जयपुर: कर्नाटक में विधानसभा चुनावों के लिए प्रचार का शोर आज थम जाएगा जिसके बाद 10 मई को वोटिंग होनी है. वहीं इसी दिन बीजेपी ने अगले राज्य के लिए अपना चुनावी बिगुल बजाने की तैयारियां कर ली है जहां 10 मई को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सिरोही जिले के आबूरोड में एक बड़ी जनसभा कर राजस्थान के रण की अधिकारिक शुरूआत करने जा रहे हैं. दरअसल इस दिन पीएम मोदी के जनसभा करने के पीछे माना जा रहा है कि राजस्थान में चुनावी अभियान की शुरुआत करने के साथ ही पीएम कर्नाटक की जनता को भी संदेश दे सकते हैं.
कर्नाटक में विधानसभा चुनावों के लिए प्रचार का शोर आज थम जाएगा जिसके बाद 10 मई को वोटिंग होनी है. वहीं इसी दिन बीजेपी ने अगले राज्य के लिए अपना चुनावी बिगुल बजाने की तैयारियां कर ली है जहां 10 मई को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सिरोही जिले के आबूरोड में एक बड़ी जनसभा कर राजस्थान के रण की अधिकारिक शुरूआत करने जा रहे हैं. दरअसल इस दिन पीएम मोदी के जनसभा करने के पीछे माना जा रहा है कि राजस्थान में चुनावी अभियान की शुरुआत करने के साथ ही पीएम कर्नाटक की जनता को भी संदेश दे सकते हैं.
वहीं पीएम मोदी की जनसभा के बाद माना जा रहा है कि बीजेपी भी चुनावी मैदान में एक्टिव मोड में उतर जाएगी. आइए जानते हैं कि पीएम मोदी की दक्षिणी राजस्थान में शुरूआत करने के पीछे बीजेपी की क्या रणनीति है और किन सीटों पर बीजेपी फोकस करना चाहती है.
दरअसल दक्षिण राजस्थान में बीजेपी मजबूत रही है जहां आंकड़ों में देखें तो यहां सिरोही, पाली, जालौर, उदयपुर और राजसमंद जिले आते हैं जहां पर कुल 26 विधानसभा सीटें हैं जिनमें से फिलहाल 19 सीटों पर बीजेपी के विधायक हैं. इसके अलावा दक्षिण राजस्थान के ही अन्य तीन अदिवाली इलाके जैसे बांसवाड़ा, डूंगरपुर और प्रतापगढ़ जहां की कुल 11 सीटों में बीजेपी के खाते में फिलहाल 3 सीटें ही हैं.
इधर कई मीडिया रिपोर्ट का कहना है कि बीजेपी फिलहाल कमजोर सीटों को मजबूत करने की दिशा में आगे बढ़ रही है. वहीं पीएम मोदी के पिछले दौरे देखें तो मानगढ़ और देवनारायण धाम जहां मोदी ने जातीय समीकरणों को साधने की कोशिश की थी. बताया जा रहा है कि आने वाले दिनों में भी बीजेपी अपने शीर्ष नेताओं के जरिए जाति-समाजों को साधने की रणनीति पर ही काम कर रही है और आदिवासी, ओबीसी, गुर्जर-मीणा और एससी वोटबैंक पर फोकस है.