तृणमूल कॉन्ग्रेस (TMC) के विधायक जफीकुल इस्लाम के घर केन्द्रीय जाँच एजेंसी CBI ने छापा मारकर ₹34 लाख नकद और 1.2 किलोग्राम सोना बरामद किया है। उनके घर से पश्चिम बंगाल के स्कूलों के कुछ शिक्षकों के नियुक्ति पत्र भी बरामद हुए हैं। यह छापेमारी पश्चिम बंगाल शिक्षक भर्ती घोटाले के संबंध में की गई है।
जफीकुल इस्लाम के अलावा उनके द्वारा चलाए जा रहे शिक्षण संस्थानों पर भी छापेमारी की गई है। यह जानकारी सामने आई है कि उनके घर सहित कुल 11 संस्थानों पर छापेमारी हुई है। बता दें कि जफीकुल इस्लाम पश्चिम बंगाल के मुर्शिदाबाद की डोमकल सीट से विधायक हैं।
सीबीआई का कहना है कि उसने राज्य में कुल 8 स्थानों पर एक साथ छापेमारी की। जकीफुल इस्लाम के अलावा कोलकाता के पार्षद बप्पादित्या दासगुप्ता के घर पर भी छापेमारी हुई है। इसके अलावा कोलकाता के साल्ट लेक इलाके से पार्षद देबराज चक्रबर्ती और एक कारोबारी श्यामल कर एवं इनके भाई सजल कर के यहाँ भी रेड डाली गई है।
सीबीआई ये छापेमारी 30 नवम्बर 2023 को की। केंद्रीय एजेंसी इस बात की जाँच कर रही है कि कहीं इस घोटाले से कमाए गए अवैध धन से इन लोगों ने सम्पत्तियाँ तो अर्जित नहीं की है। जानकारी के अनुसार, जफीकुल इस्लाम के घर तीन बैग में नकद रुपए बरामद हुए हैं।
जफीकुल इस्लाम ने इन आरोपों को नकारा है। उनका कहना है, “मेरा शिक्षक भर्ती घोटाले से कोई लेना-देना नहीं था। मैंने कुछ दिनों पहले एक सम्पत्ति बेची थी। उसी का पैसा मेरे घर रखा हुआ था। मेरी पत्नी ने एजेंसी को इससे जुड़े कागज दिखाया था। सीबीआई अधिकारियों का कहना था कि जफीकुल इस्लाम को ये पैसा बैंक में रखना चाहिए था।”
जफीकुल इस्लाम द्वारा साल 2021 में चुनावों के समय दाखिल किए गए शपथपत्र में बताया गया था कि उनकी कमाई ₹8 लाख है, जबकि उनकी पत्नी की कमाई ₹6 लाख है। उन्होंने यह भी स्पष्ट किया था कि उनके पास ₹2.5 करोड़ की चल-अचल संपत्ति और बैंक जमा था निवेश में ₹1.71 करोड़ की जमा धनराशि है।
वहीं नियुक्ति पत्र के विषय में उन्होंने सफाई दी कि वह किसी अभ्यर्थी का कोई परिणाम था। उन्होंने विधायक होने के कारण कई लोग उन्हें ऐसे कागज दे जाते हैं। उनका कहना था कि क्षेत्र के लोग अपनी समस्याएँ लेकर उनके पास आते हैं और ऐसे कई कागज जमा करते हैं।
क्या है बंगाल का शिक्षक भर्ती घोटाला?
पश्चिम बंगाल सरकार ने वर्ष 2014 में घोषणा की थी कि प्रदेश के स्कूलों के लिए राज्य स्तरीय परीक्षा के माध्यम से शिक्षकों की भर्ती की जाएगी। यह भर्ती पश्चिम बंगाल विद्यालय सेवा आयोग को करवानी थी। इस भर्ती पर 2016 में प्रश्न उठने लगे थे। तब बंगाल में उच्च शिक्षा मंत्रालय मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के करीबी पार्थ चैटर्जी के पास था।
तमाम अभ्यर्थियों ने इस मामले में कलकत्ता हाईकोर्ट को दी गई शिकायत में बताया था कि जिन अभ्यर्थियों के उनसे कम नम्बर थे, उन्हें मेरिट में ऊँची जगह दी गई। यह भी आरोप सामने आए कि उन लोगों को नियुक्ति भी दी गई, जो परीक्षा में शामिल ही नहीं थे। अब इस मामले की जाँच सीबीआई और ईडी कर रही है। पार्थ चैटर्जी को गिरफ्तार भी किया गया था।