चक्रवात मिधिली के बाद अब चक्रवात मिचौंग दस्तक दे रहा है। बंगाल की खाड़ी में बना दबाव क्षेत्र गहन दबाव क्षेत्र में बदल गया है और रविवार (3 दिसंबर 2023) तक यह चक्रवात में बदल जाएगा। इस दौरान हवाओं के 100 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से चलने की आशंका है। इसको लेकर तटीय राज्यों में चेतावनी जारी की गई है।
भारतीय मौसम विभाग (IMD) के मुताबिक, बंगाल की खाड़ी के ऊपर बना दबाव 18 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से पश्चिम-उत्तर-पश्चिम की ओर बढ़ गया है। शनिवार सुबह 5:30 बजे तक दबाव के केंद्र की पहचान पुडुचेरी से लगभग 500 किलोमीटर पूर्व-दक्षिणपूर्व, चेन्नई से 510 किलोमीटर पूर्व-दक्षिणपूर्व, नेल्लोर से 630 किलोमीटर दक्षिण-पूर्व और मछलीपट्टनम से 710 किलोमीटर दक्षिण-दक्षिणपूर्व में की गई है।
IMD ने आगे कहा, “3 दिसंबर 2023 तक बंगाल की दक्षिण-पश्चिम खाड़ी के ऊपर एक चक्रवाती तूफान में बदलने की आशंका है। इसके बाद यह उत्तर-पश्चिम की ओर बढ़ेगा और 4 दिसंबर पूर्वाह्न तक दक्षिण आंध्र प्रदेश और उत्तरी तमिलनाडु एवं उसके आसपास के तटों के पास पहुँचेगा।”
आईएमडी ने आगे कहा कि 5 दिसंबर की दोपहर के दौरान नेल्लोर और मछलीपट्टनम के बीच पहुँचेगा। उस समय यह चक्रवाती तूफान अपने उफान पर होगा। इस दौरान हवा की गति 80-90 किलोमीटर प्रति घंटे से लेकर 100 किमी प्रति घंटे तक हो सकता है।
मौसम एजेंसी ने चक्रवाती प्रभाव के कारण तमिलनाडु, आंध्र प्रदेश और ओडिशा सहित दक्षिणी और पूर्वी भारत के राज्यों में मध्यम से भारी वर्षा की चेतावनी जारी की है। शनिवार को उत्तरी तटीय तमिलनाडु और पुडुचेरी में हल्की से मध्यम बारिश की भविष्यवाणी की है, साथ ही कुछ स्थानों पर भारी बारिश की भी आशंका है। रविवार से वर्षा की तीव्रता बढ़ेगी।
IMD ने सोमवार और मंगलवार को ओडिशा में हल्की से भारी बारिश की भविष्यवाणी करते हुए येलो और ऑरेंज अलर्ट जारी किया है। इस बीच, राज्य के विशेष राहत आयुक्त सत्यब्रत साहू ने संभावित चक्रवाती तूफान के मद्देनजर सात तटीय जिलों – बालासोर, भद्रक, केंद्रपाड़ा, जगतसिंहपुर, पुरी, खुर्दा और गंजाम को अलर्ट पर रखा है।
आईएमडी ने कहा है कि समुद्र की स्थिति बहुत खराब होगी और मछुआरों को अगली सूचना तक गहरे समुद्र में न जाने की सलाह दी गई है। इस बीच ओडिशा सहित आंध्र प्रदेश, तमिलनाडु, अंडमान निकोबार आदि की सरकारें इसको लेकर सतर्क हो गई।
कहाँ हैं अलर्ट
मौसम विज्ञान विभाग ने चक्रवाती तूफान ‘मिचौंग’ के मद्देनजर दक्षिण के राज्यों तमिलनाडु और आंध्र प्रदेश के लिए ऑरेंज अलर्ट जारी किया है। ऑरेंज अलर्ट का मतलब है कि 115.6 मिमी से 204.4 मिमी तक भारी बारिश हो सकती है। शनिवार यानी दो दिसंबर से उत्तरी-तटीय तमिलनाडु और पुडुचेरी में भारी बारिश की शुरू होने की आशंका जताई गई है।
इसके असर से रविवार 3 दिसंबर को आंध्र प्रदेश और तमिलनाडु में बारिश होने की आशंका है। वहीं, सोमवार 4 दिसंबर को तटीय आंध्र प्रदेश में कुछ जगहों में तेज से बहुत तेज बारिश हो सकती है। इसे लेकर आंध्र प्रदेश और तमिलनाडु में मछुआरों के लिए 5 दिसंबर तक के लिए तक अलर्ट जारी किया गया है। उन्हें समुद्र में न जाने की सलाह दी गई है।
#WATCH | Rain lashes parts of Thiruvallur, Tamil Nadu pic.twitter.com/ZEdwbVJCko
— ANI (@ANI) December 2, 2023
आईएमडी ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पोस्ट किया है कि उत्तरी तटीय तमिलनाडु, पुडुचेरी और कराइकल के निवासियों को 3 दिसंबर को अत्यधिक भारी वर्षा (204.4 मिमी से ऊपर) और 4 दिसंबर को भारी से बहुत भारी वर्षा का सामना करना पड़ सकता है। सुरक्षित रहें और सभी सावधानियाँ बरतें। इसे लेकर पुडुचेरी में कराईकल और यानम क्षेत्रों के सभी स्कूल 4 दिसंबर 2023 को बंद कर दिए गए हैं।
वहीं रायलसीमा के साथ तेलंगाना और दक्षिणी ओडिशा में भी 4 दिसंबर को भारी बारिश होने की आशंका है। इसके असर से मध्य प्रदेश और महाराष्ट्र में हल्की से मध्यम बारिश के साथ-साथ आँधी-तूफान के साथ ही आसमान में बिजली कड़कने का पूर्वानुमान जताया है। इसके साथ ही उत्तर भारत के कुछ हिस्सों में 2-3 दिसंबर को कोहरा छाने के आसार हैं।
‘मिचौंग’ के लिए तैयारियाँ
बंगाल की खाड़ी में बन रहे चक्रवाती तूफान ‘मिचौंग’ को लेकर दिल्ली में कैबिनेट सचिव राजीव गौबा की अध्यक्षता वाली राष्ट्रीय संकट प्रबंधन समिति (एनसीएमसी) ने सरकारों और केंद्रीय मंत्रालयों और विभागों की तैयारियों की समीक्षा के लिए बैठक की।
इस दौरान भारत मौसम विज्ञान विभाग के महानिदेशक ने एनसीएमसी को चक्रवात मिचौंग के मौजूदा हालात के बारे में जानकारी दी। ये जानकारी भी दी गई कि मछुआरों को समुद्र में न जाने की चेतावनी जारी की गई है। इसके साथ ही किसी भी तरह की अनहोनी से निपटने के लिए आश्रय स्थल, बिजली आपूर्ति, दवाइयों और आपात सेवाएँ तैयार की गई है।
एनडीआरएफ ने तमिलनाडु, आँध्र प्रदेश, ओडिशा और पुडुचेरी के लिए 18 बचाव दल बनाने के साथ 10 अतिरिक्त दलों को तैयार किया है। तट रक्षक, थल सेना, नौसेना के राहत और बचाव दल जहाजों, विमानों के सहित आपात स्थिति से निपटने के लिए तैयार हैं।