केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने बुधवार को संसद के शीतकालीन सत्र के दौरान लोकसभा में तीन कानून पेश किए। इसके साथ ही लोकसभा से तीनों क्रिमिनल लॉ बिल ध्वनि मत से पारित हो गए। अब इन तीनों बिलों को राज्यसभा में पेश किया जाएगा। बिल को पेश करते हुए गृह मंत्री ने हैदराबाद से सांसद और एआईएमआईएम अध्यक्ष असदुद्दीन ओवैसी पर कटाक्ष किया।
दरअसल, अमित शाह जब बिल को पारित करवाने के लिए संसद में पेश कर रहे थे, तभी एआईएमआईएम चीफ ओवैसी के चेहरे पर हल्की मुस्कान आ गई। इसके बाद गृह मंत्री शाह ने उन्हें आड़े-हाथों लिया। शाह न कहा, “ओवैसी साहब हंस रहे हैं… मैं भी थोड़ा मनोविज्ञान पढ़ा हूं। इनके मन में है कि आपने बदल दिया (तीनों कानून को)। मैं कहना चाहता हूं कि हमने राजद्रोह की जगह देशद्रोह का बिल लेकर आए हैं।”
देश में अब किसी को जेल में नहीं जाना पड़ेगा- शाह
केंद्रीय गृह मंत्री ने आगे कहा, “अब यह देश आजाद हो चुका है, यह लोकतांत्रिक देश है। सरकार पर टिका-टिप्पणी तो कोई भी कर सकता है, किसी को भी करने का अधिकार है। इसके लिए देश में अब किसी को जेल में नहीं जाना पड़ेगा… चाहे हमारी सरकार क्यों ना हो।”
ओवैसी साहब बड़े कटाक्षमय तरीके से जो हंस रहे हैं…
अमित शाह ने कहा, “ओवैसी साहब बड़े कटाक्षमय तरीके से जो हंस रहे हैं इसलिए मैं फर्क समझाता रहा हूं… मगर इस देश के खिलाफ कोई बोल नहीं सकता और इस देश के हितों को कोई नुकसान नहीं कर सकता। इस देश का झंडा, इस देश की सीमाएं और देश के संसाधनों के साथ को खिलवाड़ नहीं कर सकता।” उन्होंने कहा कि अगर को खिलवाड़ करेगा तो उसे निश्चित रूप से जेल जाना पड़ेगा।
राष्ट्रहित सर्वोपरि।#NayeBharatKeNayeKanoon pic.twitter.com/d4yb71ZSQT
— Sambit Patra (@sambitswaraj) December 20, 2023
देश की सुरक्षा किसी की भी सुरक्षा से सर्वोपरि होनी चाहिए
उन्होंने लोकसभा अध्यक्ष को संबोधित करते हुए कहा, “ऐसे लोगों को जेल में जाना चाहिए। यह हमारी सरकार का विश्वास है, इस देश की सुरक्षा किसी की भी सुरक्षा से सर्वोपरि होनी चाहिए। सबसे पहले राष्ट्र होना चाहिए। इसलिए हम जो राजद्रोह को हटाकर देशद्रोह की धारा लाए हैं, इसको अपने विचारों के कपड़े पहनाने का प्रयान नहीं करना चाहिए।”
ओवैसी ने तीनों कानूनों पर अपनी बात रखी
इससे पहले सांसद असदुद्दीन ओवैसी ने लोकसभा में आपराधिक कानूनों से जुड़े तीनों विधेयकों पर अपनी बात रखी। उन्होंने भारतीय न्याय (द्वितीय) संहिता विधेयक-2023, भारतीय नागरिक सुरक्षा (द्वितीय) संहिता विधेयक-2023 और भारतीय साक्ष्य (द्वितीय) विधेयक 2023 पर चर्चा की।