लम्बे समय से चर्चा थी कि भारत अपने मानव अंतरिक्ष मिशन में नासा को सहयोगी बनाएगा या रूस को, एक दो दिन में इसका जवाब मिल सकता है. इस सवाल के जवाब को लेकर बिल नेल्सन का भारत दौरा अहम माना जा रहा है. नासा प्रमुख बिल नेल्सन सोमवार को भारत पहुंचेंगे. अमेरिकी स्पेस एजेंसी नासा ने इसकी पुष्टि की है. वो अंतरिक्ष मिशन की कई बैठकों में शामिल होंगे. बैठक का मुख्य एजेंडा 2024 में लॉन्च होने वाला मिशन निसार होगा, जिस पर दोनों एजेंसियां मिलकर काम कर रही हैं.
बिल नेल्सन सोमवार को बेंगलुरू स्थित इसरो मुख्यालय पहुंचेंगे. उनका यह दौरा इसलिए भी अहम क्योंकि कुछ समय पहले अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन ने कहा था कि अंतरिक्ष में भारत और अमेरिका मिलकर उड़ान भरने के लिए तैयार है.
नासा चीफ नेल्सन की भारत यात्रा क्यों है अहम?
नेल्सन की यात्रा भारत और अमेरिका के अगले स्पेस मिशन के लिए महत्वपूर्ण है. नासा ने खुद कहा है कि नेल्सन इसरो के साथ 2024 में लॉन्च होने वाले निसार मिशन को लेकर दौरा करेंगे. वह भारतीय अंतरिक्ष वैज्ञानिकों के साथ निसार मिशन के बारे में कई जानकारियां साझा करेंगे.
2024 में लॉन्च किए जाने वाले भारतीय मिशन निसार के लिए अमेरिकी एजेंसी नासा और इसरो के बीच सहमति बनी है. दोनों मिलकर ऐसे स्पेसक्राफ्ट को अंतरिक्ष में भेजेंगे जो धरती पर नजर रखेगा. यह धरती की जलवायु समेत कई तरह की जानकारियां देगा. धरती की भौगोलिक स्थितियों में जैसे दलदली जमीन, जंगलों समेत कई हिस्सों नजर रखी जा सकेगी. इसके साथ ही प्राकृतिक खतरों, जलवायु परिवर्तन, पानी और खेती-किसानी समेत कई मामलों में नई-नई जानकारियां हासिल होंगी.
यह दोनों एजेंसियों का पहला उपग्रह मिशन है. वर्तमान में इसकी लॉन्चिंग से पहले होनी वाली टेस्टिंग चल रही है.चंद्रयान-3 में सफल लैंडिंग करके इसरो ने पहले ही इतिहास रच दिया है.
चांद पर इंसान भेजने की तैयारी
अगले एक दशक के अंदर इसरो चांद पर इंसान को भेज सकता है. इस लक्ष्य को हासिल करने के लिए भारत नासा को अपना सहयोगी बना सकता है क्योंकि नासा अपने आर्टेमिस मिशन के जरिए चांद पर इंसान को भेजने की तैयारी में है. नासा ने आर्टेमिस मिशन के जरिए 2025 तक चांद पर इंसान को भेजने का लक्ष्य रखा है. यह मिशन तीन हिस्सों में पूरा होगा. पहला हिस्सा आर्टेमिस-1 2022 में पूरा हो चुका है. जब खाली ओरियन कैप्सूल को चांद पर पहुंचाया गया था. यह कैप्सूल चांद पर चक्कर लगाने के बाद 4,50,000 किलोमीटर की यात्रा करके वापस आ गया था.
आर्टेमिस-2 को 2024 के अंत तक लॉन्च किया जाएगा. इसमें 4 अंतरिक्ष यात्रियों को भेजा जाएगा. जो सिर्फ चांद का चक्कर लगाकर वापस लौट आएंगे. मिशन आर्टेमिस-3 30 दिनों का होगा. इस मिशन में चांद पर अंतरिक्ष यात्रियों को उतारा जाएगा. इसके लिए ह्यूमन लैंडिंग सिस्टम को डिजाइन करने का काम स्पेसएक्स कर रहा है. यही वो सिस्टम है जिससे इंसान को चांद पर उतारा जाएगा.