लोकसभा में हुई सुरक्षा चूक के मामले को लेकर विपक्षी सांसदों की ओर से लगातार हंगामा किया जा रहा है। सदन की कार्यवाही बाधित करने और आसन की अवमानना विपक्षी दलों के सांसदों को भारी पड़ गया है। कांग्रेस, डीएमके समेत विभिन्न दलों के कुल 14 सांसदों को पूरे शीतकालीन सत्र के लिए निलंबित कर दिया गया है। इसका मतलब है कि अब ये सांसद लोकसभा की कार्यवाही में हिस्सा नहीं ले सकेंगे।
लोकसभा से निलंबित किए गए सांसदों के नाम
टीएन प्रतापन – कांग्रेस, हिबी ईडन – कांग्रेस, जोथिमनी – कांग्रेस, राम्या हरिदास – कांग्रेस, डीन कुरियाकोस – कांग्रेस, वी के श्रीकंदन – कांग्रेस, बेनी बहन – कांग्रेस, पीआर नटराजन – सीपीआई-एम, मोहम्मद जावेद – कांग्रेस, कनिमोझी – डीएमके, के सुब्रमण्यम, एसआर प्रतिबान – डीएमके, मणिकम टैगोर – कांग्रेस, एस वेंकटेशन – सीपीआई-एम.
#WATCH | Opposition MPs- Benny Behanan, VK Sreekandan, Mohammad Jawed, PR Natarajan, Kanimozhi Karunanidhi, K Subrahmanyam, SR Parthiban, S Venkatesan and Manickam Tagore-suspended from Lok Sabha for the rest of the session for "unruly conduct"
House adjourned till tomorrow. pic.twitter.com/gThKY50P7P
— ANI (@ANI) December 14, 2023
राज्यसभा में भी कार्रवाई
तृणमूल कांग्रेस के राज्यसभा सांसद डेरेक ओ ब्रायन को राज्यसभा से पूरे शीतकालीन सत्र के लिए सस्पेंड कर दिया है। उनपर यह कार्रवाई नियम 256 के तहत की गई है। राज्यसभा के सभापति के अनुसार, डेरेक ओ ब्रायन ने सदन के वेल में प्रवेश किया, नारे लगाए और सदन की कार्यवाही बाधित की। सभापति जगदीप धनखड़ ने कहा- ” कहा-आप क्या कर रहे हो ? मिस्टर ब्रायन आपने विशेषाधिकार का उल्लंघन किया है। मिस्टर डेरेक ओ ब्रायन तुरंत हाउस से बाहर चले जाएं।”
संसदीय कार्य मंत्री बोले- सुरक्षा के मुद्दे पर कोई राजनीति नहीं
संसदीय कार्य मंत्री प्रह्लाद जोशी ने स्थगन से पहले सदन को संबोधित किया और सुरक्षा प्रोटोकॉल को मजबूत करने के लिए गैर-राजनीतिक दृष्टिकोण की आवश्यकता पर बल दिया. उन्होंने कहा कि लोकसभा अध्यक्ष ने सभी फ्लोर नेताओं के साथ बैठक की और संसद में सुरक्षा को और मजबूत करने के लिए उनके समाधान सुने. दिए गए कुछ सुझावों को पहले ही लागू किया जा चुका है. इस मुद्दे पर कोई राजनीति नहीं की जानी चाहिए.
डेरेक ओ ब्रायन के खिलाफ भी एक्शन
तृणमूल कांग्रेस के सदस्य डेरेक ओब्रायन को अशोभनीय आचरण के लिए निलंबित कर दिया गया. एक बार के स्थगन के बाद दोपहर 12 बजे उच्च सदन की कार्यवाही शुरू होते ही सभापति जगदीप धनखड़ ने ओब्रायन का नाम लिया और उनके निलंबन की कार्यवाही शुरू की.
सभापति द्वारा जब किसी सदस्य का नाम लिया जाता है तो इसका अर्थ सदस्य के निलंबन की कार्यवाही का आरंभ होना होता है. ऐसा तब होता है जब कोई सदस्य पीठ के प्राधिकार का अनादर कर रहे हों अथवा सभा के कार्य में लगातार और जानबूझकर बाधा डालते हुए सभा के नियमों का दुरुपयोग कर रहे हों.
धनखड़ ने घोषणा की, डेरेक ओ ब्रायन इस सत्र की शेष अवधि के लिए निलंबित किए जाते हैं. इस घोषणा के बाद विपक्षी सदस्य आसन के निकट आकर तानाशाही नहीं चलेगी और डेरेक का निलंबन नहीं सहेंगे जैसे नारे लगाने लगे. हंगामे के बीच ही सभापति ने प्रश्नकाल आरंभ करने की कोशिश की. हालांकि विपक्षी सदस्यों की नारेबाजी जारी रही. लिहाजा, सभापति ने सदन की कार्यवाही 12 बजकर 05 मिनट पर दोपहर दो बजे तक के लिए स्थगित कर दी.