देश का बजट आने में अब एक महीने से भी कम का समय बचा है. साल 2024 की शुरुआत हो चुकी है और 1 फरवरी को वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण देश का बजट पेश करेंगी. इस साल देश में लोकसभा चुनाव होने हैं तो लोगों को बजट से काफी उम्मीदें है. लेकिन आपको पता है कि वोट ऑन अकाउंट या अंतरिम बजट क्या होता है और देश में जब-जब चुनाव होते हैं तब यह शब्द क्यों सामने आते हैं.
इसके अलावा जिन भी सालों में चुनाव नहीं होता है उस साल में सरकार आम बजट पेश करती है. आज हम आपको बताएंगे कि आम बजट और वोट ऑन अकाउंट में क्या अंतर होता है?
क्या होता है आम बजट?
अगर आम बजट की बात की जाए तो सरकार हर साल देश के आय और व्ययों के खर्चे का लेखाजोखा जारी करती है. इसको ही सरल भाषा में बजट कहा जाता है. जिस तरह से हर किसी के घर में कमाई और खर्चों का हिसाब-किताब किया जाता है उसी तरह से सरकार भी देश में होने वाले खर्चे और इनकम का हिसाब-किताब लगाती है.
बजट को हर साल फरवरी महीने में पेश किया जाता है. बजट पूरे सालभर के लिए बनाया जाता है. इस तरह के बजट को आम बजट कहा जाता है. बजट हमेशा अप्रैल से लेकर मार्च तक के लिए बनाया जाता है. इस बार नया फाइनेंशियल ईयर शुरू होते ही देश में लोकसभा चुनाव होने हैं. इसके बाद में देश में सरकरा का गठन होगा जोकि अगले 5 सालों तक के लिए होगा.
चुनावी साल में क्यों 2 बार पेश किया जाता है बजट?
जैसा कि हम जानते हैं कि नई सरकार में हमेशा सत्ता बदलने की गुंजाइश रहती है. ऐसे में अगर नई सरकार आती है तो वह पुरानी सरकार की नीतियों में भी बदलाव कर सकती है. इस वजह से ही चुनावी साल में हमेशा 2 बार बजट पेश किया जाता है. फरवरी महीने में सरकार अंतरिम बजट पेश करती है. वहीं, चुनाव के बाद में सत्ता में जो भी सरकार आती है वह पूर्ण बजट पेश करती है.
वोट ऑन अकाउंट और अंतरिम बजट में क्या अंतर है?
अंतरिम बजट में केंद्र सरकार के सभी खर्चों के साथ ही इनकम का भी ब्यौरा होता है. साथ ही सरकार के राजकोषीय घाटे के बारे में भी जानकारी दी गई होती है. वहीं, वोट ऑन अकाउंट की बात की जाए तो इसमें सिर्फ सरकारी खर्चों की जानकारी दी गई होती है. इसमें सरकार की आमदनी के बारे में नहीं बताया गया होता है. कई बार लोग वोट ऑन अकाउंट और अंतरिम बजट को एक ही समझ लेते हैं. लेकिन यह दोनों ही अलग-अलग होते हैं. अगर दोनों बजट की समानताओं की बात की जाए तो इनमें बड़ी नीतिगत घोषणाएं नहीं होती हैं. बता दें अंतरिम बजट और वोट ऑन अकाउंट दोनों ही कुछ महीनों के लिए होते हैं.