केंद्र सरकार द्वारा उत्तराखंड के 18 उत्पादों को भौगोलिक संकेतांक यानी जीआई टैग दिया गया है। उत्तराखंड के मोटा अनाज (श्रीअन्न) को इसमें प्रमुखता से स्थान दिया गया है।
जानकारी के मुताबिक बेरीनाग की लीफ टी, अल्मोड़ा की लाखौरी मिर्च, नैनीताल की मोमबत्ती, रामनगर की लीची, रामगढ़ के आडू को भी स्थान दिया गया है।
पहाड़ी मोटा अनाज मंडुआ, लाल चावल, चौलाई ( रामदाना) तुअर दाल, बिच्छू बूटी ( कंडाली), नेटेल फाइबर, काला भट्ट, झंगोरा, गहत दाल, को जीआई टैग मिला है। हीमोग्लोबिन बढ़ाने वाले बुरांश जूस को भी जीआई टैग मिला है। महिलाओं की कुमाऊनी परिधान पिचौड़ा, चमोली की मुखौटे को भी जीआई टैग दिया गया है।
उत्तराखंड के काष्ठ कला को भी वैश्विक पहचान दिलाए जाने के लिए उसे जीआई सूची में स्थान दिया गया है। टैग मिल जाने से न कोई इन उत्पादों की नकल कर सकेगा और न ही अपना ब्रांड होने का दावा कर सकेगा।