TATA Group 72,000 लोगों को नौकरी मुहैया कराने जा रहा है। बुधवार को टाटा संस के चेयरमैन एन चंद्रशेखरन ने गुजरात के धोलेरा में टाटा इलेक्ट्रॉनिक्स के 91,000 करोड़ रुपये की लागत से प्रस्तावित चिप विनिर्माण संयंत्र और असम में 27,000 करोड़ रुपये की चिप असेंबली इकाई के शिलान्यास समारोह में कहा कि हम आने वाले सालों में इस संयंत्रों से लगभग 72,000 रोजगार पैदा करेंगे। इतना ही नहीं, टाटा इलेक्ट्रॉनिक्स के सेमीकंडक्टर संयंत्र धीरे-धीरे चिप की आपूर्ति करके चरणबद्ध तरीके से सभी क्षेत्रों को सेवाएं देंगे। आगे चलकर इन परियोजनाओं का विस्तार भी होगा लेकिन शुरुआती मील के पत्थर पार करने के बाद ही ऐसा होगा।
बड़ी संख्या में नौकरियां पैदा होंगी
चन्द्रशेखरन ने कहा कि इन संयंत्रों के लगने से बड़ी संख्या में नौकरियां पैदा होंगी। उन्होंने कहा कि यह केवल शुरुआत है। आगे चलकर इसका विस्तार होगा। हम यहां 50,000 नौकरियां और असम के संयंत्र में 20,000-22,000 नौकरियां तलाश रहे हैं। लेकिन इसमें समय लगेगा। जैसे-जैसे हम शुरुआती मील के पत्थर पार करेंगे, हम इसका विस्तार करेंगे। चन्द्रशेखरन ने कहा कि कंपनी चिप उत्पादन की समयसीमा में तेजी ला रही है। उन्होंने कहा, ‘‘आमतौर पर एक सेमीकंडक्टर संयंत्र की स्थापना में लगभग चार साल लगते हैं। हमारा लक्ष्य कैलेंडर वर्ष 2026 के उत्तरार्द्ध में चिप का उत्पादन शुरू करने का है। असम में यह काम पहले भी किया जा सकता है। हम असम में 2025 के अंत में भी व्यावसायिक उत्पादन शुरू कर सकते हैं।
टाटा संस (Tata Sons) के चेयरमैन एन चंद्रशेखरन (N Chandrasekaran) ने कहा कि
टाटा इलेक्ट्रॉनिक्स प्लांट धीरे-धीरे सेमीकंडक्टर चिप्स की आपूर्ति करेगा और वह चरणबद्ध तरीके से सभी सेक्टर को सेवाएं देंगा। सेमीकंडक्टर के निर्माण से भारत में रोजगार के अवसर पैदा हुए। पिछले कुछ वर्षों में लगभग 72,000 लोगों को नौकरियां मिली है।
आज असम में टाटा इलेक्ट्रॉनिक्स के 91,000 करोड़ रुपये के चिप मेन्यूफेक्चरिंग प्लांट और 27,000 करोड़ रुपये की चिप असेंबली सर्विस का शिलान्यास समारोह हुआ। इस समारोह में चंद्रशेखरन ने कहा कि हम जिस दिन शुरुआती लक्ष्य को हासिल कर लेंगे उसके बाद हम सेमीकंडक्टर प्रोजेक्ट का विस्तार करेंगे।
इन सेक्टर की आवश्यकताओं की होगी पूर्ति
एन चंद्रशेखरन के अनुसार टाटा इलेक्ट्रॉनिक्स चिप्स का लाभ कई सेक्टर को मिलेगा। टाटा इलेक्ट्रॉनिक्स चिप्स ऑटोमोटिव, बिजली, इलेक्ट्रॉनिक्स, उपभोक्ता और मेडिकल के साथ कई और सेक्टर की आवश्यकताओं को पूरा करेगा।
एन चन्द्रशेखरन ने कहा कि – “भारत में कई सेक्टर है जिसमें चिप्स की आवश्यकता है। जाहिर है हम पहले दिन सभी फॉर्म फैक्टर का उत्पादन नहीं कर सकते हैं, लेकिन हम धीरे-धीरे सभी सेक्टर की सर्विस देंगे।”
उन्होंने जानकारी दी कि टाटा का चिप प्लांट 28 नैनोमीटर (एनएम) से 110 नैनोमीटर नोड्स में वेफर्स का प्रोडक्शन करने में सक्षम है। स्मार्टफोन, टैबलेट आदि जैसे हाई-टेक गैजेट्स के लिए मुख्य रूप से 3 एनएम, 7 एनएम और 14 एनएम जैसे छोटे नोड्स में चिप्स की आवश्यकता होती है।
वह आगे कहते हैं कि इन प्लांट से बड़ी संख्या में नौकरियां पैदा होंगी। वह कहते हैं कि हम असम में कम से कम 20,000- 22,000 नौकरियों जनरेट होने की संभावना है। हालांकि, इसमें समय लगेगा।
चंद्रशेखरन ने कहा कि कंपनी चिप उत्पादन की समयसीमा में तेजी ला रही है।
आम तौर पर सेमीकंडक्टर संयंत्र में लगभग 4 साल लगता हैं। हमारा लक्ष्य कैलेंडर वर्ष 2026 में चिप्स का प्रोडक्शन करना है। उम्मीद है इस वर्ष के उत्तरार्ध में असम में यह काम पहले किया जा सकता है। हम असम में 2025 के अंत में भी कमर्शियल प्रोडक्शन शुरू कर सकते हैं।