इलेक्टोरल बॉन्ड स्कीम को रद्द करने के सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद केंद्र में सत्ताधारी भारतीय जनता पार्टी (BJP) ने कहा है चुनावी बॉन्ड का उद्देश्य चुनावी फंडिंग में पारदर्शिता लाना था। पूर्व कानून मंत्री और बीजेपी नेता रविशंकर प्रसाद (Ravi Shankar Prasad) ने सुप्रीम कोर्ट द्वारा इलेक्टोरल बॉन्ड स्कीम को अमान्य किए जाने के बाद कहा, ‘चुनावी बांड का उद्देश्य चुनावी फंडिंग में पारदर्शिता लाना था।’ उन्होंने कहा कि सुप्रीम कोर्ट ने चुनावी बांड पर एक फैसला सुनाया है. हम इसका सम्मान करते हैं।
उन्होंने पत्रकारों से कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अगुवाई वाली सरकार ने चुनाव के लिए चंदे की व्यवस्था में सुधार के प्रयास किए है ओर चुनावी बॉन्ड जारी करना इसी कदम का हिस्सा है। चुनावी बॉन्ड को मोदी सरकार की ‘काला धन सफेद करने की योजना बताए जाने के कांग्रेस के आरोप पर उन्होंने विपक्षी पार्टी पर निशाना साधा और कहा कि जिन दलों का DNA भ्रष्टाचार और रिश्वतखोरी पर आधारित है, उन्हें BJP के खिलाफ ऐसे आरोप नहीं लगाने चाहिए।
चुनावी बॉन्ड द्वारा विपक्षी दलों को चुनाव में समान अवसर देने से वंचित करने के आरोपों पर उन्होंने कहा कि कौन मैदान में है और कौन मैदान से बहार है. यह जनता तय करती है। उन्होंने कांग्रेस पर स्पष्ट रूप से निशाना साधते हुए कहा कि लोगों ने कुछ पार्टियों को मैदान से बाहर कर दिया है। वे अब उन क्षेत्रों में एक भी सीट नहीं जीत सकते जो उनके गढ़ हुआ करते थे।
बीजेपी की यह प्रतिक्रिया लोकसभा चुनाव से पहले सुप्रीम कोर्ट द्वारा चुनावी बॉन्ड योजना को रद्द करने के एक ऐतिहासिक फैसले के बाद आई है। बीजेपी के प्रवक्ता नलिन कोहली ने कहा, “हम अदालतों में वकालत करते हैं और रोजाना मामले जीते और हारे जाते हैं।” उन्होंने कहा कि शीर्ष अदालत के किसी भी आदेश या उसके फैसले को स्वीकार किया जाना चाहिए और उसका सम्मान किया जाना चाहिए।
उन्होंने आरोप लगाया, “लेकिन जो राजनीतिक दल इसे राजनीतिक रंग देने की कोशिश कर रहे हैं, वे मुख्य रूप से इस आधार पर ऐसा कर रहे हैं क्योंकि उनके पास मोदीजी के नेतृत्व और उनकी सरकार द्वारा किए गए सकारात्मक कार्यों का कोई जवाब या विकल्प नहीं है, जिनसे करोड़ों लोग लाभान्वित हुए है।”
कोहली ने कहा कि भारत अब 10वीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था से दुनिया की पांचवीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बन गया है। प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व में यह तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनने की राह पर है। BJP प्रवक्ता ने कहा, “ये राजनीतिक दल खुद ऐसी स्थिति में है कि जिस गठबंधन को वे बनाने की कोशिश कर रहे थे, वह लगभग खम हो रहा है या यह अपने पैरों पर खड़ा होने से पहले ही खत्म हो गया है।”
उन्होंने कहा, “इसलिए इसका राजनीतिकरण करने का उनका कारण बहुत स्पष्ट है। कोहली ने कहा कि सरकार चुनावों में काले धन के इस्तेमात के मुद्दे के समाधान के लिए चुनावी बॉन्ड योजना लाई गई थी। BJP नेता ने कहा, “सबसे बड़ा परिप्रेक्ष्य यह है कि यह कई दशकों से चिंता का एक विषय रहा है कि काले धन या धन को चुनावी प्रक्रिया में आने से कैसे रोका जाए।”
BJP नेता ने कहा, “चंदा देने वालों की पहचान को ध्यान में रखते हुए एक (चुनावी बॉन्ड) योजना आई। सुप्रीम कोर्ट ने माना है कि इस प्रारूप में यह योजना नहीं हो सकती थी। इसलिए, इसने कुछ निर्देश पारित किए हैं।”
कोहली ने कहा कि शीर्ष अदालत ने मूल रूप से आज कहा है कि चुनावी बॉन्ड से संबंधित जानकारी बाहर आनी चाहिए। उन्होंने कहा, “सुप्रीम कोर्ट के किसी भी आदेश या उसके फैसले को स्वीकार करना होगा।”
वहीं, भारतीय जनता पार्टी (BJP) के प्रवक्ता नलिन कोहली ने चुनावी बॉन्ड पर सुप्रीम कोर्ट के फैसले को तवज्जो नहीं देने के आरोप पर कहा कि शीर्ष अदालत के हर फैसले का सम्मान किया जाना चाहिए। पार्टी ने विपक्षी दलों पर इस मुद्दे का राजनीतिकरण करने का आरोप भी लगाया। बीजेपी प्रवक्ता ने कहा कि विपक्ष इस मुद्दे का राजनीतिकरण कर रहा है क्योंकि उसके पास प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व ओर उनकी सरकार द्वारा किए गए सकारात्मक कार्यों से मुकाबले का कोई विकल्प नहीं है।