कोरोना महामारी के बाद चाइना में फैल रहे H9N2 श्रेणी के निमोनिया वायरस के बारे में सुनकर एक बार फिर दुनिया के अलग-अलग देशों में डर बैठ गया है। 2 दिन पहले ही खबर आई थी कि 24 घंटे में वहाँ इस बीमारी से पीड़ित 13 हजार संदिग्ध मिले और अब भी वहाँ की हालत खराब ही है एक दिन में 7000 से ज्यादा केस आ रहे हैं। अस्पतालों में बीमार बच्चों की संख्या बढ़ती जा रही है। वहाँ की स्थिति देखते हुए डॉक्टरों ने भारतीयों को सचेत करना शुरू कर दिया है।
Scenes from hospital after mysterious pneumonia outbreak in China. Children most affected.
Guys,are you ready for work from home and long holiday. Love from 🇨🇳 #china #pneumonia
pic.twitter.com/ywXnQzEjvx
— Xi jingping (Parody) (@xipingaoc) November 23, 2023
बच्चों को बचाएँ
NDTV रिपोर्ट के अनुसार, राम मनोहर लोहिया अस्पताल के निदेशक डॉ अजय शुक्ला ने बताया कि चीन में फैली बीमारी से पीड़ित अभी भारत में कोई बच्चा नहीं है। हालाँकि वह लोगों से अपील करते हैं कि सांस संबंधी बीमारी से बच्चों को बचाने के लिए साफ-सफाई पर ध्यान दें।
डॉक्टर शुक्ला ने कहा, “मैं बस लोगों को सावधान रहने की सलाह दूँगा। साफ-सफाई रखें और यदि आपको लगता है कि कोई है, जिसे यह साँस संबंधी बीमारी या संक्रमण है, क्योंकि इनमें से बहुत से मामले वायरल हैं और वे दूसरे इसकी चपेट में आ सकते हैं, तो दूसरों से दूरी बनाए रखने का प्रयास करें।”
डॉक्टरों का कहना है कि साँस संबंधी बीमारी से बचने के लिए आपको N95 और N99 मास्क का उपयोग करना चाहिए। साथ ही समय-समय पर अपने हाथ धोएँ और सुरक्षित, स्वस्थ व्यवहार बनाए रखें। इसी तरह डॉक्टरों का बच्चों को लेकर सलाह है कि अगर बच्चे स्कूल जा रहे हैं, तो इस बात का विशेष ध्यान रखें कि उन्हें खाँसी, जुकाम, बुखार या अन्य कोई लक्षण तो नहीं है? उनसे बात करें और पूछें कि क्या उनकी कक्षा में कोई बच्चा इस बीमारी से पीड़ित है? यदि ऐसा होता है, तो स्कूल टीचर को इसके बारे में सूचित करें और यदि आपका बच्चा बीमार है तो उसे स्कूल न भेजें।
भारत बीमारी से निपटने के लिए तैयार
केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने भी इस विषय पर बैठक कर कहा कि स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय उत्तरी चीन में बच्चों में एच9एन2 मामलों के फैलने और श्वसन संबंधी बीमारियों के समूहों पर बारीकी से नजर रख रहा है। मंत्रालय ने इस बीमारी के बारे में बताने के साथ यह भी कहा था कि भारत मौजूदा स्थिति से उत्पन्न होने वाली किसी भी प्रकार की आपात स्थिति के लिए तैयार है।
WHO की चिंता
बता दें कि चीन में फैल रही ये रहस्यमयी बीमारी ने WHO की चिंता को भी बढ़ा दिया है। बताया जा रहा है कि विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) चीन पर इसके प्रकोप पर अधिक विवरण प्रदान करने और अप्रत्याशित वृद्धि के परिणामस्वरूप बेहतर प्रतिक्रिया तंत्र की तलाश करने के लिए दबाव डाल रहा है।
चीन ने अक्टूबर में दी थी वायरस की जानकारी
इस बीमारी के बारे में चीन के राष्ट्रीय स्वास्थ्य आयोग ने 13 नवंबर को एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में सूचना दी थी। बताया गया कि कुछ समय से साँस लेने संबंधी बीमारियों, विशेष रूप से इनफ्लूएँजा, माइकोप्लाज्मा निमोनिया, छोटे बच्चों को प्रभावित करने वाला एक सामान्य जीवाणु संक्रमण और श्वसन सिंकाइटियल वायरस में वृद्धि देखी जा रही है। इसके बाद धीरे-धीरे इस बीमारी पर खबरें आने लगीं। चाइना के नेशनल रेडियो ने भी बताया कि कि बीजिंग चिल्ड्रेन्स हॉस्पिटल में प्रतिदिन औसतन 7,000 मरीज भर्ती होते हैं, जो अस्पताल की क्षमता से अधिक है।