भारत और फ्रांस के बीच दोस्ती लगातार मजबूत हो रही है. 75वें गणतंत्र दिवस समारोह में चीफ गेस्ट के रूप में पहुंचे फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों ने भारत के साथ कई महत्वपूर्ण समझौतों पर हस्ताक्षर किए हैं. इसी कड़ी में दोनों देश डिफेंस इंडस्ट्रियल सेक्टर के बीच एकीकरण को और गहरा करने, को-डिजाइन, सह-विकास और को-प्रोडक्शन के अवसरों की पहचान करने के लिए मिलकर काम करने पर सहमत हुए हैं.
फ्रांस के राष्ट्रपति फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने दोनों देशों के बीच डिफेंस सेक्टर के एकीकरण को और गहरा करने के साथ ही इस सेक्टर के को-डिजाइन, सह-विकास व को-प्रोडक्शन के अवसरों की पहचान करने के लिए मिलकर काम करने पर प्रतिबद्धता दोहराई.
डिफेंस इंडस्ट्रियल रोडमैप का किया स्वागत
फ्रांसीसी राष्ट्रपति मैक्रों और पीएम नरेंद्र मोदी और कहा कि रक्षा औद्योगिक सहयोग विशेष रूप से डिजाइन स्टेज से न केवल युवाओं के लिए अच्छी नौकरियां पैदा करता है, बल्कि यह आत्मनिर्भर भारत के दृष्टिकोण को भी आगे बढ़ाता है. यही नहीं यह वैज्ञानिक, तकनीकी क्षेत्र में व्यापक प्रगति का भी समर्थन करता है. 2047 के लिए विकसित भारत के दृष्टिकोण को साकार करने के लिए दोनों नेताओं ने एक महत्वाकांक्षी डिफेंस इंडस्ट्रियल रोडमैप को अपनाने का स्वागत किया.
यहां मिलकर काम करेंगे दोनों देश
भारत और फ्रांस मिलिट्री हार्डवेयर के को-डिजाइनिंग, को-डेवलपमेंट और को-प्रोडक्शन सहित इस क्षेत्र में साझेदारी के अवसरों की पहचान करने के लिए औद्योगिक सहयोग पर एक नया रोड मैप बनाने पर सहमत हुए हैं. दोनों देश संयुक्त रूप से एक मल्टी-मिशन हेलीकॉप्टर बनाएंगे. शीर्ष अधिकारियों ने शुक्रवार (26 जनवरी) को कहा कि फ्रांसीसी इंजन निर्माता कंपनी सफरान भारत में लड़ाकू जेट इंजन बनाने के लिए 100% टेक्नॉलजी ट्रांसफर करना चाहती है.
डिफेंस के साथ कई और सेक्टर में भी साझेदारी
विदेश सचिव विनय क्वात्रा ने बताया कि दोनों देश डिफेंस स्पेस पार्टनरशिप, सैटेलाइट लॉन्च, क्लीन एनर्जी में जॉइंट रिसर्च, हेल्थ केयर में सहयोग, पब्लिक एडमिनिस्ट्रेशन के सेक्टर में सहयोग और फ्रांस में मास्टर डिग्री हासिल करने वाले भारतीय छात्रों के लिए शेंगेन वीजा की वैधता को पांच साल के लिए सक्रिय करने के भी समझौते पर पहुंचे हैं.
