अंग्रेजी साहित्य पढ़ाने के नाम पर केरल सेंट्रल यूनिवर्सिटी में MA की छात्राओं पर सेक्सुअल कमेंट और अश्लील चर्चा करने वाले सहायक प्रोफेसर इफ्तिखार अहमद को निलंबित कर दिया गया है। अहमद पर दर्जनों छात्र-छात्राओं ने यौन उत्पीड़न का आरोप लगाया है।
यूनिवर्सिटी ने उस महिला डॉक्टर के खिलाफ कार्रवाई शुरू की, जिसने अहमद को छात्रा से छेड़छाड़ करते देखा था। इतना ही नहीं, जाँच कमिटी में शामिल एक महिला वकील को इस्तीफा देने पर मजबूर कर दिया गया। महिला वकील का कहना था कि अहमद ने उनके खिलाफ दुष्प्रचार किया है या नहीं, ये वही बता सकते हैं।
यौन उत्पीड़न की प्रमुख गवाह महिला डॉक्टर को कारण बताओ नोटिस
विश्वविद्यालय आरोपित अहमद की शिकायत के बाद महिला डॉक्टर को कारण बताओ नोटिस जारी किया है। यूनिवर्सिटी प्रशासन का कहना है कि इस मामले में बिना इजाजत के मीडिया से बात करके महिला डॉक्टर ने इफ्तिखार अहमद की ‘छवि खराब करने’ की कोशिश की। उनसे 7 दिनों में जवाब माँगा गया है कि उनके खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई क्यों नहीं होनी चाहिए।
दरअसल, छात्राओं द्वारा दी गई शिकायत में कहा गया था कि 13 नवंबर 2023 को इफ्तिखार अहमद की पेपर का इंटरनल एक्जाम देते हुए एक छात्रा बेहोश-सी हो गई थी। उसका ब्लड शुगर लेवल नीचे आ गया था। इसके बाद अहमद के PhD स्कॉलर ने उन्हें बुलाया था।
इस दौरान अहमद बार-बार उस छात्रा को अपनी बाँहों में लेकर उठाने की कोशिश की, कंधों को पकड़ कर झकझोरा और चेहरे पर पानी का छींटें मारकर उसे हाथों से मला। इस दौरान लड़की को पहली बार असहजता महसूस हुई। हेल्थ सेंटर में ले जाने के बाद भी अहमद लड़की का कभी हाथ पकड़ते तो कभी पैर। उसे हर तरह से छूने की कोशिश की।
हेल्थ सेंटर की डॉक्टर ने भी कहा था कि हेल्थ सेंटर में अहमद छात्रा को अनुचित तरीके से छूने की कोशिश करते रहे। महिला डॉक्टर ने कहा था कि डॉक्टर इफ्तिखार अहमद जिस तरह से छात्रा से व्यवहार कर रहे थे, उनका व्यवहार अनुचित था। यह महिला डॉक्टर इस मामले की प्रमुख गवाह भी हैं।
यूनिवर्सिटी की आंतरिक जाँच कमिटी से महिला वकील का इस्तीफा
उधर, मामले की जाँच करने वाली यूनिवर्सिटी की आंतरिक जाँच समिति (ICC) की एकमात्र बाहरी सदस्य महिला वकील ने पद से इस्तीफा दे दिया है। यह महिला वकील 10 सदस्यीय आतंरिक जाँच समिति की पिछले डेढ़ साल से सदस्य थी। इस कमिटी में वह यूनिवर्सिटी के बाहर की एकमात्र सदस्य थीं।
महिला वकील ने ऑनमनोरमा से कहा, “मैंने इस्तीफा दे दिया है, क्योंकि कुछ मीडिया में मेरे नाम से बयान चलाया जा रहा है, जिसे मैंने कहा ही नहीं है। मेरे पास सबूत है कि मैंने ऐसा नहीं कहा।” दरअसल, इफ्तिखार अहमद ने कहा था, “ICC में एक महिला वकील हैं। उन्होंने मुझसे कहा था कि ‘सर आप भाग्यशाली हैं। छात्रा ने अपने शरीर के जिन स्थानों को छूने का आरोप लगाया है, वहाँ कोई यौनांग नहीं है’।”
