कांग्रेस नेता और राजस्थान के पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के बेटे वैभव गहलोत ने सोमवार को राजस्थान क्रिकेट एसोसिएशन (आरसीए) के अध्यक्ष पद से इस्तीफा दे दिया. उन्होंने आरोप लगाया कि उन्हें निशाना बनाकर आरसीए में “अविश्वास का माहौल” बनाने का प्रयास किया जा रहा है. अपने त्यागपत्र में वैभव ने कहा कि राजस्थान में सरकार बदलने के बाद आरसीए के खिलाफ ”दुर्भावनापूर्ण इरादे” से काम किया जा रहा है.
वर्ष 2019 में मैंने राजस्थान क्रिकेट संघ (RCA) के अध्यक्ष के तौर पर निर्वाचित होने के बाद काम करना शुरू किया। सभी जानते हैं कि 2017 में श्री सीपी जोशी के RCA अध्यक्ष बनने से पहले पूर्ववर्ती भाजपा सरकार के कार्यकाल के दौरान RCA में कैसे हालात थे एवं राजस्थान में क्रिकेट की कैसी…
— Vaibhav Gehlot (@VaibhavGehlot80) February 26, 2024
वैभव गहलोत ने एक्स पर किया पोस्ट
वैभव ने एक्स पर अपने पोस्ट में लिखा है कि ‘‘राजस्थान में सरकार बदलने के बाद से आरसीए के साथ एक द्वेष भावना से कार्रवाई करना शुरू किया गया। एक गैर-वाजिब तरीके से जल्दबाजी में आरसीए के दफ्तर की तालेबंदी तक कर दी गई। अब मुझे लक्ष्य बनाकर राजस्थान क्रिकेट संघ में अविश्वास का माहौल बनाने के प्रयास शुरू कर दिए हैं।’’ उन्होंने कहा कि ‘‘इससे प्रदेश में क्रिकेट का जो सकारात्मक माहौल बना है उसके खराब होने का भी अंदेशा है।’’ पूर्व मुख्यमंत्री ने बेटे ने कहा कि ‘‘ऐसे में मेरे लिए यह असहनीय है कि राज्य में आईपीएल के मैचों पर कोई संकट आए एवं क्रिकेट को नुकसान हो। प्रदेश के क्रिकेट खेल एवं क्रिकेट खिलाड़ियों को इस स्थिति से बचाने के लिए मैं राजस्थान क्रिकेट संघ के अध्यक्ष पद से स्वेच्छा से इस्तीफा देता हूं।’’
यह घटनाक्रम राजस्थान खेल परिषद द्वारा सवाई मान सिंह स्टेडियम, जिसमें आरसीए कार्यालय है, पर कब्ज़ा करने की पृष्ठभूमि में आया है, जिसमें आरसीए पर बकाया भुगतान सहित अपनी देनदारियों को पूरा नहीं करने का आरोप लगाया गया है.
आरसीए में पैदा किया जा रहा है अविश्वास का माहौल
वहीं अशोक गहलोत ने कहा, ‘स्पोर्ट्स काउंसिल द्वारा आरसीए के खिलाफ जल्दबाजी में की गई कार्रवाई राजनीतिक द्वेष से प्रेरित लगती है. भले ही एमओयू समाप्त होने वाला था, यह कार्रवाई अचानक लॉकडाउन के बजाय शालीनतापूर्वक (उचित कानूनी तरीके से) की जा सकती थी. इस तरह की कार्रवाई से राजस्थान के खेल संघों पर राष्ट्रीय संस्थाओं का भरोसा कम होगा और हमारी सरकार के दौरान बना खेल माहौल खराब होगा.”
अपने पत्र में वैभव ने कहा, ”मुझे जानकारी मिली है कि मेरे खिलाफ भी अविश्वास प्रस्ताव पेश किया गया है. इस संबंध में मुझे बस इतना ही कहना है कि आरसीए के किसी भी पदाधिकारी या सदस्य ने मुझसे चर्चा नहीं की और न ही किसी मुद्दे पर असहमति व्यक्त की, अन्यथा मैं पहले ही अपना इस्तीफा दे देता.’
अविश्वास प्रस्ताव की नहीं थी जानकारी
वैभव ने कहा कि उन्होंने अपने पूरे कार्यकाल में क्रिकेट की बेहतरी और आरसीए का नाम ऊंचा करने का प्रयास किया इसी कारण उन्हें दूसरी बार निर्विरोध आरसीए का अध्यक्ष निर्वाचित किया गया। आरसीए में अपने खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव पेश किए जाने का जिक्र करते हुए वैभव ने कहा कि ‘‘अभी-अभी मुझे जानकारी मिली है कि मेरे खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव भी पेश कर दिया है। इस संबंध में मुझे इतना ही कहना है कि आरसीए के किसी भी पदाधिकारी या सदस्य ने मुझसे चर्चा नहीं की एवं न ही किसी मुद्दे पर असहमति व्यक्त की अन्यथा मैं तो पहले ही अपना इस्तीफा दे चुका होता।’’ उन्होंने कहा कि ‘‘मेरे लिए पद नहीं राज्य का क्रिकेट खेल और खिलाड़ियों का भविष्य महत्वपूर्ण है और इस पर कभी आंच नहीं आने दूंगा। मैं भविष्य में राज्य के क्रिकेट, खिलाड़ियों और क्रिकेट प्रेमियों के हितों के लिए सदैव उपलब्ध रहूंगा।’’
जल्दबाजी में आरसीए के दफ्तर की तालेबंदी कर दी गई
उन्होंने कहा कि सरकार बदलने के बाद से आरसीए के साथ द्वेष भावना से कार्रवाई करना शुरू किया, गैरवाजिब तरीके से जल्दबाजी में आरसीए के दफ्तर की तालेबंदी तक कर दी गई. मुझे टारगेट कर आरसीए में अविश्वास का माहौल बनाने के प्रयास शुरू कर दिए. क्रिकेट का जो सकारात्मक माहौल बना है. उसके खराब होने का भी अंदेशा है.
पार्टी नेता सीपी जोशी, जो खुद राजस्थान क्रिकेट एसोसिएशन के पूर्व अध्यक्ष हैं, की मदद से वैभव को पार्टी की लोकसभा हार के महीनों बाद अक्टूबर 2019 में आरसीए अध्यक्ष चुना गया था. दिसंबर 2022 में उन्हें इस पद के लिए फिर से निर्विरोध चुना गया.
एसएमएस स्टेडियम को लेकर परिषद और आरसीए के बीच बार-बार होने वाले विवादों पर-यह पहली बार नहीं है, जब परिषद ने आरसीए कार्यालय पर ताला लगाया है. वैभव ने कहा कि आरसीए के पास अपना कोई स्टेडियम नहीं है और आरसीए के तहत एसएमएस स्टेडियम में अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट मैच आयोजित किए गए थे.