भारतीय विदेश मंत्री एस जयशंकर ने पड़ोसी देशों चीन और पाकिस्तान को सीमा विवाद पर दो टूक नसीहत दी है. उन्होंने एक कार्यक्रम में कहा कि पूर्वी लद्दाख में चार साल से जारी सीमा विवाद और तनाव से न तो चीन को कुछ हासिल हुआ और न ही भारत को. ऐसे विवाद का किसी को फायदा नहीं होता.
उन्होंने पाकिस्तान को भी आईना दिखाया और कहा कि भारत ने उसके साथ बातचीत के रास्ते कभी बंद नहीं किए हैं.
जयशंकर ने कहा कि भारत ‘निष्पक्ष और उचित समाधान’ खोजने के लिए प्रतिबद्ध है, लेकिन यह ऐसा समाधान होना चाहिए, जो समझौतों का सम्मान करता हो और वास्तविक नियंत्रण रेखा को मान्यता देता हो. उन्होंने कहा कि भारत ने पाकिस्तान के साथ बातचीत के लिए अपने दरवाजे कभी बंद नहीं किए, लेकिन आतंकवाद का मुद्दा ईमानदारी से बातचीत के केंद्र में होना चाहिए. तभी इस पर किसी तरह की चर्चा के सार्थक परिणाम निकलेंगे.
विदेश मंत्री बोले, बदल रही है दुनिया
हाल ही में दक्षिण कोरिया और जापान की आधिकारिक यात्रा से लौटे जयशंकर ने नई दिल्ली में ‘एक्सप्रेस अड्डा’के दौरान कूटनीति की बदलती प्रकृति से लेकर बदल रही वैश्विक व्यवस्था सहित कई मुद्दों पर अपने विचार साझा किए. जब उनसे सवाल किया गया कि सीमा मुद्दे को सुलझाने के लिए चीनी पक्ष ने अतीत में किन प्रस्तावों की पेशकश की और क्या कभी ऐसी स्थिति बनी जब उन्हें ऐसा लगा कि इस मुद्दे को वास्तव में सुलझाया जा सकता है.
इस पर विदेश मंत्री ने कहा, सीमा संबंधी विवादों को लेकर वार्ता कर रहे हर देश को यह मानना होता है कि इसका कोई समाधान अवश्य होगा.