जल, थल, नभ में भारतीय सेना की ताकत लगातार बढ़ रही है। जिसे देख विरोधी देशों की टेंशन बढ़ गई है। अब भारतीय नौसेना एक नई शुरुआत करने जा रही है। नौसेना आज बुधवार 6 मार्च को लक्षद्वीप द्वीप समूह के मिनिकॉय में आईएनएस जटायु के तहत अपनी नौसैनिक टुकड़ी को तैनात करने के लिए तैयार हो चुकी है। नौसेना की ये नई शुरुआत रणनीतिक रूप से काफी महत्वपूर्ण है। आइए जानते हैं कि जटायु को देख ड्रैगन टेंशन में क्यों है।
जटायु से क्या होगा?
नौसेना का मानना है कि आईएनएस जटायु के जरिए बुनियादी सुरक्षा ढांचे को बढ़ाने में मदद मिलेगी। बता दें कि आईएनएस जटायु लक्षद्वीप में दूसरा नौसैनिक अड्डा है। इससे पहले कवरत्ती में आईएनएस द्वीपरक्षक की तैनाती हो चुकी है। आईएनएस जटायु के शुरू होने से नौसेना को सर्विलांस और ऑपरेशनल एफिशियेंसी बढ़ाने में मदद मिलेगी।
#IndianNavy to commission it's naval base at Minicoy Islands (INS Jatayu) in #Lakshadweep next week. pic.twitter.com/Hl7XCuQuZl
— News IADN (@NewsIADN) February 29, 2024
दक्षिणी द्वीप संचार की दृष्टि से महत्वपूर्ण
आपको बता दें कि नौसेना की टुकड़ी मिनिकॉय की स्थापना 1980 के दशक की शुरुआत में की गई थी। इसे नौसेना अधिकारी-प्रभारी (लक्षद्वीप) की परिचालन कमान के तहत स्थापित किया गया था। मिनिकॉय लक्षद्वीप का दक्षिणी द्वीप है, इसे संचार की दृष्टि से काफी महत्वपूर्ण माना जाता है। यह समुद्री लाइनों (SLOC) तक फैला हुआ है। नौसेना का मानना है कि लक्षद्वीप द्वीपों को अरब सागर में विभिन्न जहाजों की आवाजाही की निगरानी के लिए इस्तेमाल किया जा सकता है।
Official insignia of Indian Navy Base, INS Jatayu at Lakshadweep Islands that will be inaugurated on March 6 by Navy Chief Admiral R. Hari Kumar pic.twitter.com/Ebao0UQ86z
— Megh Updates 🚨™ (@MeghUpdates) March 3, 2024
बेस ऑपरेशनल रीच को बढ़ाने में मिलेगी मदद
अब एक स्वतंत्र नौसैनिक इकाई की स्थापना से द्वीपों में नौसेना की परिचालन क्षमता में बढ़ोतरी होगी। यह बेस ऑपरेशनल रीच को बढ़ाएगा। इसके जरिए पश्चिमी अरब सागर में समुद्री डकैती और मादक पदार्थों की तस्करी के खिलाफ ऑपरेशन चलाने में भी मदद मिलेगी।
#WATCH | Indian Navy to enhance its operational capability with the commissioning of INS Jatayu at Minicoy Island, Lakshadweep on March 6. It will enhance the Navy's operational reach, Maritime Security ops, and capability as the first responder in the region.
(Video Source:… pic.twitter.com/iAlNleVKq5
— ANI (@ANI) March 2, 2024
आपको बता दें कि लक्षद्वीप और मिनिकॉय द्वीप को अरब सागर में रणनीतिक रूप से काफी महत्वपूर्ण माना जाता है। दरअसल, इन द्वीपों के पास से कई शिपिंग लेन गुजरती हैं। रिपोर्टों के अनुसार, नौसेना मिनिकॉय, कवरत्ती, अगत्ती और एंड्रोथ द्वीपों में स्थित नौसेना इकाइयों में बुनियादी सुविधाओं को अपग्रेड करने की प्लानिंग कर रही है।
मलक्का जलडमरूमध्य के पास
ये द्वीप मलक्का जलडमरूमध्य के भी करीब हैं। मलक्का जलडमरूमध्य को शिपिंग मार्गों के कारण एक आर्थिक राजमार्ग माना जाता है। नया बेस न केवल नौसेना को शिपिंग गतिविधि पर नजर रखने में मदद करेगा, बल्कि बल संकट के दौरान प्रतिक्रिया देने के लिए बेहतर स्थिति में भी होगा।
🚨 The Indian Navy will commission a naval detachment, INS Jatayu in the Minicoy islands of Lakshadweep on March 6. pic.twitter.com/F6i7zbZQ8K
— Indian Tech & Infra (@IndianTechGuide) March 4, 2024
ग्लोबल टाइम्स ने जारी की रिपोर्ट
भारतीय नौसेना की बढ़ती ताकत देख ग्लोबल टाइम्स ने भी अपनी खीज निकाली है। ग्लोबल टाइम्स का कहना है कि भारतीय नौसेना हिंद महासागर में अपनी उपस्थिति लगातार बढ़ा रही है। चीनी कम्युनिस्ट पार्टी के मुखपत्र ग्लोबल टाइम्स ने इसके साथ ही कहा कि भारत नए बेस के जरिए मालदीव के साथ ही क्षेत्र में चीन के प्रभाव को रोकने का प्रयास कर रहा है। जाहिर है कि आईएनएस जटायु से चीन की टेंशन लगातार बढ़ रही है। इसके साथ ही उसके पिछलग्गू मालदीव की टेंशन बढ़ना भी लाजिमी है।