अयोध्या में भगवान राम के मंदिर के उद्घाटन के लिए तैयारियां जोरों-शोरों पर चल रही हैं. इस बीच बताया गया है कि 22 जनवरी को होने वाले प्राण प्रतिष्ठा समारोह में भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) के अध्यक्ष जेपी नड्डा और राम मंदिर आंदोलन का चेहरा रहे लालकृष्ण आडवाणी शामिल होंगे. ये जानकारी विश्व हिंदू परिषद के इंटरनेशनल वर्किंग प्रेसिडेंट आलोक कुमार ने दी.
राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के स्वयंसेवक कृष्ण गोपाल और राम लाल, आलोक कुमार ने बुधवार को लालकृष्ण आडवाणी से मुलाकात की और राम मंदिर “प्राण प्रतिष्ठा” समारोह का न्योता दिया. आलोक कुमार का कहना है कि अयोध्या में प्राण प्रतिष्ठा समारोह में उनकी यात्रा के दौरान लालकृष्ण आडवाणी को सभी जरूरी मेकिकल सुविधाएं और अन्य व्यवस्थाएं मुहैया करवाई जाएंगी.
न आने की लग रही थी अटकलें
राम मंदिर आंदोलन के अग्रणी नेता रहे लालकृष्ण आडवाणी को राम मंदिर प्राण प्रतिष्ठा समारोह में शामिल होने के लिए पहले ही निमंत्रण दिया गया था। हालांकि उनकी उम्र को देखते हुए यह तय नहीं था कि वे अयोध्या पहुंचेंगे। हालांकि तब विश्व हिंदू परिषद के अध्यक्ष आलोक कुमार ने एक वक्तव्य जारी कर कहा था कि भाजपा के वरिष्ठ नेताओं लालकृष्ण आडवाणी और मुरली मनोहर जोशी से उद्घाटन कार्यक्रम में शामिल होने का अनुरोध किया गया है। दोनों नेताओं के आवास पर जाकर ट्रस्ट के नेताओं ने उन्हें निमंत्रण पत्र सौंपा है।
चंपतराय ने आडवाणी की थी प्राण प्रतिष्ठा समारोह में न आने की अपील
इससे पहले, राममंदिर ट्रस्ट के महासचिव चंपत राय ने बताया था कि समारोह के लिए उन्हें आमंत्रित किया गया है, लेकिन अपील यही है कि कृपया वह ना आएं। क्योंकि उनकी उम्र बहुत ज्यादा है। ठंड का मौसम रहेगा, जो उनके स्वास्थ्य के लिए अनुकूल नहीं होगा। उन्होंने कहा था कि आडवाणी के बारे में बार बार सवाल पूछना उनका मजाक उड़ाना है। बता दें कि आडवाणी इस समय 96 साल के हो गए हैं।
राम मंदिर निर्माण को राजनीति का केंद्रीय मुद्दा बनाने में आडवाणी का था अहम योगदान
कांग्रेस ने प्राण प्रतिष्ठा कार्यक्रम में शामिल होने से किया इनकार
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 22 जनवरी को भव्य मंदिर का उद्घाटन करेंगे और रामलला की मूर्ति की स्थापना में शामिल होंगे. इसके अलावा प्राण प्रतिष्ठा समारोह के लिए संतों को भी निमंत्रण दिया गया है. वहीं, मुख्य विपक्षी पार्टी कांग्रेस ने इस समारोह में शामिल होने से इनकार कर दिया है. इंडिया गठबंधन में शामिल कई घटक दलों ने अयोध्या जाने से मना किया है. वहीं, समारोह में शामिल होने को लेकर बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल चुप्पी साधे हुए हैं.
कांग्रेस के वरिष्ठ नेता मल्लिकार्जुन खरगे, सोनिया गांधी और अधीर रंजन चौधरी ने “प्राण प्रतिष्ठा” समारोह का निमंत्रण ‘अस्वीकार’ कर दिया है. मंदिर के अधिकारियों के अनुसार, समारोह 16 जनवरी से शुरू होकर सात दिनों तक चलेगा. श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट ने 22 जनवरी को दोपहर में राम मंदिर के गर्भगृह में रामलला को विराजमान करने का निर्णय लिया है.
पीएम मोदी की अपील, 22 जनवरी की शाम जगमग होनी चाहिए
अयोध्या में राम लला के “प्राण प्रतिष्ठा” समारोह के लिए वैदिक अनुष्ठान मुख्य समारोह से एक सप्ताह पहले 16 जनवरी को शुरू कर दिए जाएंगे. वाराणसी के एक पुजारी लक्ष्मी कांत दीक्षित राम लला के समारोह का मुख्य अनुष्ठान करेंगे. 14 जनवरी से 22 जनवरी तक अयोध्या में अमृत महोत्सव मनाया जाएगा. भगवान राम की जन्मस्थली अयोध्या भारत के लोगों के लिए महान आध्यात्मिक, ऐतिहासिक और सांस्कृतिक महत्व रखती है. पीएम मोदी ने लोगों से अपील की है कि वे 22 जनवरी की शाम को श्रीराम ज्योति जलाएं और दिवाली मनाएं. उन्होंने लोगों से कहा कि 22 जनवरी की शाम जगमग होनी चाहिए.