कर्नाटक में विधानसभा की 224 सीटों के लिए चुनाव होने में चंद दिन बाकी हैं. 10 मई को राज्य की जनता अपने मत का अधिकार इस्तेमाल करेगी और 13 मई को बीजेपी, कांग्रेस और जेडीएस जैसे पार्टियों की किस्मत का फैसला होगा. लेकिन उससे पहले ZEE NEWS के लिए MARRIZE ने ओपिनियन पोल किया है. इस पोल के जरिए यह जानने की कोशिश की गई कि राज्य में किसकी सरकार बनेगी. ओपिनियन पोल में 2 लाख 80 हजार लोगों से राय ली गई. 29 मार्च से 30 अप्रैल तक के बीच हुए इस ओपनियन पोल में मार्जिन ऑफ एरर प्लस माइनस 5 प्रतिशत है. ये सिर्फ ओपनियन पोल है और इसे चुनाव के नतीजे न समझा
12 प्रतिशत लोगों ने कहा कि कांग्रेस को बहुत ज़्यादा फायदा होगा. जबकि 26 प्रतिशत लोगों की राय ये थी कि इससे कांग्रेस को थोड़ा फायदा हो सकता है. वहीं 62 प्रतिशत लोगों का मानना है कि भारत जोड़ो यात्रा से कांग्रेस को फायदा नहीं होगा. कर्नाटक को छह क्षेत्रों में बांटा गया है. ऐसे में रीजनवाइज आंकड़े अहम हो जाते हैं. सर्वे के मुताबिक सेंट्रल कर्नाटक में बीजेपी को सबसे ज्यादा 44 प्रतिशत वोट मिलने की उम्मीद है. वहीं कांग्रेस को 40 फीसदी वोट मिल सकते हैं. इन दोनों पार्टियों के अलावा जेडीएस को 12 प्रतिशत और अन्य को 4 प्रतिशत वोट मिलने की संभावना है.
सेंट्रल कर्नाटक की कुल 26 सीटों में बीजेपी को 18 से 23 सीटें मिलने का अनुमान है. कांग्रेस को 3 से 8 सीटें मिल सकती हैं. जबकि ऐसा संभावना है कि सेंट्रल कर्नाटक से जेडीएस और अन्य का खाता भी ना खुले. कर्नाटक में बीजेपी का सबसे मजबूत गढ़ सेंट्रल कर्नाटक माना जाता है. इस क्षेत्र में कर्नाटक के टुमकुर, दावनगेरे, चित्रदुर्ग और शिवमोगा जिले की विधानसभा सीटें आती है. लिंगायत समुदाय यहां की सियासत का फैसला करते हैं. सेंट्रल कर्नाटक में धार्मिक मठ और उससे जुड़े हुए संत सियासत को प्रभावित करते हैं.
येदियुरप्पा सेंट्रल कर्नाटक के शिवमोगा से ही आते हैं. इस वजह से बीजेपी का शिवमोगा और चिकमंगलूर जिलों में दबदबा है. 2018 के चुनाव में इस क्षेत्र से कांग्रेस का जिस तरह से सफाया हुआ था, उसी तरह 2013 में बीजेपी को मात खानी पड़ी थी. कर्नाटक की सियासत में तटीय कर्नाटक बीजेपी का गढ़ रहा है. सर्वे के मुताबिक तटीय कर्नाटक में बीजेपी का वोट शेयर 52 प्रतिशत रहने का अनुमान है. कांग्रेस को यहां से 40 प्रतिशत वोट मिल सकते हैं. जबकि जेडीएस को 5 प्रतिशत और अन्य को 3 प्रतिशत वोट मिलने की उम्मीद है.
अब बात करते हैं सीट शेयर की, तो तटीय कर्नाटक की कुल 21 सीटों में से बीजेपी को 15 से 20 सीटें मिलने की संभावना है. कांग्रेस को 1 से 6 सीटें मिल सकती हैं. जबकि सर्वे कहता है कि जेडीएस और अन्य का यहां से खाता भी नहीं खुलेगा. ऐसा माना जाता है कि शहरों इलाकों में बीजेपी की अच्छी खासी पैठ है. लेकिन, ग्रेटर बेंगलुरु में ऐसा नजर नहीं आता. सर्वे के मुताबिक यहां बीजेपी को 42 प्रतिशत और कांग्रेस को भी 42 प्रतिशत वोट मिलने का अनुमान है. वहीं बात करें तो जेडीएस की तो उसे 14 प्रतिशत वोट मिल सकते हैं, जबकि अन्य को 2 प्रतिशत वोट.
वोट प्रतिशत सीटों में तब्दील होते भी नज़र आते हैं. सर्वे के मुताबिक, ग्रेटर बेंगलुरु की 32 सीटों में से बीजेपी को 13 से 18 सीटें मिलने का अनुमान है. कांग्रेस को 11 से 16 सीटें मिल सकती हैं. जेडीएस को 0 से 2 सीटें, जबकि अन्य का एक भी सीट नहीं.