मालदीव के राष्ट्रपति मोहम्मद मुइज्जू इस समय चीन की यात्रा पर हैं। मुइज्जू शुरुआत से ही चीन के ज्यादा करीब हैं। उनके मंत्रियों ने भारत विरोधी बयान दिया है। एक और रिपोर्ट आई है जो मुइज्जू की पोल खोल रही है। रिपोर्ट में बताया गया है कि मालदीव में मोहम्मद मुइज्जू को जीत इसलिए मिली क्योंकि सत्तारूढ़ गठबंधन प्रोग्रेसिव पार्टी ऑफ मालदीव और पीपुल्स नेशनल कांग्रेस ने 2023 के चुनाव में भारत के खिलाफ गलत सूचनाएं फैलाईं। उन्होंने भारत विरोधी भावनाओं को प्रमुखता दी। यह रिपोर्ट जारी की है यूरोपीय संघ चुनाव अवलोकन मिशन (EU EOM) ने।
यूरोपियन यूनियन इलेक्शन आब्जर्वेशन मिशन, मालदीव (EU EOM) की यह रिपोर्ट में कई खुलासे किए गए हैं। रिपोर्ट में कहा गया है कि सत्तारूढ़ गठबंधन प्रोग्रेसिव पार्टी ऑफ मालदीव और पीपुल्स नेशनल कांग्रेस ने 2023 के राष्ट्रपति चुनाव में भारत विरोधी भावनाओं को प्रमुखता दी और गलत सूचना फैलाने का प्रयास किया, जिससे मुइज्जू ने जीत हासिल की थी।
मोहम्मद मुइज्जू ने पिछले साल मालदीव में राष्ट्रपति चुनाव जीता था। उन्होंने मौजूदा राष्ट्रपति इब्राहिम सोलिह को 54 प्रतिशत वोटों से हराया था। रिपोर्ट में इस बात पर प्रकाश डाला गया कि यह अभियान मालदीव में भारतीय सैन्य कर्मियों की उपस्थिति पर आधारित था। रिपोर्ट में कहा गया है कि चुनाव में ऑनलाइन दुष्प्रचार किया गया। पूर्व राष्ट्रपति अब्दुल्ला यामीन की रिहाई की भी मांग की गई थी। यामीन पर भ्रष्टाचार के आरोप हैं और वह जेल में हैं। चुनाव में राष्ट्रपति इब्राहिम के प्रति अपमानजनक भाषा का प्रयोग किया गया। गौरतलब है कि चीन परस्त मोहम्मद मुइज्जू ने भी चुनाव में भारतीय सेना को मालदीव से हटाने की घोषणा की थी।
मोहम्मद मुइज्जू के राष्ट्रपति बनते ही भारत और मालदीव के रिश्तों में खटास आनी शुरू हो गई थी। हाल ही में मालदीव के मंत्रियों ने भारत विरोधी बयान दिया। अपमानजनक टिप्पणियों पर भारत ने मालदीव के राजदूत को तलब किया था। सोशल मीडिया पर बॉयकाट मालदीव ट्रेंड भी चल रहा है। भारतीय क्रिकेटर और फिल्मी हस्तियों ने भी मालदीव के प्रति कड़ा रुख अपनाया है। उन्होंने भारत में पर्यटन को बढ़ावा देने का समर्थन किया है।