पश्चिम बंगाल में राशन घोटाला मामले में कल (5 जनवरी 2024) ईडी की छापेमारी के दौरान टीएमसी नेता शंकर आद्या को गिरफ्तार कर लिया गया। 17 घंटे छापेमारी के बाद 12:30 बजे उन्हें अरेस्ट किया गया। वहीं दूसरी ओर संदेशखली में टीएमसी नेता शेख शाहजहाँ के घर रेड मारने गए अधिकारियों, सुरक्षाकर्मियों पर भीड़ ने जानलेवा हमला किया गया। इस दौरान कुछ लोग बुरी तरह घायल भी हुए तो वहीं दूसरी ओर गाड़ियों में भी तोड़फोड़ की गई।
शुक्रवार को ईडी की एक टीम टीएमसी नेता शेख शाहजहाँ के संदेशखली के सरबेरिया स्थित घर पर रेड मारने गई थी। ये जगह बांग्लादेश की सीमा से सटी है। अधिकारियों ने देखा उसके घर ताला लगा है। जब उन्होंने लॉक तोड़ने की कोशिश की तो टीएमसी समर्थकों की भीड़ ने उनपर हमला किया।
मौजूद जानकारी के अनुसार, संदेशखली इलाके में 53 वर्षीय टीएमसी नेता शेख शाहजहाँ का रसूख है उसे लोग संदेशखली का बेताज बादशाह बताते हैं। शेख का कोई राजनीतिक बैकग्राउंड नहीं है लेकिन फिर भी वह राजनीति में बड़ी तेजी से आगे बढ़ा। वह जन्मा गरीब घर में ही था, जिसके कारण शुरुआत में उसने ट्रक ड्राइवर का काम किया, तो कभी कंडक्टर का। कभी सब्जी बेची तो कभी कुछ और किया। लेकिन इन सबके साथ वो संदेशखली में बड़े नेताओं से संपर्क भी बनाता रहा।
धीरे-धीरे समय आया कि वो खुद एक रसूखदार आदमी बन गया। 2006 में वामपंथी सरकार के वक्त उसने मोस्लेम शेख के सबसे करीबी सहयोगी के रूप में पैसे उगाही जैसे काम करने की शुरूआत की। धीरे-धीरे वो रियल स्टेट में घुसा और फिर मछली पालन जैसे कामों में लग गया।
Yesterday, Mamata Banerjee’s spokespersons came out in full force to defend Shahjahan Sheikh, the criminal, who ordered attack on ED officials and media in Sandeshkhali.
In a public speech on 1st Jan 2024, Shahjahan claimed that CBI and ED wouldn’t be able to even touch his… pic.twitter.com/wARh0GDy3O
— Amit Malviya (@amitmalviya) January 6, 2024
सत्ता परिवर्तन के साथ उसका पाला भी बदल गया। 2011 में वामपंथी सरकार गई तो 2013 में वो टीएमसी में आ गया। यहाँ वह खाद्य मंत्री ज्योतिप्रियो मल्लिक का खास बन गया। भाजपा के साथ टीएमसी की झड़पों में भी शेख का नाम आता रहा। 2020 में उसके ऊपर दो भाजपा नेताओं की हत्या का इल्जाम लगा, लेकिन वह उससे भी बच गया। उसकी नीति यही रही कि वो हमेशा से बड़े लोगों के ग्रुप में उठता-बैठता, जिससे जब उस पर कोई दोष लगे तो वह बच सके। यही वजह है कि उसपर कार्रवाई नहीं हुई। उसपर अपने चुनाव क्षेत्र में चुनाव के दौरान धांधली करने का आरोप भी लगता रहा है।
उसकी टीएमसी में कितनी पैठ है इसका अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि प्रदेश सीएम के खास लोगों ने शाहजहाँ शेख को सपोर्ट किया था। वहीं 1 जनवरी 2024 को तो शाहजहाँ ने खुले में धमकी ही दी थी। ये जानकारी भाजपा नेता अमित मालवीय के ट्वीट से मिली। इसमें शाहजहाँ ने कहा था कि सीबीआई और ईडी उसके बाल तक नहीं छू सकतीं। उसने सबसे ये दुआ करने को भी कहा था कि सब दुआ करें उसे गुस्सा न आए वरना वो भाजपा कार्यकर्ताओं और नेताओं के दाँत तोड़ देगा और उनकी खाल उतार देगा।