ज्ञानवापी मस्जिद परिसर में सील बंद क्षेत्र को सुप्रीम कोर्ट ने खोलने का आदेश दे दिया है. हिंदू पक्ष का दावा है कि सीलबंद क्षेत्र में ‘शिवलिंग विराजमान’ हैं और उसी क्षेत्र में बहुत सारी मछलियां मर गई हैं. ऐसे में उसके साफ-सफाई की जरूरत है. सील एरिया में वजूखाना है, जहां मुस्लिम समुदाय के लोग मस्जिद में नमाज से पहले वजू किया करते थे. सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद इस एयरिया को मई 2022 में बंद किया गया था. यहां एक तालाब है और उसी तालाब की सफाई होनी है.
हिंदू पक्ष के वकील विष्णु शंकर जैन ने बताया कि सुप्रीम कोर्ट ने सीलबंद एरिया को खोलकर उसके सफाई को मंजूरी दी है. उन्होंने बताया कि सालों से यह एरिया बंद है और पहली बार खुलने जा रहा है. सीलबंद एरिया में किसी की एंट्री नहीं थी. मुस्लिम पक्ष के भी वहां वजू करने पर रोक था. मुस्लिम समुदाय के लोग भी जब मस्जिद में नमाज के लिए जाते हैं तो उन्हें परेशानी होती है और वे भी सील एरिया के सफाई के पक्ष में है. सफाई का काम वाराणसी के जिलाधिकारी की निगरानी में होगा.
20-25 दिसंबर के बीच तालाब में मर गई थीं मछलियां
वकील विष्णु शंकर जैन के मुताबिक, मुस्लिम पक्ष ने भी सफाई के लिए कोर्ट में एक याचिका दायर की थी. उन्होंने बताया कि सील एरिया में 20-25 दिसंबर के बीच मछलियं मर गईं. इसकी वजह से वहां अनहाइजीनिक स्थिति फैली हुई है. वहां दर्शन करने जाने वाले हिंदू दर्शनार्थियों को भी दिक्कत होती है. हिंदू पक्ष के वकील ने बताया कि हमारी मान्यता भी है कि जो 16 मई 2022 को मिला था वो शिवलिंग है और वह फाउंटेन नहीं है. ऐसे में शास्त्र महत्व के हिसाब से भी यह गलत है कि जहां शिवलिंग विराजमान है वहां मछलियां मर गईं. इसलिए भी जरूरी है कि उस एरिया की सफाई हो.
मुस्लिम पक्ष ने भी सफाई के लिए दी थी याचिका
बकौल विष्णु जैन सील एरिया की सफाई से अंजुमन इंतजामिया यानी मुस्लिम पक्ष ने भी कोई आपत्ति नहीं जताई, बल्कि सफाई के लिए अपनी सहमति दी. मुस्लिम पक्ष ने खुद सफाई के लिए ट्रायल कोर्ट में 3 जनवरी को एक याचिका दी थी. चुकी मामला सुप्रीम कोर्ट में पेंडिंग है तो इस मामले पर सुप्रीम कोर्ट ही आदेश जारी कर सकता था.