पाकिस्तान की जेल से 198 भारतीय मछुआरे रिहा कर दिए गए हैं. उन्होंने अपनी सजा पूरी कर ली थी. इनमें 183 मछुआरे गुजरात के हैं. वे कराची जेल में थे और गुरुवार देर शाम रिहा किए गए. पाकिस्तान जेल से सैकड़ों और कैदियों को रिहा किया जाना है. इनमें मछुआरों की तादाद ज्यादा है. दोनों देशों में कैदियों को लेकर नियम हैं और हर साल आधिकारिक स्तर पर इसको लेकर मीटिंग होती है.
पाकिस्तान जेल से 500 कैदियों को रिहा किया जाना है. इनमें 499 मछुआरे और एक नागरिक हैं. बाकी कैदियों को इस साल 3 जुलाई तक रिहा किया जाना है. मछुआरे गलती से सीमा पार कर जाते हैं और इसके लिए वे गिरफ्तार कर लिए जाते हैं. ऐसे कई पाकिस्तानी मछुआरे भी हैं, जो भारतीय जेलों में बंद हैं. भारत भी पाकिस्तानी कैदियों को रिहा करेगा.
मीडिया रिपोर्ट की मानें तो 200 भारतीय कैदियों को गुरुवार को रिहा किया जाना था. इनमें एक आम नागरिक और एक मछुआरे की मौत हो गई. रिहा किए गए मछुआरों में गुजरात के 183, महाराष्ट्र के पांच, केंद्रशासित प्रदेस दीव और उत्तर प्रदेश के चार-चार और एक आंध्र प्रदेश और एक अन्य राज्य के हैं. एक जुलफिक्कार नाम के कैदी को गुरुवार को रिहा किया जाना था, लेकिन शनिवार को उसकी जेल में ही मौत हो गई.
दरअसल, अरब सागर में इंटरनेशनल मैरिटाइम बाउंड्री लाइन (आईएमबीएल) पर दोनों देशों में मतभेद है. ऐसे में मछुआरे के इन क्षेत्रों में प्रवेश पर वे गिरफ्तार कर लिए जाते हैं. हर साल पाकिस्तान मैरिटाइम सिक्योरीट एजेंसी कई भारतीय मुछाआरों को गिरफ्तार कर लेते हैं. इस साल जनवरी महीने तक 654 मछुआरे और 54 आन नागरिक पाकिस्तान की जेल में थे. वहीं 95 पाकिस्तानी नागरिक और 339 मछुआरे भारतीय जेलों में हैं.