जब महिला वकील से पूछा गया कि क्या इफ्तिखार अहमद ने उन्हें यूनिवर्सिटी की आंतरिक जाँच समिति से हटाने के लिए ये साजिश रही, तो उन्होंने कहा कि ये बात सिर्फ आरोपित सहायक प्रोफेसर अहमद ही बता सकते हैं। हालाँकि, अहमद ने इससे साफ इनकार कर दिया।
इफ़्तिखार अहमद ने अपना बयान को ICC की सोशल मीडिया और अपनी कक्षा के पूर्व छात्रों के व्हाट्सएप ग्रुप पर पोस्ट किया। उन्होंने यह दावा किया कि वह छात्राओं के एक ग्रुप की साजिश का शिकार हुए हैं। अपने पुरुष छात्रों के साथ व्हाट्सएप पर हुई बातचीत के स्क्रीनशॉट भी उन्होंने मीडिया को मेल किए।
छात्राओं के आरोप
छात्राओं ने ये आरोप लगाया कि इफ्तिखार अमहद कविता और साहित्य के नाम पर सेक्स, सेक्सुअल प्लेजर और चरम आनंद की बात करते हैं। अहमद क्लास के लिए डिजाइन अपने कोर्स में महिलाओं को सेक्स की वस्तु कहते हैं। ऐसी ही एक कक्षा में अहमद ने कहा था, “ओरल सेक्स (मुख मैथुन) कम्युनिकेशन का सबसे बेहतरीन माध्यम है।”
क्लास में ऐसा ही एक अश्लील उदाहरण देते हुए अहमद ने कहा था, क्या तुम लोग जानती हो कि बस पर सबसे खुश बस कंडक्टर क्यों होता है? क्योंकि, वह बहुत से लोगों (महिलाओं) में टच करता है।” अहमद ने तो क्लास की एक छात्रा को लेकर ही अश्लील टिप्पणी कर दी।
अहमद ने क्लास की एक छात्रा से कहा, क्या तुम मुझे अपने पूरे शरीर को चाटने दोगी, जैसा कि ‘जर्मन संभ्रांत वर्ग’ में प्रचलित था। उन्होंने चौड़ी ललाट वाली लड़कियों को क्लास में घूरते हुए कहा कि मध्यकालीन इंग्लैंड में चौड़ी ललाट वाली महिलाओं को काम-वासना से परिपूर्ण महिला माना जाता था।
इसी तरह ‘To His Coy Mistress’ कविता की चर्चा करते हुए अहमद ने कविता के संदर्भ हटकर बताया कि योनि प्रवेश (Penetration) कैसे किया गया है। इस दौरान अहमद ने छात्राओं की देखकर शारीरिक रूप से अश्लील संकेत भी किया। अहमद ने पढ़ाने को सेक्स करने की तरह बताया और कहा कि इसमें बोरियत से बचने के लिए पोजिशन बदलते रहने और अलग-अलग तकनीक अजमाने की जरूरत होती है।
एक छात्रा की ओर इशारा करते हुए अहमद ने यौन प्रलोभन और उन्माद को लेकर कहा कि वह दो साड़ी देकर उस लड़की को अपने कमरे में बुलाए और वह आने के लिए तैयार भी हो गई, लेकिन इसके बदले उसने तीन साड़ी की माँग की। अहमद ने कविता के जूनून को महिलाओं के अंडरवियर सूंघने की दीवानगी से की।
छात्र-छात्राओं की शिकायत के बावजूद भी यूनिवर्सिटी प्रशासन ने आंतरिक जाँच पूरी होने तक इफ्तिखार अहमद को निलंबित नहीं किया है। हालाँकि, अंग्रेजी विभाग की डीन डॉक्टर आशा ने इफ्तिखार अहमद को जाँच पूरी होने तक छात्राओं से दूर रहने के लिए कहा है। हालाँकि, इफ्तिखार विभाग में नजर आते हैं।