अरबपति कारोबारी गौतम अडानी (Gautam Adani) का समूह अपनी दो कंपनियों के शेयर बेचकर लगभग 21,000 करोड़ रुपये जुटाएगा. अमेरिकी शॉर्टसेलर हिंडनबर्ग की ओर से धोखाधड़ी के आरोप लगने के बाद भारी नुकसान उठाने वाले समूह का यह बहुत जोखिम भरा निर्णय माना जा रहा है. अडानी समूह ने हिंडनबर्ग के सभी आरोपों को बेबुनियाद बताया है.
अडाणी समूह की दो कंपनियों ने शेयर बाजार को बताया कि समूह की प्रमुख फर्म अडाणी एंटरप्राइजेज लिमिटेड ने 12,500 करोड़ रुपये जुटाने की योजना बनाई है, जबकि दूसरी कंपनी अडानी ट्रांसमिशन शेष 8,500 करोड़ रुपये जुटाएगी.
समूह की अक्षय ऊर्जा वाली शाखा अडाणी ग्रीन एनर्जी लिमिटेड का निदेशक मंडल भी शनिवार को धन जुटाने के लिए मिलने वाला था लेकिन यह बैठक अब 24 मई के लिए टाल दी गई है. धन संग्रह योग्य संस्थागत खरीदारों को शेयर जारी करने के माध्यम से होगा। मामले की जानकारी रखने वाले सूत्रों ने कहा कि यूरोप और मध्य पूर्व के निवेशकों ने इसमें काफी दिलचस्पी दिखाई है.
आपको बता दें सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि वह अडानी समूह द्वारा शेयरों की कीमतों में हेराफेरी के आरोपों की जांच पूरी करने के लिए भारतीय प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड (SEBI) को और तीन महीने का समय देने पर विचार करेगा. इसके साथ ही न्यायालय ने कहा कि उसने नियामकीय नाकामी के बारे में कुछ नहीं कहा है.
न्यायालय ने विभिन्न जनहित याचिकाओं और बाजार नियामक की याचिका को 15 मई को सुनवाई के लिए सूचीबद्ध किया. सेबी ने अडानी समूह की कथित हेराफेरी की जांच पूरी करने के लिए समय बढ़ाने का अनुरोध किया है.