ईरान के दौरे पर गए विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने लाल सागर संकट का मुद्दा उठाया है. उन्होंने कहा कि भारत के आसपास जहाजों पर हमले अंतरराष्ट्रीय समुदाय के लिए गंभीर चिंता का विषय हैं. ऐसे खतरों का भारत की ऊर्जा जरूरतों और आर्थिक हितों पर सीधा असर पड़ता है. उन्होंने अपने ईरानी समकक्ष हुसैन अमीर अब्दुल्लाहियान के साथ चर्चा के बाद संयुक्त बयान में कहा, ‘हाल में हिंद महासागर के इस महत्वपूर्ण हिस्से में समुद्री ट्रैफिक की सुरक्षा के लिए खतरे काफी बढ़े हैं.’ इजराइल- हमास संघर्ष के बीच उन्होंने ईरान समर्थित यमन के हूती विद्रोहियों द्वारा लाल सागर में कॉमर्शियल जहाजों को निशाना बनाने पर खुलकर बात की। विदेश मंत्री ने कहा कि इसका तत्काल समाधान होना चाहिए. यह सबसे व्यस्त व्यापार मार्गों में शामिल है.
ईरानी राष्ट्रपति से मिले, चाबहार पर चर्चा
विदेश मंत्री ने ईरान के राष्ट्रपति डॉ. इब्राहिम रईसी से भी मुलाकात की और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की ओर से शुभकामनाएं दीं. जयशंकर ने सोशल मीडिया पर लिखा, ‘तेहरान में ईरानी विदेश मंत्री के साथ व्यापक चर्चा हुई. हमारी द्विपक्षीय चर्चा चाबहार बंदरगाह और अंतरराष्ट्रीय उत्तर-दक्षिण परिवहन गलियारे (आईएनएसटीसी प्रोजेक्ट) के साथ भारत की भागीदारी के लिए दीर्घकालिक ढांचे पर केंद्रित थी.’ इस दौरान लाल सागर संकट का जिक्र सबसे महत्वपूर्ण था. जयशंकर ने ईरानी विदेश मंत्री के साथ बैठक के बाद कहा, ‘एजेंडे में अन्य मुद्दे गाजा स्थिति, अफगानिस्तान, यूक्रेन और ब्रिक्स सहयोग थे.’
Honoured to call on the President of the Islamic Republic of Iran Dr Ebrahim Raisi @raisi_com.
Conveyed the greetings of PM @narendramodi. Expressed condolences over the Kerman attack.
Apprised him of my productive discussions with the Iranian Ministers. Value his guidance… pic.twitter.com/veugg7rVwg
— Dr. S. Jaishankar (@DrSJaishankar) January 15, 2024
ऊर्जा संपन्न ईरान के दक्षिणी तट पर सिस्तान- बलूचिस्तान प्रांत में चाबहार बंदरगाह संपर्क और व्यापार संबंधों को बढ़ावा देने के लिए भारत और ईरान मिलकर विकसित कर रहे हैं. भारत क्षेत्रीय व्यापार को बढ़ावा देने के लिए चाबहार बंदरगाह परियोजना पर जोर दे रहा है, खासकर अफगानिस्तान से इसके संपर्क के लिए.
अमेरिकी मंत्री से बात फिर…
जयशंकर का ईरान जाकर यह कहना महत्वपूर्ण है क्योंकि गुरुवार को ही उन्होंने अमेरिकी विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकन के साथ फोन पर बातचीत में लाल सागर पर बात की थी. अमेरिका और ब्रिटेन ने यमन में हूती ठिकानों पर हवाई हमले किए हैं. लाल सागर के हालात पर भारत की पैनी नजर है.
ईरान में जयशंकर ने स्पष्ट रूप से कहा कि लाल सागर में जो कुछ हो रहा है वह भयानक स्थिति है और इससे किसी भी पक्ष को फायदा नहीं होने वाला है. इस पर जल्द से जल्द रोक लगनी चाहिए.
गाजा पर भी बोले
जयशंकर ने तेहरान में आतंकवाद के सभी रूपों के खिलाफ भारत की प्रतिबद्धता दोहराई और गाजा के हालात पर भी गंभीर चिंता व्यक्त की. उन्होंने कहा कि भारत का मानना है कि किसी भी संघर्ष की स्थिति में आम लोगों की जान नहीं जानी चाहिए. उन्होंने संवाद और डिप्लोमेसी के जरिए समाधान की बात कही.