हबल स्पेस टेलीस्कोप का इस्तेमाल कर खगोलविदों ने अंतरिक्ष में पानी की खोज की हैय़ पृथ्वी से 97 प्रकाशवर्ष दूर एक छोटे, धधकते-गर्म ग्रम के वातावरण में वैज्ञानिकों ने पानी के अणुओं का पता लगाया है। इस ग्रह का नाम GJ 9827d है। यह पृथ्वी के व्यास से दोगुना है। यह सबसे छोटा एक्सोप्लैनेट है, जिसके वायुमंडल में जल वाष्प मिला है। पानी जीवन के लिए सबसे जरूरी है। लेकिन बढ़ा हुआ तापमान इस ग्रह पर किसी भी प्रकार का जीवन नहीं होने दे सकता। यहां का पानी गर्मी के कारण भाप बनकर वायुमंडल में चला जाता है।
खगोलविदों के लिए अभी तक इस ग्रह के वातावरण की वास्तविक प्रकृति का पता लगाना बाकी है। लेकिन यह रहस्य हमारे सौर मंडल के बाहर ग्रहों की उत्पत्ति पर महत्वपूर्ण प्रकाश डालेगा। गुरुवार को इससे जुड़ी रिपोर्ट द एस्ट्रोफिजिकल जर्नल लेटर्स में प्रकाशित किया गया है। इस स्टडी की सह लेखक लॉरा क्रेडबर्ग ने एक बयान में कहा, ‘इतने छोटे ग्रह पर पानी एक ऐतिहासिक खोज है।’ इस ग्रह का तापमान 437 डिग्री सेल्सियस है। इसी कारण यह ग्रह भाप से भरा है।
पानी के अणु मिलने पर वैज्ञानिकों ने क्या कहा?
नए अध्ययन में कहा गया है कि, जिस ग्रह पर पानी के अणु मिले है, उसका नाम GJ 9827d है। यह ग्रह पृथ्वी से दोगुने आकार है। वैज्ञानिकों का मानना है कि यह सबसे छोटा एक्सोप्लैनेट है, जिसके वायुमंडल में पानी का वाष्प पाया गया है। हबल साइट डॉट ओआरजी ने अपने एक बयान में कहा कि एक्सोप्लैनेट GJ 9827d पर जल वाष्प के प्रमाण मिलने से खगोलविद आश्चर्यचकित हो गए हैं।
Astronomers using Hubble have found evidence of water vapor on the exoplanet GJ 9827d, which is 97 light-years away. No bigger than twice Earth’s diameter, the planet could be an example of water-rich worlds elsewhere in our galaxy: https://t.co/mzItYyr1ew pic.twitter.com/V0FUHLY1QN
— Hubble Space Telescope (@HubbleTelescope) January 25, 2024
ग्रह के चारों ओर पानी होने की संभावना
वैज्ञानिकों का कहना है कि 9827डी के चारों ओर पानी होने की उम्मीद है। उन्होंने कहा कि यह ग्रह हमारी आकाशगंगा में कहीं और संभावित जल-समृद्ध दुनिया का एक उदाहरण हो सकता है। वैज्ञानिकों का मानना है कि यह ग्रह शुक्र ग्रह जितना गर्म है और इसका तापमान 800 डिग्री फारेनहाइट यानी करीब 426 डिग्री सेल्सियस है, जिसके कारण यहां भाप का पता चला है।
सितारों के करीब पानी वाले ग्रह
मॉन्ट्रियल यूनवर्सिटी के ट्रॉटियर इंस्टीट्यूट फॉर रिसर्च के प्रोफेसर और अध्ययन के सह-लेखक ब्योर्न बेनेके ने कहा, ‘यह पहली बार होगा कि हम वायुमंडलीय पहचान के जरिए सीधे दिखा सकते हैं पानी से भरपूर वातावरण वाले ये ग्रह असल में दूसरे सितारों के आसपास मौजूद हो सकते हैं।’ इस ग्रह के तारे GJ 9827 ने मूल हाइड्रोजन और हीलियम के वातावरण को खत्म कर दिया है।
11 बार किया गया अवलोकन
नासा के केप्लर मिशन की शुरुआत में 2017 में मीन तारामंडल में एक लाल बौने तारे की परिक्रमा करने वाले ग्रह की खोज की गई थी। एक्सोप्लैनेट हर 6.2 दिनों में अपने तारे की एक परिक्रमा पूरी करता है। खगोलविदों ने तीन वर्षों में 11 बार GJ 9827d का अवलोकन किया। अवलोकन के दौरान यह अपने तारे के आगे से गुजरता था। जब यह तारे के आगे से गुजरता तो तारे की रोशनी में कमी देखी जाती थी। वैज्ञानिकों के मुताबिक पानी पूरे ब्रह्मांड में सबसे सामान्य चीज है।
वैज्ञानिकों ने इस खोज को बताया एतिहासिक
जर्मनी के हीडलबर्ग में मैक्स प्लैंक इंस्टीट्यूट फॉर एस्ट्रोनॉमी की सह-प्रमुख अन्वेषक लौरा क्रेडबर्ग ने कहा कि इतने छोटे ग्रह पर पानी का मिलना एक ऐतिहासिक खोज है, जो कि वास्तव में पृथ्वी जैसी दुनिया को चित्रित करने के पहले से कहीं अधिक करीब लाता है। उन्होंने कहा कि अभी यह बताना जल्दबाजी होगा कि क्या हबल ने स्पेक्ट्रोस्कोपी से फूले हुए हाइड्रोजन से भरे वातावरण में थोड़ी मात्रा में पानी का वाष्प को मापा था, या ग्रह का वायुमंडल ज्यादातर पानी से बना है।