असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा का कहना है कि राज्य में साल 2023 में चरमपंथी हिंसा के कारण एक भी व्यक्ति की मौत नहीं हुई है। उन्होंने मंगलवार को कहा कि असम में पिछले एक साल में आदिवासी उग्रवाद का संपूर्ण खात्मा भी देखा गया है।
उन्होंने कहा कि असम के ज्यादातर हिस्सों से सशस्त्र बल विशेषाधिकार अधिनियम (AFSPA) को धीरे-धीरे हटाना राज्य में शांति प्रयासों में बड़ी उपलब्धि है। सरमा ने एक्स पर लिखा, “केंद्र और राज्य सरकार के निरंतर प्रयासों के कारण असम शांति और समृद्धि के युग का गवाह बन रहा है।”
2023 असम के लिए सफल साल रहा- सीएम
सीएम सरमा ने कहा, “2023 में कई समूहों ने अपने हथियार डाल दिए, अफ्सपा को और हटा दिया गया और चरमपंथी हिंसा में कोई भी जाने नहीं गई हैं, जो राज्य के लिए एक सफल साल है।” सीएम ने कहा कि असम को शांति वाले राज्य में बदल दिया गया है और 2023 एक अभूतपूर्व वर्ष था क्योंकि हमारे पुलिसिंग और शांति प्रयास सफल हुए हैं।
असम से अफ्सपा को धीरे-धीरे हटा दिया गया है
उन्होंने कहा कि असम से अफ्सपा को धीरे-धीरे हटा दिया गया है, अब इसके अधिकार क्षेत्र में केवल चार जिले हैं। बता दें कि अफ्सपा सुरक्षा बलों को बिना किसी पूर्व वारंट के अभियान चलाने और किसी को भी गिरफ्तार करने का अधिकार देता है। इसके अलावा अगर सुरक्षा बल किसी की गोली मारकर हत्या कर देते हैं तो जवानों को गिरफ्तारी और अभियोजन से छूट मिलती है।
8,756 उग्रवादियों का पुनर्वास किया गया- सरमा
सीएम सरमा ने यह भी दावा किया कि 2023 में असम में आदिवासी उग्रवाद का पूरी तरह से अंत हो गया है। उन्होंने कहा कि पिछले दो सालों में कुल 8,756 उग्रवादियों का पुनर्वास किया गया है, इस काम के लिए 300 करोड़ रुपये से अधिक का निवेश किया गया है।
सरमा ने कहा कि आत्मसमर्पण करने वाले उग्रवादियों को कौशल और उनकी क्षमता बढ़ाने के लिए प्रशिक्षण दिया जा रहा है, जो अब असम की आर्थिक वृद्धि में मदद कर रहे हैं।