहा था उसके बाद सार्थक सिंह ने गाड़ी का स्टेयरिंग हाथ में लिया उसी दौरान फुटपाथ पर चले रहे एक शख्स पर उन्होंने गाड़ी चढ़ा दी.
पूरे मामले में सार्थक को मुख्य आरोपी बनाया गया है. वहीं सार्थक पिता पर भी 201 की कार्रवाई की जा रही है, क्योंकि सार्थक ने जब घर जाकर पूरा कहानी बताई तो उसके पिता ने गाड़ी को छिपाने की कोशिश की थी. लेकिन पुलिस ने रैकी करते हुए गाड़ी भी जब्त कर ली है. एडिशनल एसपी के बेटे को एसयूवी से रौंदने के मामले में पुलिस ने यह खुलासे किए हैं. पुलिस ने देवश्री और सार्थक पर गैर इरादतन हत्या के मामले में कार्रवाई करते हुए गिरफ्तारी की गई है.
जानकारी के मुताबिक आरोपी छात्रा सार्थक एमिटी यूनिवर्सिटी में बीबीए कर रहा है. वहीं देवश्री वर्मा इंजीनियरिंग का छात्र है. पुलिस ने सफेद कलर की एक्सयूवी यूपी 32 एनटी 6669 बरामद कर ली है. यह गाड़ी कानपुर के ज्वैलर अंशुल वर्मा की है. ज्वैलर अंशुल देवश्री के रिश्ते में चाचा लगते हैं. पुलिस ने दोनों आरोपियों और गाड़ी की पहचान सीसीटीवी फुटेज से की है. सार्थक के पिता रविंद्र सिंह उर्फ पप्पू बाराबंकी से रामनगर से सपा जिला पंचायत सदस्य रह चुके हैं.