प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने राजधानी के प्रगति मैदान स्थित भारत मंडपम में आयोजित एक कार्यक्रम में आज दुनिया की सबसे बड़ी अन्न भंडारण योजना उद्घाटन किया। उन्होंने खाद्यान्न वितरण के लिए 11 राज्यों में 11 पैक्स गोदामों का शुभारंभ किया और 500 पैक्स में गोदामों के निर्माण की आधारशिला रखी। इस कार्यक्रम में केंद्रीय सहकारिता मंत्री अमित शाह भी मौजूद थे। प्रधानमंत्री मोदी ने अपने संबोधन की शुरुआत करते हुए कहा कि आज भारत मंडपम ‘विकसित भारत’ की अमृत यात्रा में एक और बड़ी उपलब्धि का साक्षी बन रहा है। सहकार से समृद्धि का जो संकल्प देश ने लिया है, उसे साकार करने की दिशा में आज हम और आगे बढ़ रहे हैं।
#WATCH | Prime Minister Narendra Modi launches 11 PACS godowns across 11 states for storage and lays the foundation stone for the construction of godowns in 500 PACS, at an event in Delhi. Union Minister of Cooperation Amit Shah is also present at the event pic.twitter.com/piigcpQLpX
— ANI (@ANI) February 24, 2024
खेती किसानी को मजबूत करने में सहकारिता की अहम भूमिका-पीएम मोदी
उन्होने कहा कि खेती और किसानी की नींव को मजबूत करने में सहकारिता की शक्ति की बहुत बड़ी भूमिका है, इस सोच के साथ हमने अलग सहकारिता मंत्रालय का गठन किया है। आज हमने अपने किसानों के लिए दुनिया की सबसे बड़ी भंडारण योजना शुरू की है। प्रधानमंत्री ने कहा कि इस योजना के तहत देश के कोने-कोने में हजारों वेयर हाउसेस बनाए जाएंगे, हजारों गोदाम बनाए जाएंगे। आज 18 हजार PACS के computerisation का बड़ा काम भी पूरा हुआ है।
#WATCH | PM Narendra Modi says, "Today, we started the world's largest storage scheme for our farmers. Under this, in every corner of the country, thousands of warehouses and godowns will be built. Today, 18000 PACS are also computerised. All of these give will a new expansion to… pic.twitter.com/58Ih5Dxlrg
— ANI (@ANI) February 24, 2024
उद्घाटन के दौरान पीएम मोदी ने कहा, “सहकार, जीवनयापन से जुड़ी एक सामान्य व्यवस्था को बड़ी औद्योगिक क्षमता में बदल सकता है। ये देश की अर्थव्यवस्था, खासकर ग्रामीण और कृषि से जुड़ी अर्थव्यवस्था के कायाकल्प का एक प्रमाणिक तरीका है।”
सहकारिता केवल व्यवस्था नहीं बल्कि भावना है-पीएम मोदी
उन्होंने कहा कि सहकारिता केवल व्यवस्था नहीं है, सहकारिता एक भावना है, एक spirit है। सहकारिता की ये spirits कई बार व्यवसायों और संसाधानों की सीमाओं से परे आश्चर्यजनक परिणाम देती हैं। सहकार, जीवनयापन से जुड़ी एक सामान्य व्यवस्था को बड़ी औद्योगिक क्षमता में बदल सकता है। ये देश की अर्थव्यवस्था, खासकर ग्रामीण और कृषि से जुड़ी अर्थव्यवस्था के कायाकल्प का एक प्रमाणिक तरीका है।
#WATCH | PM Narendra Modi says, "Today, Bharat Mandapam is becoming a witness to another major accomplishment in the Amrit Yatra of Viksit Bharat. 'Sahkar se samriddhi' – we are going further ahead in realising this resolution taken by the country. In strengthening the foundation… pic.twitter.com/pHpnh0Iokr
— ANI (@ANI) February 24, 2024
सहकारिता की नीतियों में महिलाओं को प्राथमिकता
महिलाओं की प्राथमिकता पर बोलते हुए पीएम मोदी ने कहा, “आज देश में भी डेयरी और कृषि में सहकार से किसान जुड़े हैं, उनमें करोड़ों की संख्या में महिलाएं ही हैं। महिलाओं के इसी सामर्थ्य को देखते हुए सरकार ने भी सहकार से जुड़ी नीतियों में उन्हें प्राथमिकता दी है।”
#WATCH | Prime Minister Narendra Modi interacted with women during Amul's Banas Dairy Plant inauguration event in Varanasi, Uttar Pradesh yesterday. pic.twitter.com/Jb9G7vFI8U
— ANI (@ANI) February 24, 2024
पीएम मोदी ने कहा, “विकसित भारत के लिए भारत की कृषि व्यवस्थाओं का आधुनिकीकरण भी उतना ही जरूरी है। हम कृषि क्षेत्र में नई व्यवस्थाएं बनाने के साथ ही PACS जैसी सहकारी संस्थाओं को नई भूमिकाओं के लिए तैयार कर रहे हैं।”