प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी गुजरात के मेहसाणा में आज GCMMF के स्वर्ण जयंती समारोह में शामिल हुए. गुजरात मिल्क फेडरेशन की 50वीं जयंती के मौके पर आयोजित कार्यक्रम में बड़ी संख्या में गुजरात के किसान मौजूद रहे. समारोह को संबोधित करते हुए पीएम मोदी ने कहा कि गुजरात के गांवों ने मिलकर 50 साल पहले जो पौधा लगाया था वह आज विशाल वटवृक्ष बन गया है, इस विशाल वटवृक्ष की शाखाएं आज देश विदेश तक फैल चुकी हैं. पीएम ने कहा कि वैश्विक डेयरी क्षेत्र हर साल दो प्रतिशत की दर से बढ़ रहा है, जबकि भारत का डेयरी क्षेत्र छह प्रतिशत की दर से आगे बढ़ रहा है.
भारत में डेयरी सेक्टर 6 फीसदी की दर से आगे बढ़ रहा है- पीएम
उन्होंने कहा कि दुनिया मे डेयरी सेक्टर सिर्फ 2 फीसदी की दर से आगे बढ़ रहा है, जबकि भारत में डेयरी सेक्टर 6 फीसदी की दर से आगे बढ़ रहा है.आज देश में धान, गेहूं और गन्ने को मिला दें तो भी इनका टर्नओवर 10 लाख करोड़ नहीं होता है, लेकिन 10 लाख करोड़ टर्नओवर में काम करने वाले डेयरी सेक्टर में 70 प्रतिशत महिला हैं. मैं मानता हूं कि भारत को विकसित करने के लिए आर्थिक शक्ति बढ़ानी है.
‘डेयरी सेक्टर की अगली रीढ़ महिला शक्ति’
पीएम मोदी ने कहा कि दुनिया के 50 से ज्यादा देशों में अमूल के प्रॉडक्ट निर्यात हो रहे हैं. भारत में प्रति व्यक्ति दूध उपलब्धता 40 प्रतिशत बढ़ी है. देश की डेयरी सेक्टर की अगली रीढ़ अगली पहचान महिला शक्ति है. महिला शक्ति की वजह से ही अमूल इस ऊंचाई पर पहुंच चुका है. अमूल जैसा कोई और ब्रांड देश में नहीं है.पीएम मोदी ने कहा कि अमूल सहकारिता शक्ति का उदाहरण है.डेयरी सेक्टर 6 प्रतिशत की दर से बढ़ रहा है.
#WATCH गुजरात: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अहमदाबाद के नरेंद्र मोदी स्टेडियम में लोगों का अभिवादन किया। PM मोदी यहां राज्य के विभिन्न हिस्सों से आए कई किसानों की मौजूदगी में गुजरात सहकारी दुग्ध विपणन महासंघ के स्वर्ण जयंती समारोह में भाग ले रहे हैं।
उनके साथ गुजरात के… pic.twitter.com/w2gISyHUh4
— ANI_HindiNews (@AHindinews) February 22, 2024
पहले की सरकारें ग्रामीण अर्थव्यवस्था की जरूरतों को टुकड़ों में देखती थीं- पीएम
पीएम ने कहा कि गांधी जी कहते थे कि भारत की आत्मा गांवों में बसती है. विकसित भारत के निर्माण के लिए भारत की ग्रामीण अर्थव्यवस्था का सशक्त होना जरूरी है. पहले की सरकारें ग्रामीण अर्थव्यवस्था की जरूरतों को टुकड़ों में देखती थीं. हम गांव के हर पहलू को प्राथमिकता देते हुए काम को आगे बढ़ा रहे हैं. हमारा फोकस है कि छोटे किसान का जीवन कैसे बेहतर हो. पशुपालन का दायरा कैसे बढ़े. पशुओं का स्वास्थ्य कैसे बेहतर हो, गांव में पशुपालन के साथ ही मछलीपालन और मधुमक्खी पालन को कैसे प्रोत्साहित किया जाए.