प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी 12 जनवरी 2024 को महाराष्ट्र में होंगे। प्रधानमंत्री महाराष्ट्र में 30,500 करोड़ रुपए से अधिक लागत की कई विकास परियोजनाओं का उद्घाटन करके इन्हें राष्ट्र को समर्पित करेंगे और आधारशिला रखेंगे। ‘ईज ऑफ मोबिलिटी’ बढ़ाने के एक महत्वपूर्ण कदम के रूप में प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी सेवारी-न्हावा शेवा अटल सेतु का उद्घाटन करेंगे। लगभग 17,840 करोड़ रुपए की लागत से बना अटल सेतु भारत का सबसे लंबा पुल है, जो देश का सबसे लंबा समुद्री पुल भी है। दावा किया जा रहा है कि इस 22 किमी लंबे पुल से नवी मुंबई की दूरी तय करने में महज 20 मिनट लगेंगे।
अटल बिहारी वाजपेयी सेवारी – न्हावा शेवा अटल सेतु
प्रधानमंत्री का विज़न शहरी परिवहन बुनियादी ढाँचे और कनेक्टिविटी को मजबूत करके नागरिकों की ‘ईज़ ऑफ मोबिलिटी’ को बेहतर बनाना है। इस विज़न के अनुरूप, मुंबई ट्रांसहार्बर लिंक (एमटीएचएल) का नाम अब ‘अटल बिहारी वाजपेयी सेवारी-न्हावा शेवा अटल सेतु’ रखा गया है, जो अब तैयार हो गया है। इस पुल का शिलान्यास भी दिसंबर 2016 में प्रधानमंत्री मोदी ने किया था। आइए, जानते हैं इस पुल की खास बातें
- अटल सेतु को बनाने में आई 17,840 करोड़ रुपए से अधिक की लागत।
- अटल सेतु की लंबाई लगभग 21.8 किलोमीटर है।
- 6-लेन वाला ये पुल 16.5 किमी लंबा समुद्र के ऊपर और लगभग 5.5 किमी जमीन पर बना है।
- यह भारत का सबसे लंबा पुल है, जो देश का सबसे लंबा समुद्री पुल भी है।
- मुंबई अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डे और नवी मुंबई अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डे को जोड़ेगा।
- मुंबई से पुणे, गोवा और दक्षिण भारत की यात्रा में लगने वाला समय बचेगा।
- मुंबई बंदरगाह और जवाहरलाल नेहरू बंदरगाह के बीच कनेक्टिविटी को बेहतर बनाएगा।
कई परियोजनाओं को शुरू करेंगे पीएम मोदी
प्रधानमंत्री ईस्टर्न फ्री-वे के ऑरेंज गेट को मरीन ड्राइव से जोड़ने वाली भूमिगत सड़क सुरंग की आधारशिला भी रखेंगे। प्रधानमंत्री रत्न और आभूषण क्षेत्र को बढ़ावा देने के लिए एक महत्वपूर्ण कदम में, एसईईपीजेड एसईजेड में ‘भारत रत्नम’ और न्यू एंटरप्राइजेज एंड सर्विसेज टॉवर (एनईएसटी) 01 का उद्घाटन करेंगे। रेल और पेयजल से संबंधित कई परियोजनाएँ राष्ट्र को समर्पित की जाएँगी। महिला सशक्तिकरण की दिशा के एक अन्य प्रयास में, प्रधानमंत्री महाराष्ट्र में नमो महिला सशक्तिकरण अभियान भी शुरू करेंगे।
#WATCH | Prime Minister Narendra Modi will inaugurate Atal Setu – the Mumbai Trans Harbour Link, which is India's longest bridge built on the sea and will see the movement of more than 70,000 vehicles every day, on January 12 pic.twitter.com/JSTZUBfetn
