सुप्रीम कोर्ट ने SBI को बॉन्ड नंबर का खुलासा करने का आदेश दिया है. एसबीआई चेयरमैन को सुप्रीम कोर्ट ने नोटिस जारी कर सोमवार तक जवाब तलब किया है. सुप्रीम कोर्ट ने एसबीआई को आदेश दिया कि वो बॉन्ड की खरीद की तिथि, बॉन्ड नंबर के अलावा जो अल्फा न्यूमेरिक नंबर है और भुनाने की तारीख, उसका भी वह खुलासा करे.
साथ ही, सुप्रीम कोर्ट ने SC रजिस्ट्रार को आदेश दिया है कि वो सुप्रीम कोर्ट मे जमा डाटा को कल शाम 5 बजे तक चुनाव आयोग को सौंपे. कोर्ट ने ईसीआई को आदेश दिया है कि जो डेटा अदालत के पास है, वो रजिस्ट्री से मिलने के बाद पोर्टल पर प्रदर्शित करें.
सुप्रीम कोर्ट का आदेश और घटनाक्रम
सुप्रीम कोर्ट ने पिछले महीने की 15 तारीख को इलेक्टोरल बॉन्ड स्कीम अभियान ही को असंवैधानिक करार दे दिया था. साथ ही, एसबीआई को आदेश दिया था कि वह 12 अप्रैल 2019 के बाद जारी हुए और भुनाए गए सभी बॉन्ड की जानकारी चुनाव आयोग को दे जिसको चुनाव आयोग को 15 मार्च की शाम 5 बजे तक अपनी वेबसाईट पर पब्लिश करना था.
चुनाव आयोग ने एसबीआई से मिली जानकारी तो पब्लिश कर दी लेकिन जानकारी में बॉन्ड का नंबर न होने से राजनीतिक तापमान गर्म हो गया. कुछ लोगों का कहना था कि प्राप्त हुई जानकारी से ये तो साफ हुआ कि किसने चंदा दिया और किसको चंदा मिला लेकिन दानदाता और दान हासिल करने वालों का मिलान करने के लिए जिस अल्फा न्यूमेरिक नंबर की जरुरत थी, एसबीआई ने उसको अब तक नहीं बताया है.
एसबीआई को लगाई फटकार
सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट ने इलेक्टोरल बॉन्ड पर पूरा डेटा साझा नहीं करने के लिए स्टेट बैंक ऑफ इंडिया (SBI) को कड़ी फटकार लगाई. अदालत ने इस योजना को रद्द करते हुए एसबीआई को पिछले 5 वर्षों में किए गए दान पर सभी डिटेल शेयर करने का निर्देश दिया था. फटकार के अलावा सुप्रीम कोर्ट ने एसबीआई को बॉन्ड की विशिष्ट संख्या का खुलासा करने के सवाल पर नोटिस जारी करते हुए उसके पास संग्रहीत इलेक्टोरल बॉन्ड डेटा को चुनाव आयोग के पास वापस करने की अनुमति दी. सुप्रीम कोर्ट एसबीआई की ओर से हर चुनावी बॉन्ड पर छपे यूनिक अल्फान्यूमेरिक कोड को शेयर नहीं करने की याचिका पर सुनवाई कर रही थी. इस यूनिक नंबर से दानदाताओं को राजनीतिक दलों के साथ मिलाने में मदद मिलती.
चुनाव आयोग ने दी थी अर्जी
5 जजों की विशेष बेंच ने इस मामले की सुनवाई की. अब इस मामले में अगली सुनवाई सोमवार (18 मार्च) को होगी. दरअसल सुप्रीम कोर्ट ने स्टेट बैंक ऑफ इंडिया को चुनाव आयोग को इलेक्टोरल बॉन्ड खरीदने वाले सभी लोगों की जानकारी उपलब्ध कराने का आदेश दिया था. साथ ही चुनाव आयोग को ये सभी जानकारी अपनी वेबसाइट पर अपलोड करने का आदेश दिया था. चुनाव आयोग ने इसके अमल पर आदेश में संशोधन को लेकर एक अर्जी दाखिल की है, उसी पर आज सुनवाई हुई.
क्या चाहता है चुनाव आयोग
चुनाव आयोग ने सुप्रीम कोर्ट में जो अर्जी दी है, उसमें उसने सुप्रीम कोर्ट की ओर से 11 मार्च को पारित आदेश में संशोधन की मांग की है. इसमें आदेश के ऑपरेटिव हिस्से में कुछ स्पष्टीकरण या संशोधन की मांग की गई है. हालांकि इसकी विस्तृत जानकारी अभी नहीं मिली है.