संसद की सुरक्षा में सेंध के मामले में कांग्रेस नेता और सांसद राहुल गांधी की प्रतिक्रिया सामने आई है. उन्होंने कहा कि सुरक्षा में चूक हुई है. ऐसा क्यों हुआ… क्योंकि इस देश में बेरोजगारी बड़ा मुद्दा है. पीएम मोदी की नीतियों के कारण देश के युवाओं को रोजगार नहीं मिल रहा है. इसी वजह से संसद की सुरक्षा में चूक हुई है.
वहीं कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने कहा कि गृहमंत्री सदन में बयान देना नहीं चाहते. वह मीडिया में इस मामले पर बयान दे रहे हैं, लेकिन सदन को सुचारू रूप से चलाने के लिए सदन में नहीं बोलते हैं. साथ ही कहा कि वह कांग्रेस का नाम लेकर वोट मांगते हैं, नेहरूजी और गांधीजी को निशाना बनाकर वोट मांगते हैं.
#WATCH | On Parliament security breach incident, Congress MP Rahul Gandhi says, "Why did this happen? The main issue in the country is unemployment. Due to the policies of PM Modi, the youth of the country are not getting employment and the reason behind (this incident) is… pic.twitter.com/iVNrp6xtpv
— ANI (@ANI) December 16, 2023
संसद सुरक्षा पर पहली बार राहुल गांधी ने दिया बयान
बता दें कि संसद पर पहली बार 13 दिसंबर 2001 को आतंकी हमला किया गया था। इसी हमले की बरसी वाले दिन यानी 13 दिसंबर को संसद की सुरक्षा में सेंध लगाई गई। इस दौरान दोपहर के करीब एक बजे जब सदन की कार्यवाही जारी थी तो दो लोग सदन के भीतर कूद गए। इसके बाद पीले रंग का धुआं उन्होंने सदन में फैला दिया। घटना के तुरंत बाद ही दोनों आरोपियों को पकड़ लिया गया। इसी दौरान 2 अन्य लोगों ने सदन के बाहर लाल और पीले रंग का धुआं उड़ाया और संसद भवन के बाहर प्रदर्शन किया। लोकसभा में कूदने वाले दोनों युवकों की पहचान सागर शर्मा और मनोरंजन डी. के रूप में हुई है।
वहीं, समाजवादी पार्टी के प्रमुख अखिलेश यादव ने भी कहा था कि नौजवानों के परिवार से जब मीडिया ने बात की, तो उन्होंने बताया कि ये सभी युवा बेरोजगारी से दुखी थे. इसलिए वो सदन में कूद गए. नौकरी नहीं मिल रही थी तो गूंगी-बहरी सरकार को जगाने के लिए वो लोग सदन में कूद गए थे.
इससे पहले कांग्रेस महासचिव जयराम रमेश ने भाजपा सरकार पर वास्तविक मुद्दों से ध्यान भटकाने की कोशिश करने का आरोप लगाया और आश्चर्य जताया था कि गृहमंत्री सदन में बयान देने को तैयार क्यों नहीं हैं. उन्होंने यह भी कहा कि इसमें मैसूरु के भाजपा सांसद की भूमिका थी जिन्होंने घुसपैठियों को विजिटर पास उपलब्ध कराए थे. जयराम रमेश ने सवाल उठाया था कि इस मामले में उनकी क्या भूमिका है. साथ ही कहा था कि ये संसद की अवमानना है. यह संसदीय परंपराओं की अवमानना है. जब संसद का सत्र चल रहा हो तो मंत्री कभी भी गंभीर मुद्दों पर संसद के बाहर इतने बड़े बयान नहीं देते. वे संसद को विश्वास में लेते हैं.