— ANI (@ANI) January 11, 2024
राष्ट्रीय युवा महोत्सव का उद्घाटन भी करेंगे पीएम मोदी
प्रधानमंत्री 27वें राष्ट्रीय युवा महोत्सव का उद्घाटन भी करेंगे। राष्ट्रीय युवा महोत्सव प्रत्येक वर्ष 12 से 16 जनवरी तक आयोजित किया जाता है। 12 जनवरी को स्वामी विवेकानन्द की जयंती है। इस वर्ष इस महोत्सव की मेजबानी महाराष्ट्र कर रहा है। इस महोत्सव की थीम – विकसित भारत@2047 : ‘युवा के लिए, युवा के द्वारा’ है।
राष्ट्रीय युवा महोत्सव एक ऐसा मंच बनाना चाहता है जहाँ भारत के विभिन्न क्षेत्रों के युवा एक भारत श्रेष्ठ भारत की भावना में अपने अनुभव साझा कर सकें और एकजुट होकर राष्ट्र की नींव मजबूत कर सकें। पूरे देश से लगभग 7500 युवा प्रतिनिधि नासिक में आयोजित इस महोत्सव में भाग लेंगे। सांस्कृतिक प्रदर्शन, स्वदेशी खेल, भाषण और विषयगत आधारित प्रस्तुति, युवा कलाकार शिविर, पोस्टर मेकिंग, कहानी लेखन, युवा सम्मेलन, खाद्य महोत्सव आदि सहित विभिन्न कार्यक्रम इस महोत्सव के दौरान आयोजित किए जाएँगे।
देश के सबसे लंबे पुल की खासियत
- अटल ब्रिज देश का सबसे लंबा समुद्री ब्रिज होगा, जिसकी लंबाई 21.8 किलोमीटर होगी। इस पुल का 16.5 किलोमीटर हिस्सा समुद्र के ऊपर और 5.5 किलोमीटर हिस्सा जमीन के ऊपर बना हुआ है। ये 6 लेन वाला रोड ब्रिज है।
- यह ब्रिज मुंबई से नवी मुंबई को आपस में जोड़ेगा, जिससे दो घंटे के सफर को लगभग 15 मिनट में पूरा कर लिया जाएगा। इसके साथ ही, पुणे, गोवा और दक्षिण भारत का सफर भी कम समय में पूरा हो सकेगा।
- इस पुल को बनाते हुए सुरक्षा को भी मद्देनजर लिया गया है। जिसके बाद इस पर आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस वाले 190 सीसीटीवी कैमरे भी लगाए गए हैं।
- दुनिया का 12वां सबसे लंबा समुद्र पर बना पुल भी है, जो 17 हजार 840 करोड़ रुपये में बनकर तैयार हुआ है।
- सिक्स लेन वाले इस ब्रिज पर रोजाना 70 हजार से अधिक गाड़ियों का ट्रैफिक चल सकता है। पुल पर 100 किलोमीटर प्रति घंटे फर्राटा रफ्तार से गाड़ियां दौड़ेंगी, जिससे घंटों का सफर मिनटों में तय होगा।
- इस पुल की सबसे बड़ी खासियत यह है कि इसमें एफिल टावर की तुलना में 17 गुना अधिक स्टील लगा है और कोलकाता के हावड़ा ब्रिज से चार गुना स्टील का इस्तेमाल किया गया है।
- इस पुल के निर्माण में जो कंक्रीट इस्तेमाल किया गया है, वह अमेरिका के स्टैच्यू ऑफ लिबर्टी से छह गुना ज्यादा है।
- इस अटल पुल के निर्माण में लगभग 177,903 मीट्रिक टन स्टील और 504,253 मीट्रिक टन सीमेंट का उपयोग किया गया है।
- अटल सेतु इतना मजबूत है कि इस पर भूकंप, उच्च ज्वार और तेज हवाओं के दबाव का असर नहीं होगा।
- इस पुल का निर्माण एपॉक्सी-स्ट्रैंड्स वाले विशेष मैटेरियल से किया गया है, जिनका उपयोग परमाणु रिएक्टरों के निर्माण के लिए किया जाता है।