बिहार में सियासी हलचल के बीच बड़ी खबर सामने आई है. सूत्रों के मुताबिक नीतीश कुमार आज ही मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा देकर एनडीए में शामिल हो सकते हैं.
नीतीश ने बीजेपी के साथ मिलकर सरकार बनाने की कोशिशें तेज कर दी है. इसमें कांग्रेस के कुछ विधायक भी एनडीए का साथ दे सकते हैं. यही कारण है कि नीतीश कुमार ने अपने सभी सरकारी कार्यक्रमों को टाल दिया है. नीतीश के साथ कांग्रेस के टूटे हुए विधायक भी एनडीए में शामिल होंगे. सूत्रों के मुताबिक 122 के जादुई आंकड़ों को पार करने के लिए एनडीए गठबंधन को कांग्रेस के 10 विधायकों का भी साथ मिल सकता है. बीजेपी के सूत्रों के अनुसार कांग्रेस के 10 से ज्यादा विधायक बीजेपी के संपर्क में हैं.
क्या है सीटों का समीकरण
बिहार विधानसभा में अभी बीजेपी के पास विधानसभा की 78 सीटें हैं जबकि जेडीयू के पास 45 विधायक हैं. वहीं एनडीए की सहयोगी पार्टी हम के पास 4 विधायक हैं. अगर इन सबको जोड़ दें ते ये आकंडा 127 का होता है. अगर आरजेडी जेडीयू के कुछ विधायकों को तोड़ती है तो ऐसे में कांग्रेस के 10 बागी विधायक नीतीश और बीजेपी की सरकार बनवाने में अहम भूमिका निभा सकते हैं.
बीजेपी की नजरें बिहार के कांग्रेस विधायकों पर है और दस विधायक अलग होकर अपना गुट बना सकते हैं. वहीं सरकार के गठन को लेकर बीजेपी नीतीश कुमार से अपनी शर्तों पर समझौता करेगी, बीजेपी के सभी मौजूदा सहयोगियों का ध्यान रखा जाएगा. पशुपति पारस, चिराग पासवान, उपेंद्र कुशवाहा और जीतनराम माँझी को सम्मानजनक स्थान मिलेगा. बीजेपी की नज़रें लव-कुश वोटों पर भी हैं. कहा जा रहा है कि नीतीश और कुशवाहा साथ रहेंगे तो चुनावों में बड़ा फायदा होगा. 2025 के विधानसभा चुनाव में बीजेपी गठबंधन को जबरदस्त फायदे की उम्मीद है.
बता दें कि बिहार में कांग्रेस के अभी 19 विधायक हैं. ऐसे में अगर 10 विधायक टूट कर एनडीए के खेमे में आते हैं तो आरेजडी प्रमुख लालू यादव का गेम प्लान बिगड़ सकता है. लालू के बेटे तेजस्वी यादव ने कहा है कि वो इतनी आसनी से नीतीश कुमार को फिर से सरकार नहीं बनाने देंगे. हालांकि कांग्रेस के ये 10 विधायक उनके रास्ते का कांटा बन सकते हैं.