भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संस्थान (ISRO) ने अपने पहले सूर्य मिशन को लेकर एक नया अपडेट शेयर किया है। इसरो के अनुसार, भारत के पहले सौर मिशन आदित्य-एल1 पर लगे पेलोड के उन्नत सेंसरों ने कोरोनल मास इजेक्शन (सीएमई) के प्रभाव का सफलतापूर्वक पता लगा लिया है।
Aditya-L1 Mission:
PAPA payload has been operational and performing nominally.
It detected the solar wind impact of Coronal Mass Ejections (CMEs) including those that occurred during Feb 10-11, 2024.
Demonstrates its effectiveness in
monitoring space weather conditions.… pic.twitter.com/DiBtW4tQjl
— ISRO (@isro) February 23, 2024
क्या है PAPA पेलोड?
- इसरो के अनुसार, PAPA एक ऊर्जा और द्रव्यमान विश्लेषक है जिसे कम ऊर्जा सीमा में सौर पवन इलेक्ट्रॉनों और आयनों के इन-सीटू माप के लिए डिजाइन किया गया है।
- इसमें दो सेंसर हैं: सौर पवन इलेक्ट्रॉन ऊर्जा जांच (SWEEP) और सौर पवन आयन संरचना विश्लेषक (SWICAR) शामिल है।
- PAPA द्वारा इकट्ठा किए गए डेटा से कोरोनल मास इजेक्शन (CME) से 15 दिसंबर, 2023 और 10-11 फरवरी, 2024 के दौरान हुई घटनाओं की घटना का पता चला है।
- PAPA पेलोड को विक्रम साराभाई अंतरिक्ष केंद्र (VSSC)/ISRO की अंतरिक्ष भौतिकी प्रयोगशाला और एवियोनिक्स इकाई द्वारा विकसित किया गया है।
- इसरो के बयान में कहा गया है कि पीएपीए द्वारा की गई जानकारियां अंतरिक्ष मौसम की स्थिति की निगरानी में इसकी प्रभावशीलता और सौर घटनाओं का पता लगाने और विश्लेषण करने की क्षमता पर जोर देते हैं।
2 सितंबर को किया गया लॉन्च
पीएसएलवी-सी57 रॉकेट द्वारा आदित्य-एल1 को 2 सितंबर को इसरो द्वारा सफलतापूर्वक लॉन्च किया गया था। आदित्य-एल1 अंतरिक्ष यान सूर्य का अध्ययन करने के लिए सात पेलोड ले गया है, जिसमें चार सूर्य से प्रकाश का निरीक्षण करने के लिए और बाकी तीन प्लाज्मा और चुंबकीय क्षेत्र के इन-सीटू मापदंडों को मापने के लिए लगाया गया है।
आदित्य-एल1 को लाग्रांजियन पॉइंट 1 (एल1) के चारों ओर एक प्रभामंडल कक्षा में रखा गया था, जो सूर्य की दिशा में पृथ्वी से 1.5 मिलियन किमी दूर है।