प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने अवैध रेत खनन मामले में शनिवार को बिहार की राजधानी पटना में लालू यादव के करीबी सुभाष यादव के ठिकानों पर तलाशी की. पटना, दानापुर से लेकर बिहटा तक ईडी की ये छापेमारी चल रही है. सुभाष यादव राष्ट्रीय जनता दल के टिकट पर लोकसभा चुनाव भी लड़ चुके हैं. इससे पहले आयकर विभाग ने लालू यादव के करीबी पार्षद विनोद जयसवाल पर भी शिकंजा कसा था.
लालू के करीबी हैं सुभाष यादव
बता दें कि लालू यादव के परिवार से सुभाष यादव का कुछ खास पारिवारिक रिश्ता नहीं है। लेकिन वो लालू यादव के करीबियों में से एक हैं। बता दें कि सुभाष यादव के खिलाफ पटना के कई पुलिस थानों में केस दर्ज है। साथ ही एक दर्जन से अधिक मुकदमें उनके खिलाफ दर्ज हैं। इसमें से ज्यादातर मामले अवैध बालू खनन से जुड़े हुए हैं। बता दें कि इससे पहले पटना स्थित राजद के एमएलसी विनोज जायसवाल के घर आयकर विभाग की टीम ने छापेमारी की थी। कोलकाता से आई टीम ने शराब फैक्ट्री की जांच मामले में ये कार्रवाई की थी। इस कार्रवाई के तहत यह जानकारी भी सामने आई कि टैक्स की चोरी भी की गई है। बता दें कि इस बीच अब सुभाष यादव के अलग-अलग ठिकानों पर ईडी का रेड जारी है।
#WATCH | Bihar | ED raid underway at the residence of Subhash Yadav – a close aide of RJD chief Lalu Prasad Yadav – in Danapur, Patna. Subhash Yadav is reportedly involved in the sand business.
Details awaited. pic.twitter.com/bXrawCtbeV
— ANI (@ANI) March 9, 2024
आरोप क्या है
राजद के नेता और लालू यादव के करीबी सुभाष यादव पर ईडी ने एक्शन लिया. आरोप है कि सुभाष यादव बिहार में अवैध बालू खनन का कारोबार चलाते हैं. सुभाष यादव ने 2019 के लोकसभा चुनाव में, सुभाष यादव ने झारखंड के चतरा से राजद उम्मीदवार के रूप में चुनाव लड़ा था, हालांकि, वो चुनाव हार गए थे. सुभाष यादव पटना के शाहपुर जिले के हेतनपुर गांव से है. वो ब्रॉडसन कंस्ट्रक्शन प्राइवेट लिमिटेड नाम की कंपनी के मालिक हैं. शुक्रवार को बालू को लेकर ईडी ने नेता के ठिकानों पर जांच की थी.साथ ही बिहार पुलिस के द्वारा पहले दर्ज की गई कुछ एफआईआर से मनी लॉन्ड्रिंग का मामला भी उपजा है. बता दें, इससे पहले भी आयकर विभाग ने सुभाष यादव के ठिकानों पर छापेमारी की थी. 2018 में पटना, दिल्ली और धनबाद में कार्रवाई हुई थी.
MLC पर कसा था शिकंजा
राजद पर आयकर और ईडी का खतरा मंडरा रहा है. सुभाष यादव से पहले आयकर विभाग ने लालु यादव के करीबी और सीवान के पार्षद विनोद जयसवाल पर भी शिकंजा कसा था. कोलकाता से आयकर विभाग की टीम जांच के लिए पार्षद के घर आई थी. बताया जा रहा है कि विनोद जयसवाल की कोलकाता में शराब फैक्ट्री है. उनकी शराब फैक्ट्री की जांच में आयकर की टीम को गड़बड़ी मिली थी, जिसके बाद जांच शुरू की गई और फिर टीम कोलकाता से पटना पहुंची.