भारतीय जनता पार्टी (BJP) अध्यक्ष जेपी नड्डा ने मंगलवार (20 फरवरी) को एक राष्ट्र एक चुनाव के समर्थन में पूर्व राष्ट्रपति राम नाथ कोविंद के नेतृत्व वाली हाई लेवल कमेटी को ज्ञापन सौंपा था. इसको लेकर अब उन्होंने बीजेपी के विचार भी सामने रखे हैं. उन्होंने सुझाव दिया कि सभी चुनावों के लिए एक ही सूची होनी चाहिए.
उन्होंने कहा कि भारतीय जनता पार्टी की राय है कि अगर हम एक राष्ट्र-एक चुनाव के लक्ष्य को प्राप्त कर सकें तो इससे आधुनिक भारत के लोकाचार और आकांक्षा को रिफ्लेक्ट किया जा सकता है. बीजेपी अध्यक्ष ने सुझाव दिया कि पंचायत के चुनाव स्टेट इलेक्शन कमीशन ही करे, लेकिन उसका समय लोकसभा, विधानसभा के साथ हो.
‘एक ही वोटर लिस्ट बनाई जाए’
नड्डा ने कहा कि बीजेपी का मानना है कि पहले चरण में हमें लोकसभा, विधानसभा के चुनाव एक-साथ कराने की व्यवस्था और एक ही मतदाता सूची बनाने की दिशा में काम करना चाहिए. बीजेपी नेता ने कहा कि एक राष्ट्र-एक चुनाव एक ऐसा सिद्धांत है, जिसे कार्यरूप देने का समय आ गया है. इसलिए देश के अमृतकाल में इस सिद्धांत को लागू करके हमें अपनी युवा पीढ़ी को एक आदर्श शासन व्यवस्था सौंपनी चाहिए.
‘प्रशासन और सुशान पर पड़ता है असर’
इससे पहले जेपी नड्डा ने कहा था कि हाई लेवल कमेटी के सामने उन्होंने एक राष्ट्र एक चुनाव पर अपनी राय दी. हम सबने स्पष्ट रूप से कहा कि जो विभिन्न स्तरों पर चुनाव होता है उससे देश और प्रदेश में कहीं न कहीं आदर्श आचार संहिता लगा रहता है. ऐसे में प्रशासन और सुशासन पर बहुत बड़ा असर पड़ता है. इसके साथ ही लोगों के हितों में काम करने की गति में रूकावट आती.
‘बढ़ता है आर्थिक बोझ’
उन्होंने आगे कहा कि अलग-अलग चुनाव होने से राजनीतिक दलों पर आर्थिक दबाव पड़ता है. इससे भ्रष्टाचार भी बढ़ता है. चुनाव के लिए बड़ी तादाद में सिक्योरिटी फोर्स की तैनात की जाती है. चुनाव के लिए बड़ी संख्या में टीचर्स लगाए जाते हैं, जिससे शिक्षा पर असर पड़ता है. स्वास्थ्य कर्मियों को भी इलेक्शन ड्यूटी में लगाया जाता है. इससे काफी नुकसान होता है, इसलिए इस पर विचार करने की जरूरत है.