प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी आज वीडियो कांफ्रेंसिग द्वारा 17,500 करोड़ रुपये से अधिक की विकास परियोजनाओं का शिलान्यास और उद्घाटन करेंगे। एक अधिकारी ने बताया कि ‘विकसित भारत, विकसित मध्य प्रदेश’ कार्यक्रम के दौरान प्रधानमंत्री डिजिटल तरीके से सिंचाई, बिजली, सड़क, रेल, जलापूर्ति, कोयला और उद्योग जैसे महत्वपूर्ण क्षेत्रों की कई परियोजनाओं का शिलान्यास और उद्घाटन करेंगे।
इन परियोजनाओं का करेंगे शिलान्यास और लोकार्पण
- पीएम मोदी 5500 करोड़ रुपये से ज्यादा की सिंचाई परियोजनाओं का भी शिलान्यास करेंगे. इन परियोजनाओं में अपर नर्मदा परियोजना, राघवपुर और बसनिया बहुउद्देशीय परियोजना शामिल हैं. इन परियोजनाओं से डिंडोरी, अनुपपुर और मंडला जिलों में 75 हजार हेक्टेयर से अधिक कृषि भूमि सिंचित होगी. इस क्षेत्र में बिजली आपूर्ति बढ़ेगी और पेयजल संकट भी खत्म होगा.
- पीएम राज्य में 800 करोड़ से अधिक की दो छोटी सिंचाई परियोजनाएं राष्ट्र को समर्पित करेंगे. इनमें पारसडोह सूक्ष्म सिंचाई परियोजना और औलिया सूक्ष्म सिंचाई परियोजना शामिल हैं. ये सूक्ष्म सिंचाई परियोजनाएं बैतूल और खंडवा जिलों में 26 हजार हेक्टेयर से ज्यादा क्षेत्र में सिंचाई करेंगी.
- प्रधानमंत्री 2200 करोड़ रुपये से अधिक की लागत से निर्मित तीन रेलवे परियोजनाएं भी राष्ट्र को समर्पित करेंगे. इन परियोजनाओं में वीरांगना लक्ष्मीबाई झांसी-जखलौन और धौरा-आगासोड मार्ग पर तीसरी लाइन की परियोजना, न्यू सुमावली-जोरा अलापुर रेलवे लाइन में गॉज परिवर्तन परियोजना और पोवारखेड़ा-जुझारपुर रेल लाइन फ्लाईओवर की परियोजना शामिल हैं. ये परियोजनाएं रेल कनेक्टिविटी बढ़ायेगी और क्षेत्र के सामाजिक-आर्थिक विकास में योगदान देंगी.
- मध्यप्रदेश में औद्योगिक विकास को गति देने के लिए प्रधानमंत्री लगभग 1000 करोड़ रुपये की औद्योगिक परियोजनाओं की आधारशिला भी रखेंगे. इन परियोजनाओं में रतलाम में बड़ा औद्योगिक पार्क, मुरैना जिले के सीतापुर में मेगा चमड़ा, जूते और सहायक उपकरण केंद्र, इंदौर में परिधान उद्योग के लिए प्लग एंड प्ले पार्क, औद्योगिक पार्क मंदसौर (जग्गाखेड़ी चरण-2) और धार जिले में औद्योगिक पार्क पीथमपुर का उन्नयन परियोजना शामिल हैं.
- पीएम देश को कोयला क्षेत्र की 1000 करोड़ से अधिक की परियोजनाएं समर्पित करेंगे. इनमें जयंत ओसीपी सीएचपी साइलो, एनसीएल सिंगरौली और दुधिचुआ ओसीपी सीएचपी-साइलो शामिल है. प्रदेश में बिजली क्षेत्र को मजबूत करते हुए प्रधानमंत्री मोदी पन्ना, रायसेन, छिंदवाड़ा और नर्मदापुरम जिलों में स्थित छह सबस्टेशनों की आधारशिला रखेंगे. इन सबस्टेशनों से प्रदेश के 11 जिलों भोपाल, पन्ना, रायसेन, छिंदवाड़ा, नर्मदापुरम, विदिशा, सागर, दमोह, छतरपुर, हरदा और सीहोर के लोगों को लाभ मिलेगा. इन सबस्टेशनों से मंडीदीप औद्योगिक क्षेत्र के उद्योगों को भी लाभ होगा.
- प्रधानमंत्री अमृत 2.0 के तहत लगभग 880 करोड़ रुपए की विभिन्न परियोजनाओं और राज्य भर के कई जिलों में जल आपूर्ति प्रणालियों को बढ़ाने और मजबूत करने की अन्य योजनाओं की आधारशिला रखेंगे. प्रधानमंत्री खरगोन में जल आपूर्ति बढ़ाने की परियोजना भी राष्ट्र को समर्पित करेंगे.
- सरकारी सेवाओं की प्रदाय व्यवस्था में सुधार की दिशा में मध्यप्रदेश में साइबर तहसील परियोजना बड़ा कदम है. इससे पूर्ण खसरा की बिक्री-खरीद का दाखिल खारिज शुरू से अंत तक कागज रहित और फेसलेस ऑनलाइन निपटान और राजस्व रिकॉर्ड में रिकॉर्ड सुधार होगा. यह परियोजना सभी जिलों में लागू की गई है. मप्र के लिए एक एकल राजस्व न्यायालय भी प्रदान करेगी. इसमें आवेदक को अंतिम आदेश की प्रमाणित प्रति भेजने के लिए ईमेल-वॉट्सएप का भी उपयोग किया जाएगा. प्रधानमंत्री मोदी अन्य परियोजनाओं के अलावा मध्य प्रदेश में कई महत्वपूर्ण सड़क परियोजनाओं का शिलान्यास करेंगे.
वैदिक घड़ी का उद्घाटन करेंगे पीएम
प्रधानमंत्री मोदी उज्जैन शहर में भारतीय पंचांग या समय गणना प्रणाली पर आधारित विक्रमादित्य वैदिक घड़ी का भी वर्चुअल तौर पर उद्घाटन करेंगे। आधिकारिक विज्ञप्ति में बताया गया कि यह अपनी तरह की विश्व की पहली घड़ी है। विज्ञप्ति में कहा गया, “समय गणना की भारतीय प्रणाली दुनिया की सबसे पुरानी, सूक्ष्म, शुद्ध, त्रुटि रहित, प्रामाणिक और विश्वसनीय प्रणाली है। इस सबसे विश्वसनीय प्रणाली को विक्रमादित्य वैदिक घड़ी के रूप में उज्जैन में पुनः स्थापित किया जा रहा है।
क्या होती है वैदिक घड़ी
वैदिक घड़ी को उज्जैन जिले में तैयार किया गया है। इसे 85 फुट के टॉवर पर स्थापित किया गया है। यह दुनिया की पहली वैदिक घड़ी है। यह अनोखी घड़ी हिंदू पंचांग, ग्रहों की स्थिति, मुहूर्त, ज्योतिषीय गणना, भविष्यवाणियों से संबंधित जानकारी देगी और भारतीय मानक समय (आईएसटी) और ग्रीनविच मीन टाइम (जीएमटी) भी बताएगी। समय की गणना एक सूर्योदय से दूसरे सूर्योदय तक की अवधि पर आधारित है।आईएसडी के अनुसार दो सूर्योदयों को 30 भागों में विभाजित किया जाएगा। प्रत्येक घंटे में 48 मिनट होंगे। रीडिंग 0:00 बजे से शुरू होगी। यह घड़ी वैदिक हिंदू पंचांग से मुहूर्त, तिथि और अन्य चीजों की जानकारी देगी।