तुर्की में चर्चा है कि इस बार चुनाव में 74 वर्षीय कमाल से एर्दोगन की 20 साल की सत्ता को खतरा है. कमाल कहते हैं, इस बार होने वाले चुनाव बेहतर परिस्थितियों में नहीं हो रहे हैं. इसके बावजूद हम जरूर जीतेंगे क्योंकि यहां की अवाम लोकतंत्र चाहती है. उन्होंने वादा किया है कि अगर वो जीतते हैं तो देश के लोगों को आजादी मिलेगी और लोकतंत्र का राज होगा.
कमाल पूर्व नौकरशाह रहे हैं. उनका जन्म दिसंबर 1948 को तुर्की के तुन्सेली शहर के एक अल्पसंख्यक परिवार में हुआ.कमाल ने 1971 में गाजी यूनिवर्सिटी से ग्रेजुएशन किया. इसके अलावा देश की अर्थव्यवस्था से जुड़े कई संस्थानों में उच्च पद पर रहे. अंकारा की हैकेटपे यूनिवर्सिटी में शिक्षक के तौर पर नौकरी भी की.
कई बार कमाल पर हमले हुए. यही वजह है कि इनकी गिनती सबसे ज्यादा हमले किए जाने वाले नेताओं में की जाती है. पिछले कई सालों में उन्होंने पार्टी का विस्तार किया और लोगों को जोड़ने की कोशिश की.
2002 में वो पहली बार चुनाव जीतकर तुर्की की संसद पहुंचे. उसी साल एर्दोगन की जस्टिस एंड डेवलपमेंट पार्टी सत्ता में आई. अब तुर्की की 6 विपक्षी पार्टियों ने इन्हें अपना नेता बनाया है. यह गठबंधन इसलिए किया गया है ताकि वर्तमान राष्ट्रपति एर्दोगन को सत्ता से बेदखल किया जा सके.
कमाल को तुर्की का गांधी भी कहा जाता है. इसकी कई वजह हैं. पहली उनका चश्माऔर मूछें. दूसरी, उनकी विनम्रता. इसके अलावा उन्होंने लोगों को न्याय दिलाने के लिए 2017 में एर्दोगन के खिलाफ मार्च फॉर जस्टिस अभियान लॉन्च किया था.
कमाल की जिस पार्टी को लीड कर रहे हैं उसका कनेक्शन तुर्की के संस्थापक कमाल अतातुर्की से है. माना जाता है. इनकी पार्टी सेना के काफी करीब रही है. जिसने 1960 के बाद 4 बार सरकार का तख्तापलट किया.
एर्दोगन की सत्ता को खतरा क्यों, जानिए 3 बड़ी वजह
ओपिनियन पोल के नतीजे: तुर्की के गांधी के कारण एर्दोगन की सत्ता खतरे में बताई है. इसकी कई वजह हैं. सबसे पहली वजह ओपिनियन पोल. इस पोल के आंकड़े कहते हैं कि एर्दोगन अपने प्रतिद्वंदी कमाल से 10 अंक पीछे हैं. एर्दोगन की पार्टी को चुनाव में 45 फीसदी वोट मिलने का अनुमान बताया गया है. वहीं, सर्वे में कमाल को 10 फीसदी अधिक मत मिलने की उम्मीद जताई गई है.
अर्थव्यवस्था: तुर्की के जो वर्तमान हालात हैं उसके कारण जनता में एर्दोगन के प्रति रोष है.
अर्दोनान की नीतियों के कारण देश के आर्थिक हालात बिगड़े हुए हैं. यहां की करंसी लीरा लगातार निचले स्तर पर जा रही है. महंगाई बढ़ने के कारण कारोबार बुरा असर पड़ रहा है. लोगों को कहना है कि अब कमाल देश के लिए बेहतर नेता साबित हो सकते हैं. लोगों को उनसे काफी उम्मीदे हैं.
महंगाई का नया रिकॉर्ड: तुर्की में महंगाई रिकॉर्ड बना रही है. यहां की अवाम का मानना है कि एर्दोगन महंगाई को कंट्रोल करने के लिए कोई बड़ा कदम नहीं उठा रहे. महंगाई के कारण घर का किराया दोगुना किया जा रहा है. लोग घर छोड़ने को मजबर हो रहे हैं. खाने के लाले पड़ रहे हैं. तुर्की के एक रेस्तरां मैनेजर का कहना है, यहां पर कोई मिडिल क्लास नहीं है. या तो यहां पर अमीर लोग हैं या सबसे गरीब. इसके अलावा विपक्ष की 6 पार्टियों ने एकजुट होकर कमाल को अपना नेता घोषित कर दिया है.