मध्य प्रदेश में भाजपा की मोहन यादव तेजी के साथ प्रदेश के विकास के लिए काम कर रही है। राज्य का विकास करने के साथ-साथ मोहन यादव सरकार प्रदेश की जनता के लिए भलाई का काम कर रही है। राज्य की मोहन यादव सरकार हमेशा कहती है कि प्रदेश के लोगों की सेहत का ख्याल रखना उनकी प्राथमिकता है। हाल ही में मुख्य सचिव वीरा राणा ने एक वीडियो कॉन्फ्रेंस के जरिए राज्य के सभी डिविजनल कमिश्नर्स और जिला कलेक्टरों के साथ समीक्षा बैठक की, जिसमें उन्होंने खाद्य पदार्थों में होने वाली मिलावट पर बात की।
मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव से सुशासन, स्वास्थ्य व शिक्षा सहित मध्यप्रदेश के विकास एवं जनकल्याण से जुड़े विभिन्न विषयों पर आकाशवाणी से प्रसारित विशेष बातचीत।@DrMohanYadav51 pic.twitter.com/Z6gXr28Y4v
— Chief Minister, MP (@CMMadhyaPradesh) February 15, 2024
मुख्य सचिव के सख्त निर्देश
इस बैठक में मुख्य सचिव वीरा राणा ने सख्त निर्देश दिए हैं कि भारत सरकार और राज्य सर्विलांस प्लान अनुसार खाद्य पदार्थों की नियमित रूप से जांच की जाए। जांच के आधार पर खाद्य पदार्थों में मिलावट करने वाले क्षेत्रों को मार्क करके प्रभावी रूप से कार्रवाई की जाए।
निगरानी टीम का गठन
मुख्य सचिव राणा ने कहा कि प्रशासन को जिला स्तर पर खाद्य सुरक्षा, नापतौल, दुग्ध संघ और पुलिस आदि विभागों की इंक्लूसिव निगरानी टीम का गठन किया जाए। इस टीम का काम खाद्य पदार्थों में गुणवत्ता की निगरानी करना होगा। इसके साथ ही जिलों में स्थित दुग्ध केंद्र, चिलिंग प्लांट और कलेक्शन सेंटर पर चलने वाले लैबोरेट्रीज में दूध और दूध से बने हुए खाद्य पदार्थों में गुणवत्ता की जांच कराई जाए। इस जांच के बाद निगरानी टीम इनके सेम्पल की रेगुलर जांच करेगी।
लाइसेंस और रजिस्ट्रेशन के लिए निर्देश
इसके साथ ही मुख्य सचिव ने जिलों में लाइसेंस और रजिस्ट्रेशन को लेकर भी निर्देश दिए हैं, जिसके अनुसार जिलों में लाइसेंस और रजिस्ट्रेशन में वृद्धि करने के लिए जनसंख्या के अनुपात को देखा जाएगा, यह एक तरह का विशेष प्रयास है। इस बैठक में खाद्य, गृह और पुलिस विभाग के वरिष्ठ अधिकारी शामिल थे।