छत्तीसगढ़ में शुक्रवार को विष्णु देव साय मंत्रिमंडल का विस्तार किया गया और राजधानी रायपुर स्थित राजभवन में नौ विधायकों ने मंत्री पद की शपथ ली। राजभवन में प्रदेश के राज्यपाल विश्वभूषण हरिचंदन ने भारतीय जनता पार्टी के नौ विधायकों बृजमोहन अग्रवाल, रामविचार नेताम, दयालदास बघेल, केदार कश्यप, लखनलाल देवांगन, श्याम बिहारी जायसवाल, ओ पी चौधरी, टंक राम वर्मा और लक्ष्मी राजवाड़े को मंत्री पद शपथ दिलाई। आज नौ मंत्रियों की नियुक्ति के साथ ही साय के नेतृत्व वाले मंत्रिमंडल की संख्या बढ़कर 12 हो गई है।
छत्तीसगढ़ में लंबे इंतजार के बाद मंत्रिमंडल का विस्तार को हो गया है। विष्णदेव साय की कैबिनेट में 9 विधायकों ने मंत्री पद की शपथ ली। मंत्रिमंडल में शामिल विधायकों के नाम दिल्ली से तय किए गए हैं। जिनकी सार्वजानिक घोषणा सीएम विष्णुदेव साय ने गुरुवार को की। मंत्रिमंडल विस्तार में क्षेत्रीय और जातिगत समीकरण को भी साधा गया है। मंत्रिमंडल में 4 पुराने चेहरे तो 5 नए चेहरों को मौका दिया गया है। आइए जानते हैं किस नेता को किस कारण से मंत्री बनाया गया है।
बीजेपी ने इस बार उन विधायकों को मंत्रिमंडल में शामिल किया है। जो लो प्रोफाइल से जुड़े हैं। राजभवन में आयोजित शपथ ग्रहण समारोह में पूर्व सीएम भूपेश बघेल भी मौजूद थे।
जल्द होगा विभागों का बंटवारा
मुख्यमंत्री साय ने बृहस्पतिवार को अपने मंत्रिमंडल के विस्तार की जानकारी दी थी। उन्होंने कहा था कि जल्द ही नए मंत्रियों को विभागों का आवंटन कर दिया जाएगा। मंत्रिमंडल में एक और पद बाद में भरा जाएगा। छत्तीसगढ़ में 90 सदस्यीय विधानसभा में मुख्यमंत्री सहित अधिकतम 13 सदस्य हो सकते हैं। राज्य में हुए विधानसभा चुनाव में जीत के बाद 13 दिसंबर को नई सरकार का गठन हुआ था। शहर के साइंस कॉलेज मैदान में हुए शपथ ग्रहण समारोह में विष्णु देव साय ने मुख्यमंत्री के रूप में तथा अरुण साव और विजय शर्मा ने उप मुख्यमंत्री के रूप में शपथ ली थी।
जानिए किस समुदाय के कितने मंत्री बनें
मंत्रिमंडल विस्तार के बाद इसके 12 में से छह सदस्य- अरुण साव, लखनलाल देवांगन, श्याम बिहारी जायसवाल, ओ पी चौधरी, टंक राम वर्मा और लक्ष्मी राजवाड़े अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) से हैं। वहीं मंत्रिमंडल के तीन अन्य सदस्य-मुख्यमंत्री विष्णु देव साय, रामविचार नेताम और केदार कश्यप अनुसूचित जनजाति वर्ग (एसटी) से हैं। राज्य मंत्रिमंडल में अनुसूचित जाति (एससी) से एक सदस्य दयालदास बघेल हैं और सामान्य वर्ग से दो सदस्य विजय शर्मा और बृजमोहन अग्रवाल हैं। मंत्रिमंडल के विस्तार के बाद राजवाड़े मंत्रिमंडल में एकमात्र महिला सदस्य हैं।
किस कारण से किस चेहरे को मिली जगह
बृजमोहन अग्रवाल- बृजमोहन पार्टी के सबसे सीनियर विधायक हैं। लगातार 8वीं बार चुनाव जीतकर विधायक बने हैं। रमन सिंह की सरकार में भी मंत्री रहे हैं। प्रशासन में अच्छी पकड़। सामान्य वर्ग से आते हैं।
रामविचार नेताम- पांचवीं बार विधायक बने हैं। पहले भी मंत्री रह चुके हैं। इस बार रामानुजगंज विधानसभा सीट से चुनाव जीते हैं। आदिवासी वर्ग से आते हैं। राज्य में आदिवासी वर्ग का सबसे बड़ा चेहरा हैं।
दयालदास बघेल- इस बार नवागढ़ विधानसभा सीट से चुनाव जीते हैं। रमन सिंह की सरकार में भी मंत्री रह चुके हैं। एससी वर्ग से आते हैं। एससी वर्ग का राज्य में सबसे बड़ा चेहरा हैं।
केदार कश्यप- इस बार नारायणपुर विधानसभा सीट से चुनाव जीते हैं। संगठन के कई पदों पर रहे। बस्तर इलाके को साधने के लिए कैबिनेट में मिली जगह। आदिवासी वर्ग से आते हैं। आदिवासियों के बी अच्छी पकड़ है। रमन सिंह की सरकार में भी मंत्री रह चुके हैं।
लखनलाल देवांगन- कोरबा विधानसभा सीट से विधायक बने हैं। ओबीसी वर्ग से आते हैं। संगठन में भी काम कर चुके हैं। इस बार कांग्रेस के कद्दावर नेता जयसिंह अग्रवाल को चुनाव हराया है।
श्याम बिहारी जायसवाल- मनेन्द्र गढ़ से विधानसभा का चुनाव जीतकर आए हैं। पहली बार मंत्री बने हैं। ओबीसी वर्ग से आते हैं। किसानों के बीच अच्छी पकड़ है। बीजेपी किसान युवा मोर्चा के अध्यक्ष भी रहे हैं।
ओपी चौधरी- कलेक्टर की नौकरी छोड़कर राजनीति में आए हैं। पहली बार रायगढ़ विधानसभा सीट से विधायक बने हैं। अमित शाह की पसंद पर जगह मिली है। प्रशासनिक पकड़ अच्छी है। युवाओं के बीच काफी लोकप्रिय हैं। ओबीसी वर्ग से आते हैं।
लक्ष्मी राजवाड़े- भटगांव विधानसभा से पहली बार विधायक बनी हैं। सबसे युवा उम्र की विधायक हैं। अभी 31 साल की उम्र है। जनपद और जिला पंचयात सदस्य रह चुकी है। महिला वोटर्स को साधने के लिए जगह मिली है।
टंकराम वर्मा- पहली बार विधायक बने हैं। ओबीसी वर्ग से आते हैं। इस बार बलौदाबाजार विधानसभा सीट से विधायक चुने गए हैं। जिला पंचायत उपाध्यक्ष भी रह चुके हैं।