क्वात्रा ने संवाददाता सम्मेलन में कहा कि दोनों पक्षों ने असैन्य-परमाणु ऊर्जा सहयोग को आगे बढ़ाने के लिए विभिन्न पहलुओं पर विचार-विमर्श किया और छोटे मॉड्यूलर रिएक्टरों (एसएमआर) पर ‘बहुत सकारात्मक, आगे की ओर ले जाने वाली’ बातचीत हुई।
उन्होंने कहा कि मोदी और मैक्रों ने गाजा में संघर्ष पर विचारों का आदान-प्रदान करने के अलावा, लाल सागर में स्थिति और इससे उत्पन्न होने वाले ‘‘संभावित व्यवधानों’’ पर भी चर्चा की।हालांकि, भारत द्वारा फ्रांस से राफेल लड़ाकू विमानों के 26 नौसैन्य संस्करण और तीन स्कॉर्पीन पनडुब्बियों की प्रस्तावित खरीद पर कोई घोषणा नहीं की गई क्योंकि समझा जाता है कि अरबों डॉलर के सौदों के लिए कीमतों पर वार्ता अब भी हो रही है।
दोनों पक्षों ने रक्षा अंतरिक्ष साझेदारी पर एक समझौते पर भी हस्ताक्षर किए, जो अंतरिक्ष स्थितिजन्य जागरूकता कार्यक्रम पर संयुक्त कार्य की सुविधा प्रदान करेगा, जिसे सैन्य उपग्रहों को विकसित करने और अंतरिक्ष ट्रैफिक एवं मलबे पर जानकारी साझा करने के लिए महत्वपूर्ण माना जाता है।
उन्होंने कहा कि लाल सागर में घटनाक्रमों के संबंध में ‘‘स्वाभाविक रूप से संभावित व्यवधान और वहां वाणिज्यिक नौवहन में व्यवधान वास्तव में गंभीर चिंता का विषय है और दोनों नेताओं ने इस पर ध्यान केंद्रित किया।उपग्रह प्रक्षेपण में सहयोग के लिए न्यू स्पेस इंडिया लिमिटेड (एनएसआईएल) और फ्रांसीसी अंतरिक्ष एजेंसी एरियनस्पेस ने एक सहमति पत्र पर हस्ताक्षर किए।
क्वात्रा ने कहा कि फ्रांसीसी पक्ष अंतरराष्ट्रीय ऊर्जा एजेंसी (आईएईए) की सदस्यता के लिए भारत की उम्मीदवारी का हमेशा से समर्थन करता रहा है।दोनों रणनीतिक साझेदारों ने उन्नत रक्षा प्रौद्योगिकियों के सह-विकास और सह-उत्पादन में सहयोग करने की प्रतिबद्धता भी जताई।
इस बीच, फ्रांस ने कथित तौर पर कुछ नियमों के उल्लंघन को लेकर नयी दिल्ली स्थित फ्रांसीसी पत्रकार वैनेसा डौगनैक को भारतीय अधिकारियों द्वारा नोटिस भेजे जाने का मुद्दा भारत के समक्ष उठाया।अधिकारियों ने बताया कि फ्रांस के राष्ट्रपति की यात्रा के दौरान यह विषय नयी दिल्ली के समक्ष उठाया गया।वहीं, भारत ने फ्रांसीसी पक्ष को बताया कि यह मुद्दा ‘देश के नियमों और विनियमों के अनुपालन’ के बारे में है, जो यह संकेत देता है कि यह उनकी पत्रकारिता से संबंधित नहीं है।
एच125 हेलीकॉप्टरों का भी होगा भारत में उत्पादन
विदेश सचिव विनय क्वात्रा ने बताया कि टाटा और एयरबस हेलीकॉप्टर महत्वपूर्ण स्वदेशी और लोकलाइजेशन कम्पोनेंट के साथ भारत में एच125 हेलीकॉप्टरों का उत्पादन करने के लिए साझेदारी करेंगे. यह सरकार की “मेक इन इंडिया” पहल के तहत निजी क्षेत्र में भारत की पहली हेलीकॉप्टर असेंबली लाइन होगी. भारत में बने पहले H125 हेलीकॉप्टर का उत्पादन 2026 में शुरू होने की उम्मीद है. यही नहीं, फ्रांस भारत को लड़ाकू जेट इंजन डिजाइन और विकसित करने में मदद करने के लिए भी कदम बढ़ा सकता है.