प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मंगलवार को आईआईटी भिलाई के स्थायी परिसर का वर्चुअल माध्यम से लोकार्पण किया. आईआईटी भिलाई का यह कैंपस 400 एकड़ के रकबे पर आधारित है. इसके निर्माण में कुल 1090 करोड़ रुपये की लागत आई है.
आईआईटी के निर्माण की आधारशिला प्रधानमंत्री मोदी ने ही 14 जून 2018 को रखी थी. इसका निर्माण कार्य 8 जुलाई 2020 को शुरू हुआ था, जो मात्र 4 वर्ष में बनकर तैयार हो गया है. फिलहाल, अस्थाई रूप से रायपुर के जीईसी कॉलेज (GEC College) में आईआईटी भिलाई के छात्रों की पढ़ाई हो रही थी. फिलहाल 700 विद्यार्थी यहां पढ़ाई कर रहे हैं, जो बैचलर ऑफ़ टेक्नोलॉजी, मास्टर ऑफ़ टेक्नोलॉजी, मास्टर ऑफ़ साइंस और पीएचडी कर रहे हैं.
केंद्रीय विद्यालयों के भवन का भी करेंगे लोकार्पण
आईआईटी भिलाई के लोकार्पण अवसर पर मुख्यमंत्री विष्णु देव साय और केंद्रीय मानव संसाधन विकास मंत्री धर्मेंद्र प्रधान, दुर्ग के सांसद विजय बघेल मौजूद थे. इसके अलावा आईआईटी के अधिशासी मंडल के अध्यक्ष के. वेंकटरमण और निदेशक आईआईटी प्रोफेसर राजीव प्रकाश भी मौजूद रहे. इस मौके पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने जम्मू से भिलाई आईआईटी के स्थाई कैंपस तथा कवर्धा और कुरुद केन्द्रीय विद्यालय के नवनिर्मित भवनों का भी किया ऑनलाइन लोकार्पण किया.
नदियों और पर्वतों के नाम पर रखे गए हैं भवनों के नाम
भिलाई आईआईटी में निर्मित भवनों के नाम छत्तीसगढ़ के प्रमुख नदियों और पर्वतों के नाम पर रखे गए हैं. आईआईटी भिलाई का यह परिसर 400 एकड़ में फैला है. इसके निर्माण में कुल 1090 करोड़ की लागत आई है. इसे बनाने में चार वर्ष का समय लगा है.
गौरतलब है कि छत्तीसगढ़ को शिक्षा के क्षेत्र में आगे बढ़ाने के लिए लगातार काम किए जा रहे हैं. इससे पहले समवार को प्रदेश के 211 स्कूलों को पीएम श्री योजना के तहत विकसित करने का भी केंद्रीय मान संसाधन विकास मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने सोमवार को की थी.
इसी के साथ मुख्यमंत्री विष्णु देव साय संध्या 7 बजे रायपुर के साइंस कॉलेज मैदान खेल परिसर में आयोजित क्षेत्रीय सरस मेला का शुभारंभ करेंगे। यह मेला पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग जिला पंचायत द्वारा महिला स्व-सहायता समूहों के उत्कृष्ट उत्पादों की प्रदर्शनी सह-विक्रय के लिए छत्तीसगढ़ राज्य ग्रामीण आजीविका मिशन बिहान के सौजन्य से आयोजित किया जा रहा है।