बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के साथ संबंधों पर सवालिया निशान, जनता दल यूनाइटेड में टूट या बिखराव की कोशिश और अध्यक्ष पद से हटाए जाने को लेकर पिछले एक हफ्ते से जारी अटकलों और खबरों पर पार्टी के पूर्व अध्यक्ष राजीव रंजन सिंह उर्फ ललन सिंह ने कड़ी प्रतिक्रिया दी है. मुंगेर से सांसद ललन सिंह ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर पोस्ट कर मीडिया के एक वर्ग को चेतावनी दी है.
मानहानि के मुकदमे की चेतावनी, कई खबरों को बताया बेबुनियाद
ललन सिंह ने अपने लेटर हेड पर एक पत्र को एक्स पर पोस्ट करते हुए लिखा, “पिछले करीब एक हफ्ते से हमारी पार्टी जनता दल (यूनाइटेड) और मेरे बारे में बहुत सारी भ्रामक और तथ्यहीन खबरें मीडिया के एक वर्ग द्वारा लगातार चलाई गईं. मेरे और माननीय मुख्यमंत्री श्री नीतीश कुमार जी के 37 साल के संबंधों पर भी प्रश्नचिन्ह लगाने की कोशिश हुई. ऐसी तथ्यहीन खबरें चलाने वाले चारों खाने चित्त होंगे. ऐसा करने वाले सभी संस्थाओं को कानूनी नोटिस दूंगा और मेरी छवि धूमिल करने के लिए उन पर मानहानि का मुकदमा करूंगा.”
पिछले करीब एक हफ्ते से हमारी पार्टी जनता दल (यूनाइटेड) और मेरे बारे में बहुत सारी भ्रामक और तथ्यहीन खबरें मीडिया के एक वर्ग द्वारा लगातार चलाई गईं।
मेरे और माननीय मुख्यमंत्री श्री नीतीश कुमार जी के 37 साल के संबंधों पर भी प्रश्नचिन्ह लगाने की कोशिश हुई। ऐसी तथ्यहीन खबरें चलाने… pic.twitter.com/3hA1gBhhsh
— Rajiv Ranjan (Lalan) Singh (@LalanSingh_1) December 30, 2023
सुशील मोदी, मांझी और उपेंद्र कुशवाहा के आरोपों पर सफाई
ललन सिंह ने पब्लिक फोरम पर अपने ऊपर लगे आरोपों पर सफाई देने के लिए खुला खत पोस्ट किया है. बीजेपी नेता सुशील कुमार मोदी, हम नेता जीतन राम मांझी, आरएलजेडी नेता उपेंद्र कुशवाहा समेत बिहार के कई नेताओं ने आरोप लगाया था कि जेडीयू अध्यक्ष रहते हुए ललन सिंह की नजदीकी आरजेडी प्रमुख लालू यादव और उनके बेटे डिप्टी सीएम तेजस्वी यादव से बढ़ने लगी थी.ललन सिंह तेजस्वी यादव को बिहार का सीएम बनाना चाहते थे और इसको लेकर एक सीक्रेट बैठक भी हुई थी. ललन सिंह ने इन सब आरोपों पर अपनी सफाई देते हुए सच्चाई बताई है.
सोशल मीडिया पर खुला खत जारी कर ललन सिंह ने कही ये बातें
सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर शनिवार (30 दिसंबर) को पोस्ट खुला खत में ललन सिंह ने लिखा, “एक प्रमुख समाचार पत्र एवं कुछ न्यूज चैनल्स में प्रमुखता से यह खबर छपी / बताई गई है कि उप-मुख्यमंत्री श्री तेजस्वी यादव को मुख्यमंत्री बनाने के प्रयास में मेरी अध्यक्ष पद से विदाई हो गई. खबर यह भी छपी है कि 20 दिसम्बर को एक मंत्री के कार्यालय में दर्जन भर विधायकों की बैठक हुई जिसमें मैं भी उपस्थित था. खबर में और भी विस्तार से जनता दल (यू०) के टूट की प्रकिया पर चर्चा की गई है.
यह खबर पूर्णतः भ्रामक, असत्य और मेरी छवि को धूमिल करने वाली है. मैं 20 दिसम्बर को माननीय मुख्यमंत्री के साथ दिल्ली में था और 20 दिसम्बर की शाम में सभी सांसदों के साथ मुख्यमंत्री जी के दिल्ली आवास पर एक बैठक में शामिल था. समाचार पत्र ने जान-बूझकर मेरी छवि को धूमिल करने के लिए इस प्रकार की खबर छापी है और नीतीश कुमार के साथ मेरे 37 साल के संबंधों पर भी प्रश्न चिन्ह खड़ा किया है.
तथ्य यह है कि मैंने अपने संसदीय क्षेत्र में व्यस्तता के कारण मेरी इच्छा और मुख्यमंत्री जी की सहमति से अध्यक्ष का पद छोड़ा और श्री नीतीश कुमार जी ने स्वंय इस दायित्व को लिया. ऐसे भ्रामक समाचार को लिखने वाले और छापने वाले चारो खाने चित्त होगें. जनता दल (यू०) पार्टी के सर्वमान्य नेता श्री नीतीश कुमार के नेतृत्व में एक जुट है. मैंने फैसला किया है कि पटना लौटकर तत्काल संबंधित समाचार पत्र को कानूनी नोटिस दूंगा और मेरी छवि को धूमिल करने के लिए उनपर मानहानि का मुकदमा करूंगा.”
ललन सिंह पर क्यों उठने लगे थे सवाल, बिहार में विपक्ष ने क्यों घेरा
सबसे पहले भाजपा सांसद सुशील कुमार मोदी ने जेडीयू नेता ललन सिंह पर तंज कसते हुए कहा था कि जो बिहार को भाजपा-मुक्त करने के बड़बोले दावे कर रहे थे, उनकी पार्टी ने उन्हें ही मुक्त कर दिया. सुशील मोदी ने दावा किया था कि जेडीयू के भीतर अब दो गुट बन चुका है. एक गुट लालू-समर्थक है. उसके 12 से ज्यादा विधायकों को ललन सिंह अपने साथ ले चुके हैं. दिल्ली में विपक्षी दलों के इंडिया गठबंधन की बैठक में ममता बनर्जी की ओर से पीएम पद के लिए मल्लिकार्जुन खरगे के नाम के प्रस्ताव पर पहले ललन सिंह चुप रहे. बाद में उन्होंने कहा कि गठबंधन में सब ठीक है. खरगे के नाम पर नीतीश नाराज नहीं हैं. नीतीश के साथ ललन सिंह पटना भी नहीं लौटे. वह लालू और तेजस्वी के पटना आने वाले दिन ही वापस आए. बिहार में विपक्षी दलों को इस पर सवाल उठाने का मौका मिल गया था.