अयोध्या में भगवान राम का भव्य मंदिर बन चुका है। इस बीच अब भाजपा नेता उमा भारती ने काशी और मथुरा को लेकर एक बयान जारी किया है। उन्होंने कहा कि अयोध्या की तरह काशी और मथुरा को भी उनका हक मिलेगा। इस बार कोई आंदोलन नहीं होगा क्योंकि अयोध्या में सबूत खोदने पड़े थे, लेकिन काशी और मथुरा में खुदाई की जरूरत नहीं है। सबूत मौजूद है। मुसलमानों को अदालत में जाने का अधिकार है। वे अदालत द्वारा दिए गए आदेशों का पालन करते हैं। उन्होंने कहा कि जैसे अयोध्या हुआ वैसे ही काशी और मथुरा हो जाएगा।
काशी-मथुरा पर क्या बोलीं उमा भारती
उमा भारती ने कहा कि अयोध्या में खुदाई के बाद प्रमाण मिला था। लेकिन काशी और मथुरा में खुदाई के बगैर प्रमाण मिले हैं। इसलिए कोर्ट प्रमाणों के आधार पर जो निर्णय देगा, उस निर्णय को हम मानेंगे। लेकिन हमारी आस्था रहेगी कि उस स्थान पर मंदिर का निर्माण हो। उन्होंने कहा कि इस देश का मुसलमान हिंदू के बराबर ही कानून का अधिकार रखता है। उन्हें कोर्ट जाने का अधिकार है। लेकिन फिर कोर्ट जो फैसला सुनाए वह उन्हें स्वीकार होना चाहिए। बता दें कि काशी के ज्ञानवापी का मामला इन दिनों कोर्ट में चल रहा है। बीते दिनों व्यास जी के तहखाने में पूजा की अनुमति भी दे दी गई थी।
#WATCH | Ayodhya: BJP leader Uma Bharti says, "Just like Ayodhya, Kashi and Mathura will also get their due. There will be no agitation this time because evidence in Ayodhya had to be excavated, but there's no need for excavation in Kashi and Mathura, all proof is there… The… pic.twitter.com/9QjYTI7xbS
— ANI UP/Uttarakhand (@ANINewsUP) March 2, 2024
‘लोकसभा चुनाव में होगा सभी का सूपड़ा साफ’
उन्होंने आगे कहा, “अयोध्या में मंदिर की प्राण प्रतिष्ठा के कार्यक्रम में शामिल होने के बाद हनुमानगढ़ी के दर्शन नहीं कर पाए थे, इसलिए यहां पर आई हूं.” वहीं, लोकसभा चुनाव 2024 को लेकर टिप्पणी करते हुए बीजेपी नेता ने कहा, “इस बार के चुनाव में सभी का सूपड़ा साफ होगा. मोदी जी कहते हैं कि एनडीए 400 पार जाएगा, मैं कहतीं हूं कि अकेले बीजेपी 400 पार जाएगी. कांग्रेस सिर्फ 15 से 20 सीटों पर सिमटकर रह जाएगी.”
इसके अलावा राहुल गांधी को लेकर उन्होंने कहा, “जिसने राम के अस्तित्व को ही नकार दिया हो उसे न राम लहर दिखेगी और उसके हिलोरे. इस देश की धरती पर अनादिकाल से लेकर अंतकाल तक राम हैं.”
सुप्रीम कोर्ट पहुंचा ज्ञानवापी मामला
बता दें कि ज्ञानवापी मस्जिद समिति की तरफ से इलाहाबाद हाईकोर्ट के आदेश के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट ने याचिका दायर की गई थी। इस मामले पर सुप्रीम कोर्ट सुनवाई के लिए तैयार हो गया है। बता दें कि 19 फरवरी को इलाहाबाद हाईकोर्ट ने टाइटल सूट को चुनौती देने वाली मुस्लिम पक्ष की याचिकाओं को खारिज कर दिया था। साथ ही हाईकोर्ट ने आदेश दिया था कि वाराणसी में मस्जिद वाली जगह पर मंदिर के पुनर्स्थापना की मांग करने वाले मुकदमें सुनवाई योग्य हैं। बता दें कि शुक्रवार को मुख्य न्यायाधीश डीवाई चंद्रचूड़ और न्यायमूर्ति जे बी पारदीवाला और न्यायमूर्ति मनोज मिश्रा की पीठ ने इस सुनाव को लेकर कहा कि हम इस मामले को मुख्य मामले के साथ जोड़ेंगे।