मध्य प्रदेश विधानसभा में मंगलवार को कांग्रेस ने सरकार को कई मुद्दों पर घेरा. कांग्रेस विधायकों ने विपक्ष का दायित्व निभाते हुए जनता से जुड़े मुद्दों पर सरकार से सवाल किए और उसकी जवाब मांगा. इस दौरान सदन में बच्चों के लिए स्कूलों में बंटने वाली किताबें, प्रधानमंत्री आवास योजना, ऑनलाइन जुआ और सट्टा, पंचायत प्रतिनिधियों का मानदेय और खराब सड़कों के मुद्दे पर कांग्रेस विधायकों ने सरकार को जमकर घेरा. वहीं दूसरी तरफ सत्ता पक्ष ने विपक्ष के सवालों का जवाब दिया.
ऑनलाइन गेमिंग पर टैक्स लगाने का कांग्रेस ने किया विरोध
ऑनलाइन गेमिंग और बेटिंग को लेकर वित्त मंत्री जगदीश देवड़ा ने सदन में कहा कि ऑनलाईन गेमिंग और बेटिंग सामाजिक बुराई है. इस बुराई को खत्म करने के लिए इस पर जीएसटी लगाया गया है. केंद्र सरकार द्वारा 28% की दर से ऑनलाइन गेमिंग और बेटिंग से टैक्स वसूला जाएगा. उन्होंने कहा कि देश के बाहर से भी अगर कोई ऑनलाइन गेमिंग और बेटिंग खिलाता है तो उससे भी जीएसटी वसूला जाएगा. वहीं ऑनलाइन गेमिंग पर GST के विधेयक का विरोध करते हुए कांग्रेस ने सदन से वॉकआउट किया.
वॉकआउट के बाद नेता प्रतिपक्ष उमंग सिंघार ने कहा कि प्रदेश की सरकार युवाओं के भविष्य को बर्बाद करने में तुली हुई है. इस तरह के विधेयक लाकर क्या सट्टे के पैसे से सरकार चलाना चाहती है. उन्होंने कहा कि ये ऑनलाइन गेमिंग नहीं सट्टा है. जिससे ये अपना खजाना भरने की बात कर रहे हैं. प्रदेश में सरकारी भर्ती परीक्षाओं के रिजल्ट अटके पड़े हुए हैं, सरकार को उनकी चिंता नहीं है. इस तरह के विधेयक लाकर सरकार बस अपना फायदा देख रही है. उन्होंने कहा कि बाद में कभी जांच होती है तो इन सट्टों वाले ऐप को बीजेपी के नेता और उनके करीबी ही चलाते हुए मिलेंगे.
कांग्रेस विधायक किताबों का पोस्टर पहनकर पहुंचे विधानसभा
पुष्पराजगढ़ से कांग्रेस विधायक फुंदेलाल मार्को किताबों का पोस्टर पहनकर विधानसभा पहुंचे. इस दौरान फुंदेलाल मार्को कबाड़ में फेंकी गई किताबों की फोटो लेकर विधानसभा पहुंचे. कांग्रेस विधायक का आरोप है कि सरकारी स्कूलों में बांटे जाने वाली किताबों को कबाड़ में बेचा गया है. उन्होंने कहा कि राज्य शिक्षा केंद्र की किताबें बच्चों तक नहीं पहुंची, बल्कि कबाड़ी ले गए. उन्होंने कहा कि हम यह मुद्दा विधानसभा में उठाएंगे. कांग्रेस विधायक ने आरोप लगाया कि शिक्षा विभाग के अधिकारी भी इसमें शामिल हैं. सरकार को जवाब देना चाहिए कि आखिर बच्चों की किताबें कबाड़ में कैसे पहुंची?
सदन में खराब सड़कों का उठा मुद्दा
सदन की कार्यवाही के दौरान प्रश्नकाल में कांग्रेस विधायक झूमा सोलंकी ने खरगोन में खराब सड़कों का मुद्दा उठाया. कांग्रेस विधायक ने कहा कि पूरी सड़क खराब हो चुकी है. ऐसा लगता है कि ऊंट पर बैठकर जा रहे हैं. पूरी सड़क को बनाने की जरूरत है क्योंकि यह सड़क मुख्यालय से जुड़ी हुई है. इस पर लोक निर्माण मंत्री राकेश सिंह ने कहा कि सड़कों की खराब हालत और गड्ढों की जानकारी अब पब्लिक भी दे सकेगी. खराब सड़क की फोटो खींचकर एप्लीकेशन में अपलोड करने के बाद सड़क सुधारने की जिम्मेदारी अधिकारी की होगी.
पीडब्ल्यूडी मंत्री राकेश सिंह ने जानकारी दी कि अब मोबाइल के जरिए फोटो भेजकर लोग सड़क के गड्ढे भरवा सकेंगे. मंत्री राकेश सिंह ने बताया कि आम लोग गड्ढों की फोटो खींचकर ऐप के माध्यम से भेजेंगे. अधिकारियों को समय सीमा में इन गड्ढों की मरम्मत करना होगी. गड्ढों की मरम्मत और काम पूरा होने के बाद अफसरों को भी फोटो अपलोड करनी होगी.
PM आवास योजना में गड़बड़ी के लगे आरोप
बीजेपी विधायक ललिता यादव ने प्रधानमंत्री आवास योजना को लेकर विधानसभा में सवाल किया. इस दौरान उन्होंने प्रधानमंत्री आवास योजना में गड़बड़ी का आरोप लगाया. उन्होंने कहा कि छतरपुर नगर पालिका परिषद में अपात्र लोगों के खाते में प्रधानमंत्री आवास योजना की राशि डाली गई. उन्होंने बताया कि 21 ऐसे लोग थे, जो अपात्र थे. उन्हें पीएम आवास योजना की राशि आवंटित की गई है. उन्होंने कहा कि ऐसे कई मामले हैं, जिनकी जांच होनी चाहिए.
ललिता यादव के अलावा विधायक शैलेंद्र ने भी सागर में अपात्र लोगों को प्रधानमंत्री आवास योजना का लाभ देने का आरोप लगाया. विधायक ललिता यादव और शैलेंद्र के आरोपों पर नगरीय प्रशासन मंत्री कैलाश विजयवर्गीय ने भोपाल से अधिकारी भेजकर छतरपुर और सागर में जांच करवाने का आश्वासन दिया.
पंचायत प्रतिनिधियों का मानदेय बढ़ाने की मांग
सदन में कांग्रेस विधायक अभय कुमार मिश्रा ने पंचायत प्रतिनिधियों का मानदेय बढ़ाने के लिए ध्यानाकर्षण प्रस्ताव पेश किया. उन्होंने पंचायत मंत्री प्रहलाद पटेल का ध्यान आकर्षित करते हुए पंचायत प्रतिनिधियों का मानदेय बढ़ाने की मांग की. उनके साथ ही नेता प्रतिपक्ष उमंग सिंघार ने भी कहा कि पंचायत प्रतिनिधियों का मानदेय बढ़ाया जाना चाहिए. इस पर पंचायत मंत्री प्रहलाद पटेल ने कहा कि पहले ही पंचायत प्रतिनिधियों का वेतन तीन गुना बढ़ाया जा चुका है.